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February 5, 2025 3:07 PM

पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन के विरोध में प्रदर्शन जारी, एनजीटी में जनहित याचिका दायर

"पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे का विरोध: एनजीटी में जनहित याचिका और प्रदर्शन जारी"

जबलपुर/इंदौर। मध्यप्रदेश के धार जिले के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे के निष्पादन को लेकर विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। शनिवार को प्रदर्शनकारी रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज की फैक्टरी के पास एकत्रित हुए, जहां पथराव की घटना भी सामने आई। इस दौरान कुछ वाहनों के कांच टूट गए, और पुलिस को प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए हस्तक्षेप करना पड़ा।

विरोध प्रदर्शन के बीच, नागरिक उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) भोपाल में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें शीघ्र सुनवाई की मांग की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जहरीले कचरे को जलाना पर्यावरण के लिए खतरनाक हो सकता है और इससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

क्या है पूरा मामला?

यह मामला भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद सामने आया है, जब यूनियन कार्बाइड द्वारा छोड़ा गया 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा पीथमपुर भेजा गया है। इस कचरे को रामकी एनवायरो इंडस्ट्रीज में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत जलाया जाना है। हालांकि, स्थानीय लोग इस प्रक्रिया का विरोध कर रहे हैं, उनका कहना है कि यह पर्यावरण के लिए खतरे की घंटी है।

गुरुवार से प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री के बाहर जुटकर विरोध किया। शुक्रवार को भी प्रदर्शन जारी रहा, और इसके बाद शनिवार को फैक्ट्री के पास पथराव की घटना हुई। पुलिस का कहना है कि यह पथराव एक अफवाह के कारण हुआ। अफवाह थी कि भोपाल से आए कंटेनरों को खोला जा रहा है और उनमें से कचरा बाहर निकाला जा रहा है। यह भी कहा गया कि एक मजदूर घायल हो गया है, लेकिन जांच में यह आरोप गलत साबित हुआ।

मुख्य सचिव का बयान

मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय से समय देने की अपील करेगी, ताकि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पहले भी यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाया गया था और सभी मानक पूरे किए गए थे, तभी सर्वोच्च न्यायालय ने अनुमति दी थी।

एसडीएम का बयान

स्थानीय एसडीएम प्रमोद कुमार गुर्जर ने कहा कि फैक्ट्री परिसर और इसके 100 मीटर दायरे में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा, “मैंने खुद सभी कंटेनरों का निरीक्षण किया है, और कोई भी कंटेनर खोला नहीं गया। यह सब अफवाहों के कारण हुआ है। हम कड़ी निगरानी रख रहे हैं, और इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।”

चक्काजाम पर एफआईआर

पीथमपुर में शुक्रवार को बंद के दौरान चक्काजाम करने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस ने तीन अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए हैं। इन मुकदमों में 383, 341, 149, 147 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।

कचरे को जलाने की प्रक्रिया पर कलेक्टर का बयान

इंदौर संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह ने शनिवार को कहा कि वर्तमान में केवल कंटेनरों को लाया गया है और कचरा जलाने की कोई प्रक्रिया अभी शुरू नहीं की गई है। उन्होंने कहा, “मैंने अधिकारियों के साथ रामकी प्लांट का दौरा किया और देखा कि कंटेनर सुरक्षित रूप से खड़े हैं। हम सभी सुझावों को सरकार और न्यायालय तक पहुंचाएंगे।”

धार कलेक्टर प्रियंक मिश्र ने भी अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि कोई मजदूर घायल नहीं हुआ है, और केवल कचरे को सुरक्षित रूप से रखा गया है।

उच्च न्यायालय में सुनवाई

इस मामले में उच्च न्यायालय में पहले से दायर जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई निर्धारित की गई है। इसके साथ ही इंदौर बेंच में दायर याचिका को भी संलग्न करके विचार किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने उच्च न्यायालय से शपथ पत्र दाखिल कर यूनियन कार्बाइड के कचरे के निष्पादन के लिए समय मांगने का निर्णय लिया है।

इस मुद्दे पर सरकार द्वारा जन जागरण अभियान चलाया जाएगा, ताकि जनता में इस प्रक्रिया के बारे में जागरूकता फैलाई जा सके और अफवाहों पर काबू पाया जा सके।

कचरे के निष्पादन की प्रक्रिया को लेकर हर स्तर पर न्यायालय और सरकार की मंजूरी के बाद ही कदम उठाए जाएंगे।

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