साल की सबसे लोकप्रिय उल्का बौछार पर्सिड्स: आज और कल आसमान में चमकेंगे 100 उल्कापिंड प्रति घंटा

नई दिल्ली। आसमान प्रेमियों और खगोल विज्ञान के शौकीनों के लिए मंगलवार और बुधवार की रात एक बेहद खास और मनमोहक खगोलीय नजारा देखने को मिलेगा। इस दौरान उल्काओं की चमकदार बारिश का दृश्य पूरे आसमान को जगमगाएगा। यह उल्का बौछार जिसे "पर्सिड्स" (Perseids) के नाम से जाना जाता है, हर साल जुलाई के मध्य से अगस्त के अंत तक सक्रिय रहती है। इस बार यह अपनी चरम सीमा पर 12 और 13 अगस्त को पहुंचेगी, जब हर घंटे 100 तक उल्कापिंड पृथ्वी के वायुमंडल से टकराकर प्रकाश की तेज चमक छोड़ेंगे।

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नासा ने दी खास जानकारी

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने पर्सिड्स उल्का बौछार को साल की सबसे लोकप्रिय और देखने लायक उल्का वर्षा बताया है। नासा के मुताबिक, पर्सिड्स का नाम आकाशगंगा में स्थित कन्या नक्षत्र (Perseus) के नाम पर रखा गया है क्योंकि यह उल्कापिंड इसी नक्षत्र की दिशा से आते हुए दिखाई देते हैं।

यह घटना स्विफ्ट-टटल धूमकेतु के पीछे छोड़े गए धूल के बादलों से पृथ्वी के गुजरने की वजह से होती है। उल्कापिंड छोटे-छोटे होते हैं, कुछ रेत के दाने जितने, लेकिन वे 36 मील प्रति सेकंड की तेज़ गति से वायुमंडल से टकराते ही जल उठते हैं और चमकीले निशान छोड़ते हैं, जो आकाश में एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं।

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स्विफ्ट-टटल धूमकेतु और इसका महत्व

स्विफ्ट-टटल धूमकेतु का व्यास लगभग 26 किलोमीटर है और यह लगभग हर 133 साल में सूर्य की परिक्रमा पूरी करता है। इसका पिछला पृथ्वी के पास आगमन वर्ष 1992 में हुआ था, जबकि अगला आगमन 2126 में होगा। इस बार 11 और 12 अगस्त को शुक्र और बृहस्पति ग्रहों का नजदीकी संगम भी खगोलीय दृश्य को और भी आकर्षक बना रहा है, जो कई दशकों में पहली बार इस स्तर पर होगा।

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देखने का आदर्श समय और अवधि

रॉयल ऑब्जर्वेटरी के अनुसार पर्सिड्स उल्का बौछार 24 अगस्त तक जारी रहेगी। इसे देखने के लिए सबसे उपयुक्त समय रात के लगभग 2 बजे से लेकर सुबह 4 बजे तक का माना गया है। इस समय आसमान साफ और अंधेरा होगा, जिससे उल्काओं की चमक पूरी तरह नजर आएगी। खासकर उस क्षेत्र में जहां आसमान पर प्रकाश प्रदूषण कम हो, वहां यह नजारा और भी शानदार दिखेगा।

इस उल्का वर्षा को देखने के लिए दूरबीन या टेलीस्कोप की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह पूरी आकाशगंगा में फैली हुई होती है और आंखों से ही आसानी से देखी जा सकती है। खगोल विज्ञान प्रेमी और सामान्य दर्शक दोनों के लिए यह एक अद्भुत अवसर है प्रकृति के इस दिव्य प्रदर्शन का आनंद लेने का।


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