जुलाई से सितंबर तक पर्यटकों की आवाजाही रहेगी प्रतिबंधित, बफर जोन में सफारी रहेगी चालू

पेंच नेशनल पार्क का कोर एरिया मानसून में तीन महीने बंद, बफर जोन रहेगा चालू

छिंदवाड़ा। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और सिवनी जिलों की सीमा पर स्थित मशहूर पेंच नेशनल पार्क का कोर एरिया 30 जून से तीन महीने के लिए बंद कर दिया गया है। मानसून सीजन में हर साल की तरह जुलाई, अगस्त और सितंबर में पार्क में पर्यटकों की आवाजाही पूरी तरह बंद रहेगी। इस दौरान मोगली छुट्टी पर रहेंगे और शेर सिंह, बघीरा जैसे वन्य जीव आराम फरमाएंगे

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🌧️ मानसून में पार्क बंद करने का उद्देश्य

पेंच टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार, पार्क को बंद करने का उद्देश्य वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास और सुरक्षा को बनाए रखना है। मानसून में जंगल में पानी भर जाता है और मिट्टी कमजोर हो जाती है, जिससे पर्यटकों की आवाजाही वन्यजीवों के लिए बाधक बन सकती है।

इसलिए हर वर्ष जुलाई से सितंबर तक कोर एरिया को बंद रखा जाता है।

पार्क अधिकारियों के अनुसार, यह कदम जंगल की जैव विविधता की रक्षा और बाघों व अन्य जानवरों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।

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🐅 कोर एरिया बंद, बफर जोन खुला

हालांकि कोर एरिया बंद रहेगा, लेकिन पर्यटक बफर जोन की सफारी के जरिए जंगल की प्राकृतिक सुंदरता और हरियाली का आनंद ले सकते हैं।
बफर ज़ोन में

  • जंगल की झलक
  • हरियाली
  • कुछ वन्य जीवों के दर्शन संभव होंगे
    लेकिन बाघ और अन्य बड़े शिकारी जानवरों की प्रत्यक्ष झलक मिलना कम ही संभव होगा।

🔐 सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं

पार्क प्रबंधन का कहना है कि कोर एरिया बंद होने के बावजूद वन विभाग की टीम गश्त करती रहेगी

  • संरक्षण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी
  • पार्क के रास्तों की मरम्मत और सफाई का कार्य भी मानसून के दौरान किया जाएगा
  • वन्यजीवों की गिनती, स्वास्थ्य और गतिविधियों की निगरानी जारी रहेगी

📅 एक अक्टूबर से फिर खुलेगा पार्क

अगर मौसम अनुकूल रहा तो पेंच नेशनल पार्क को 1 अक्टूबर से दोबारा पर्यटकों के लिए खोला जाएगा
इसके बाद पर्यटक फिर से शेर सिंह, बघीरा और मोगली की दुनिया का दीदार कर सकेंगे।


🌿 पेंच पार्क का महत्व

  • पेंच वही जंगल है जिसे रुडयार्ड किपलिंग की ‘जंगल बुक’ में मोगली का घर बताया गया है।
  • यह पार्क बाघ, तेंदुए, चीतल, सांभर, नीलगाय, भालू और कई पक्षियों की आवास स्थली है।
  • यहां भारतीय बाघ संरक्षण परियोजना (Project Tiger) के तहत बाघों की संख्या बढ़ाने और संरक्षण का कार्य लगातार जारी है।