- मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए आज केंद्र सरकार ने राज्य में दोनों समुयदों के साथ बैठक की
- मैतेई और कुकी समुदायों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाना था, ताकि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल की जा सके
इंफाल । मणिपुर में लंबे समय से जारी हिंसा और अशांति के बीच केंद्र सरकार ने शांति बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शनिवार को केंद्र ने मैतेई और कुकी समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसका उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाल करना और सहयोग को बढ़ावा देना था। यह बैठक मई 2023 से जारी संघर्ष के समाधान की दिशा में एक प्रयास मानी जा रही है। बैठक में राज्य की कानून-व्यवस्था को स्थिर करने और दोनों समुदायों के बीच संवाद की प्रक्रिया को गति देने पर विशेष जोर दिया गया।
प्रतिनिधिमंडलों की भागीदारी
इस बैठक में ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गनाइजेशन और फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी ऑर्गनाइजेशन (FOCS) के प्रतिनिधियों सहित मैतेई समुदाय का छह सदस्यीय दल और कुकी समुदाय के करीब नौ प्रतिनिधियों वाला दल शामिल हुआ। केंद्र सरकार की ओर से इंटेलिजेंस ब्यूरो के सेवानिवृत्त विशेष निदेशक ए.के. मिश्रा इस बातचीत का हिस्सा बने।
राज्यपाल अजय कुमार भल्ला की सक्रिय भूमिका
3 जनवरी को मणिपुर के राज्यपाल का कार्यभार संभालने वाले अजय कुमार भल्ला लगातार आमजन और संगठनों से मिलकर राज्य की स्थिति का फीडबैक ले रहे हैं। पूर्व केंद्रीय गृह सचिव भल्ला को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने व्यक्तिगत रूप से इस जिम्मेदारी के लिए चुना था। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद राज्यपाल ने शांति बहाली के लिए कई अहम पहल की हैं, जिनमें हथियार लूटने वालों से आत्मसमर्पण की अपील भी शामिल है।
लोकसभा में अमित शाह का जवाब
गुरुवार को लोकसभा में मणिपुर हिंसा पर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता राज्य में स्थायी शांति स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि केंद्र पहले ही दोनों समुदायों के संगठनों के साथ अलग-अलग स्तरों पर बातचीत कर चुका है, और अब जल्द ही संयुक्त बैठक भी बुलाई जाएगी। शाह ने यह भी दोहराया कि सरकार मणिपुर में हिंसा को समाप्त करने और सामान्य जीवन बहाल करने के लिए पूरी गंभीरता से काम कर रही है।