पटना उच्च न्यायालय को स्थायी मुख्य न्यायाधीश मिले, न्यायमूर्ति पी.बी. बजनथ्री बने मुख्य न्यायाधीश

पटना, 20 सितंबर (हि.स.)।
पटना उच्च न्यायालय को आखिरकार स्थायी मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। केंद्र सरकार ने उच्चत्तम न्यायालय के कॉलेजियम की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति पी.बी. बजनथ्री को पटना उच्च न्यायालय का नियमित मुख्य न्यायाधीश नियुक्त कर दिया है। वे 27 अगस्त 2025 से कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के रूप में दायित्व निभा रहे थे, लेकिन अब उन्हें पूर्णकालिक मुख्य न्यायाधीश की जिम्मेदारी सौंप दी गई है।

कार्यकारी से स्थायी मुख्य न्यायाधीश तक की यात्रा

जस्टिस बजनथ्री पिछले कुछ समय से कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पटना उच्च न्यायालय का नेतृत्व कर रहे थे। पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बिपुल एम. पंचोली के उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत होने के बाद यह पद रिक्त हो गया था। उस दौरान न्यायिक प्रशासन की निरंतरता बनाए रखने की जिम्मेदारी जस्टिस बजनथ्री पर आ गई थी, जिसे उन्होंने पूरी निष्ठा से निभाया। अब उनकी स्थायी नियुक्ति से न्यायिक व्यवस्था में स्थायित्व और मजबूती आने की उम्मीद है।

न्यायिक पृष्ठभूमि और शिक्षा

न्यायमूर्ति पी.बी. बजनथ्री का जन्म 23 अक्टूबर 1963 को कर्नाटक में हुआ। उन्होंने बेंगलुरु स्थित एसजेआरसी लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की और 1990 में कर्नाटक उच्च न्यायालय में वकालत की शुरुआत की। वकालत के दौरान उन्होंने संवैधानिक, प्रशासनिक और नागरिक मामलों में गहरी पकड़ बनाई।

वर्ष 1993-94 में वे कर्नाटक राज्य सरकार के लिए स्टैंडिंग काउंसल नियुक्त हुए। इसके बाद 2006 में केंद्र सरकार ने उन्हें नोटरी की जिम्मेदारी सौंपी। लंबे समय तक उन्होंने कानूनी सेवा के विभिन्न क्षेत्रों में अनुभव अर्जित किया, जिससे उनकी न्यायिक सोच और दृष्टिकोण और व्यापक हुआ।

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न्यायिक करियर

उनके न्यायिक करियर की शुरुआत 2 जनवरी 2015 को हुई, जब उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उसी वर्ष 16 मार्च को उनका तबादला पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया। यहां उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की और न्यायिक निष्पक्षता और कड़ाई से फैसले देने के लिए पहचाने गए।

वर्ष 2018 में वे पुनः कर्नाटक उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। इसके बाद 20 अक्टूबर 2021 को उनका स्थानांतरण पटना उच्च न्यायालय में कर दिया गया। तब से वे लगातार यहां न्यायिक कार्यों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

पटना उच्च न्यायालय में भूमिका

पटना उच्च न्यायालय में आने के बाद से ही जस्टिस बजनथ्री ने विभिन्न जटिल मामलों की सुनवाई की और अपने न्यायिक दृष्टिकोण से न्यायपालिका को मजबूती प्रदान की। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उन्होंने अदालत के प्रशासनिक कार्यों को कुशलता से संभाला। अब उनकी स्थायी नियुक्ति से न्यायिक प्रक्रियाओं में गति और पारदर्शिता आने की उम्मीद की जा रही है।

महत्व और अपेक्षाएं

जस्टिस बजनथ्री का अब तक का लंबा अनुभव, गहन कानूनी ज्ञान और न्यायिक कार्यों में उनकी सक्रियता, पटना उच्च न्यायालय की न्यायिक व्यवस्था को और सुदृढ़ करने में सहायक होगी। विधि विशेषज्ञों और अधिवक्ताओं का मानना है कि उनकी नेतृत्व क्षमता और प्रशासनिक दक्षता से न केवल अदालत की कार्यवाही तेज होगी बल्कि न्याय दिलाने की प्रक्रिया भी सरल और पारदर्शी बनेगी।

उनकी नियुक्ति से राज्य के न्यायिक तंत्र में स्थायित्व और विश्वास बढ़ेगा। न्यायालय से जुड़े अधिवक्ता भी मानते हैं कि एक अनुभवी और निष्पक्ष मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस बजनथ्री न्यायपालिका को नई दिशा देंगे।