- अभिनेत्री पायल घोष ने हाल ही में अपने जीवन के उन दो वर्षों का खुलासा किया
ग्लैमर की दुनिया जितनी चमकदार दिखती है, भीतर से उतनी ही अकेली और चुनौतीपूर्ण हो सकती है। अभिनेत्री पायल घोष ने हाल ही में अपने जीवन के उन दो वर्षों का खुलासा किया है, जब वह गहरे डिप्रेशन और एंग्जायटी से जूझ रही थीं। काम न मिलना, अकेलापन, और अपनों से उम्मीद टूट जाना – इन सबने मिलकर उन्हें मानसिक रूप से बुरी तरह प्रभावित किया।
“हर दिन जैसे एक बुरे सपने जैसा था”
पायल ने बताया कि फिल्मों और शोज़ से दूरी के चलते वह पूरी तरह खाली थीं। न कोई शूट, न सेट का माहौल, न संवाद। उन्होंने कहा, “इन दो सालों में मैंने महसूस किया कि चाहे इंडस्ट्री के पुराने रिश्ते हों या परिवार, कोई भी मुश्किल वक्त में साथ नहीं आता। मैं हफ्तों तक घर में बंद रही, कई रातें अकेले रोते हुए बीतीं।”
पेशेवर मदद बनी सहारा
पायल बताती हैं कि मानसिक स्वास्थ्य के बिगड़ते हालात को देखकर उन्होंने थेरेपी और दवाइयों का सहारा लिया। “अकेलापन मुझे अंदर से खा रहा था। डॉक्टरों की मदद और दवा ही एकमात्र रास्ता रह गया था। दो साल तक लगातार इस दौर से गुजरना बेहद कठिन रहा।”
“बचत भी खत्म होने लगी थी”
काम न मिलने की वजह से उनका आर्थिक संतुलन भी बिगड़ने लगा। पायल कहती हैं, “जो कुछ सेविंग्स थीं, वे भी धीरे-धीरे खत्म हो रही थीं। जिंदगी सिर्फ भावनात्मक रूप से ही नहीं, आर्थिक रूप से भी अस्थिर हो चुकी थी।”
अब लौट रही है उम्मीद
हालांकि, इस अंधेरे दौर के बाद अब कुछ रोशनी नज़र आ रही है। पायल ने कहा कि अब उन्हें फिर से काम के प्रस्ताव मिल रहे हैं और चीजें धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही हैं। “भगवान की कृपा से अब ऑफर्स मिलने लगे हैं। मैं चाहती हूं कि कोई और कलाकार इस तरह के दर्द से न गुज़रे। मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेना ज़रूरी है।”
“हर कलाकार के लिए जरूरी है सहारा”
पायल का यह बयान फिल्म इंडस्ट्री के उस पहलू को उजागर करता है, जहां संघर्षों के समय रिश्ते अक्सर गुम हो जाते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केवल ग्लैमर नहीं, बल्कि भावनात्मक सहयोग और सहानुभूति भी एक कलाकार के लिए उतनी ही ज़रूरी है।