पटना हाईकोर्ट का बड़ा आदेश : बिहार कांग्रेस को मोदी की मां का एआई वीडियो हटाने का निर्देश

पटना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत मां को लेकर बनाए गए एआई वीडियो मामले में पटना उच्च न्यायालय ने बुधवार को सख्त रुख अपनाते हुए कांग्रेस पार्टी को तगड़ा झटका दिया। अदालत ने कांग्रेस को निर्देश दिया है कि वह प्रधानमंत्री मोदी और उनकी मां से जुड़ा यह विवादित एआई वीडियो सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तुरंत हटा ले।

अदालत की नाराजगी

कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश पीबी बजंतरी की पीठ ने सुनवाई के दौरान इस मुद्दे को गंभीर माना और कहा कि यह वीडियो न केवल मर्यादा के खिलाफ है, बल्कि संवेदनाओं को आहत करने वाला भी है। अदालत ने कांग्रेस को आदेश दिया कि वह इस वीडियो की लाइव स्ट्रीमिंग रोकते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से तत्काल इसे हटाए।

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कांग्रेस को जवाब तलब

कोर्ट ने कांग्रेस पार्टी को इस मामले में दो सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही अदालत ने साफ किया कि यह आदेश अंतरिम रूप से तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

मामला कैसे शुरू हुआ?

हाल ही में बिहार कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया था। इस वीडियो में दिखाया गया कि प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत मां उनके सपनों में आती हैं और उनसे संवाद करती हैं। इसे एआई तकनीक से तैयार किया गया था।

वीडियो सामने आने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। भाजपा नेताओं ने कांग्रेस पर अमानवीय राजनीति का आरोप लगाया, वहीं विपक्षी दलों ने भी इस वीडियो को अनुचित करार दिया।

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आलोचना और विवाद

प्रधानमंत्री मोदी की मां को लेकर बनाए गए इस एआई वीडियो की चौतरफा आलोचना हुई। भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस जनता का ध्यान भटकाने और भावनाएं भड़काने के लिए इस तरह की घटिया राजनीति कर रही है। वहीं, केंद्र सरकार के वकील रत्नेश कुशवाहा ने अदालत में बताया कि यह मामला जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से कोर्ट के संज्ञान में लाया गया था।

पूर्व विवाद भी जुड़ा

यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस को मोदी की मां को लेकर विवाद का सामना करना पड़ा हो। इससे पहले दरभंगा में महागठबंधन की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की मां को लेकर विवादित टिप्पणी की गई थी, जिस पर भी काफी बवाल हुआ था।

कांग्रेस के लिए राजनीतिक झटका

विशेषज्ञों का मानना है कि पटना हाईकोर्ट का यह आदेश कांग्रेस के लिए एक बड़ा राजनीतिक झटका है। चुनावी माहौल में इस तरह के विवाद कांग्रेस की छवि पर नकारात्मक असर डाल सकते हैं।