- विपक्ष ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी
- शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा
भोपाल। संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया है। सत्र के पहले ही दिन लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। शोर-शराबे के कारण लोकसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि प्रश्नकाल के बाद ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत चर्चा कराई जाएगी और सरकार सभी सवालों के जवाब देगी। उन्होंने विपक्ष को चेताया कि संसद की गरिमा का ख्याल रखा जाए और पहले ही दिन इस प्रकार का आचरण अनुचित है। उन्होंने कहा, "हमें पुराने मिथक तोड़ने होंगे, यह चर्चा का मंच है, अवरोध का नहीं।"
पीएम मोदी का बयान: ऑपरेशन सिंदूर सफल, सैन्यशक्ति का प्रदर्शन
सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह सफल रहा। उन्होंने कहा, “हमारी सेना ने सिर्फ 22 मिनट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। यह भारत की नई सैन्य क्षमता का परिचायक है। ऑपरेशन के तहत निर्धारित लक्ष्य को 100% हासिल किया गया। इस सफलता में मेड इन इंडिया सैन्य उपकरणों की अहम भूमिका रही है।”
किन मुद्दों पर हो सकता है हंगामा?
संसद सत्र के पहले दिन ही यह साफ हो गया कि विपक्ष आक्रामक मुद्रा में है। ऑपरेशन सिंदूर के अलावा, विपक्ष भारत-पाक संघर्ष विराम, डोनाल्ड ट्रम्प के भारत को लेकर सीजफायर के दावों, बिहार वोटर लिस्ट में अनियमितताओं और मणिपुर जैसे मुद्दों पर भी प्रधानमंत्री से जवाब मांग रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला समेत तमाम प्रमुख नेता संसद भवन पहुंचे और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
संसद सत्र का कार्यक्रम
मानसून सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा। कुल 32 दिनों के सत्र में 18 बैठकें होंगी। स्वतंत्रता दिवस समारोह के चलते 13 और 14 अगस्त को संसद नहीं चलेगी। सरकार इस सत्र में 8 नए विधेयक पेश करेगी, जबकि 7 पुराने बिलों पर चर्चा कर पारित कराने की योजना है। इनमें मणिपुर GST संशोधन विधेयक 2025, नया इनकम टैक्स विधेयक, और नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल शामिल हैं। पहले दिन ही नया इनकम टैक्स बिल लोकसभा में पेश किया गया, जो पुराने 1961 के कानून को पूरी तरह बदलने वाला है। संसदीय समिति ने इस नए कानून पर 285 सुझाव दिए हैं और इसकी रिपोर्ट 622 पन्नों में तैयार की गई है।
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