October 15, 2025 11:47 PM

संसद का मानसून सत्र हंगामे की भेंट, आखिरी दिन भी विपक्ष का विरोध जारी

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संसद मानसून सत्र 2025: आखिरी दिन भी हंगामा, लोकसभा-राज्यसभा 2 बजे तक स्थगित

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र शुक्रवार को अपने अंतिम दिन भी हंगामे से घिरा रहा। विपक्ष के लगातार विरोध और नारेबाजी के कारण लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही आज भी ठीक से नहीं चल सकी और दोनों सदनों को दोपहर 2 बजे तक स्थगित करना पड़ा। इस तरह, एक महीने लंबे इस सत्र का अधिकांश समय राजनीतिक टकराव और विपक्ष-सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहसों में ही निकल गया।

सत्र की शुरुआत और कामकाज का हाल

मानसून सत्र की शुरुआत 21 जुलाई को हुई थी। उम्मीद थी कि इस बार कई अहम मुद्दों पर सार्थक चर्चा होगी, लेकिन हकीकत इसके उलट रही। विपक्ष की लगातार मांगों और सत्ता पक्ष की आक्रामकता के बीच बहुत कम कामकाज हो पाया

  • लोकसभा ने कुल 12 विधेयक पारित किए।
  • राज्यसभा ने 14 विधेयक पास किए।

हालांकि इनमें से ज्यादातर विधेयक बिना व्यापक चर्चा के या फिर विपक्ष के बहिष्कार के बीच पारित हुए।

सत्र में सबसे बड़ा मुद्दा: विपक्ष का हंगामा

विपक्षी सांसद इस पूरे सत्र के दौरान बिहार एसआईआर (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) पर चर्चा की मांग करते रहे। सत्ता पक्ष ने इसे टालने की कोशिश की, जिसके चलते लगातार हंगामा हुआ। विपक्ष का आरोप था कि सरकार जनता से जुड़े मुद्दों पर बहस से भाग रही है। इसी वजह से कई बार सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।

पहले दिन ही साफ हुआ रुख

सत्र के पहले दिन ही यह संकेत मिल गया था कि कामकाज सुचारू रूप से नहीं चलेगा। राज्यसभा में पहले दिन सिर्फ बिल ऑफ लैडिंग बिल, 2025 बिना किसी व्यवधान के पास हुआ। इसके बाद पास हुए सभी विधेयकों पर या तो बहुत कम चर्चा हुई या विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया।

लोकसभा में तीखी झड़प

सत्र के दौरान सबसे ज्यादा सुर्खियां उस दिन बनीं जब गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन अहम विधेयक पेश किए। विपक्षी सांसदों ने इनकी प्रतियां फाड़ दीं और कागज शाह की ओर उछाले। यह दृश्य संसद के इतिहास में एक और तकरार भरे पल के रूप में दर्ज हो गया।

इसी दौरान ऑनलाइन मनी गेम्स को लेकर सरकार का सख्त रुख भी सामने आया। लोकसभा ने ऑनलाइन गेमिंग प्रमोशन और रेगुलेशन बिल, 2025 पारित किया, जिसके तहत ऑनलाइन मनी गेम्स पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने का प्रावधान है।

राज्यसभा में शिक्षा पर अहम फैसला

राज्यसभा में इस सत्र के दौरान शिक्षा से जुड़ा एक अहम विधेयक पारित हुआ। इसमें असम की राजधानी गुवाहाटी में देश का 22वां भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) स्थापित करने का निर्णय लिया गया। यह फैसला ऐसे समय लिया गया है जब असम में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस कदम का सीधा असर राज्य की चुनावी राजनीति पर भी पड़ेगा।

संसद के कामकाज पर सवाल

इस पूरे मानसून सत्र में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तनाव इस हद तक बढ़ा कि जनता से जुड़े मुद्दे हाशिए पर चले गए। कई सांसदों और विशेषज्ञों ने चिंता जताई कि संसद बहस और विमर्श का मंच बनने की बजाय राजनीतिक टकराव का अखाड़ा बनती जा रही है।

मानसून सत्र 2025 भले ही संख्यात्मक दृष्टि से कई विधेयकों को पारित करने में सफल रहा हो, लेकिन गुणात्मक दृष्टि से यह बेहद कमजोर साबित हुआ। जिन बिलों पर गहन चर्चा की जरूरत थी, वे या तो जल्दबाजी में या फिर विपक्ष के बहिष्कार के बीच पारित हुए। आखिरी दिन तक जारी रहे हंगामे ने यह साफ कर दिया कि संसद का यह सत्र जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा



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