ऑपरेशन सिंदूर, डोनाल्ड ट्रम्प का बयान, बिहार में वोटर लिस्ट और अहमदाबाद हादसे जैसे मुद्दों पर गरमाएगा माहौल
संसद का मानसून सत्र कल से: विपक्ष ने 8 मुद्दों पर घेरने की बनाई रणनीति, सरकार पेश करेगी 8 विधेयक
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से आरंभ होने जा रहा है, जो 21 अगस्त तक चलेगा। सत्र से ठीक एक दिन पहले रविवार को केंद्र सरकार ने संसद भवन परिसर में सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के प्रमुख नेता शामिल हुए। बैठक का उद्देश्य संसद के इस सत्र को शांतिपूर्ण और उत्पादक बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सहयोग प्राप्त करना था।
बैठक में केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। विपक्ष की ओर से कांग्रेस, सीपीएम, टीएमसी, डीएमके समेत कई दलों के नेता शामिल हुए। यह बैठक ऐसे समय पर हुई है जब विपक्ष पहले से ही सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना चुका है।
विपक्ष ने 8 बड़े मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई
विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से शनिवार को ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई, जिसमें 24 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सीपीआई (एमएल) के दीपंकर भट्टाचार्य सहित प्रमुख विपक्षी नेताओं ने तय किया कि वे संसद में एकजुटता के साथ सरकार से जवाब मांगेंगे।
इन आठ प्रमुख मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरेगा:
- पहलगाम आतंकी हमला
- ऑपरेशन सिंदूर और उसमें विदेशी हस्तक्षेप की आशंका
- डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत-पाक संघर्ष में सीजफायर का दावा
- बिहार में मतदाता सूची में अनियमितताएं
- विदेश नीति में असफलताएं (विशेषकर पाकिस्तान, चीन और गाज़ा को लेकर)
- डिलिमिटेशन और जनसंख्या आधारित राजनीतिक प्रतिनिधित्व
- दलित, आदिवासी, पिछड़े, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार
- अहमदाबाद विमान हादसे जैसे अन्य मामलों पर भी जवाबदेही की मांग
विपक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि वे संसद को बाधित नहीं करना चाहते, लेकिन सरकार को इन विषयों पर जवाब देना ही होगा।
संसद में पेश होंगे 8 विधेयक, सरकार को आर्थिक सुधारों पर जोर
सरकार इस सत्र में 8 प्रमुख विधेयक संसद में पेश करने जा रही है, जिनमें शामिल हैं:
- राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक
- भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष संरक्षण विधेयक
- खान और खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक
इसके अतिरिक्त सरकार डिजिटल प्रतिस्पर्धा विधेयक, जीएटी न्यायाधिकरण विधेयक, सार्वजनिक खरीद विधेयक, और दिवालियापन एवं ऋणशोधन संहिता संशोधन विधेयक जैसे विधानों को भी प्राथमिकता दे रही है।
ऑपरेशन सिंदूर पर हो सकती है सरकार की ओर से सफाई
पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष सरकार की खुफिया एजेंसियों की विफलता और सैन्य कार्रवाई के अचानक रोके जाने पर सवाल खड़े करेगा। इसमें डोनाल्ड ट्रम्प की कथित मध्यस्थता को लेकर भी विवाद हो सकता है। सरकार सूत्रों का कहना है कि वह संसद में ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित तथ्यों को सामने रखने को तैयार है।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर भी चर्चा संभव
एक अन्य संवेदनशील मामला दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में आग लगने और उसमें करोड़ों रुपये नकद जलने का है। सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव ला सकती है, यदि वे पहले इस्तीफा नहीं देते। यह मुद्दा संसद में तीखी बहस का कारण बन सकता है।
इस बार का मानसून सत्र हंगामेदार होने की पूरी संभावना है। जहां सरकार विधायी कार्यों को प्राथमिकता देना चाहती है, वहीं विपक्ष प्रमुख राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार को कठघरे में खड़ा करने को तैयार है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में सार्थक बहस होती है या राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता है।
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