Trending News

February 15, 2025 7:50 PM

संसद में महाकुंभ हादसे पर हंगामा, वक्फ संशोधन विधेयक की रिपोर्ट पेश नहीं होगी

संसद में महाकुंभ हादसे पर हंगामा, वक्फ संशोधन विधेयक की रिपोर्ट पेश नहीं होगी | विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगासंसद में महाकुंभ हादसे पर हंगामा, वक्फ संशोधन विधेयक की रिपोर्ट पेश नहीं होगी | विपक्ष ने सरकार से जवाब मांगा

नई दिल्ली।

बजट सत्र के तीसरे दिन सोमवार को संसद में भारी हंगामे के बीच कार्यवाही शुरू हुई। विपक्ष ने महाकुंभ में भगदड़ से हुई मौतों का मुद्दा उठाते हुए सरकार से सही आंकड़े जारी करने की मांग की। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए सरकार को घेरने का प्रयास किया। विपक्षी दलों के नेताओं ने लगातार सरकार से जवाब मांगते हुए कहा, “सरकार कुंभ में हुई मौतों का आंकड़ा जारी करे। केंद्र सरकार होश में आओ, होश में आओ!”

स्पीकर ओम बिरला ने विपक्षी सांसदों को शांत रहने और प्रश्नकाल के नियमों का पालन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में महाकुंभ का उल्लेख किया गया है और इस विषय पर उचित समय पर चर्चा हो सकती है, लेकिन प्रश्नकाल के दौरान अन्य विषयों पर चर्चा नहीं की जा सकती। हालांकि, विपक्ष की नाराजगी कम नहीं हुई, और सदन में लगातार नारेबाजी जारी रही।

वक्फ संशोधन विधेयक की रिपोर्ट पेश करने पर रोक

संसद में सोमवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट पेश की जानी थी, लेकिन इसे टाल दिया गया। इससे पहले, 30 जनवरी को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी थी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे, और अन्य भाजपा सांसद मौजूद थे, लेकिन विपक्ष का कोई भी सदस्य उपस्थित नहीं था।

जेपीसी ने 29 जनवरी को रिपोर्ट को मंजूरी दी थी, जिसमें 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला, जबकि 11 सांसदों ने विरोध किया

विपक्ष का असहमति नोट: 428 पेज की रिपोर्ट में 281 पन्नों पर आपत्ति

जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष इस विधेयक को लेकर एक निश्चित एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि 428 पन्नों की रिपोर्ट में से 281 पन्नों पर विपक्ष ने असहमति नोट प्रस्तुत किया है।

मीडिया से बातचीत में जगदंबिका पाल ने कहा,
“हमने सभी गवाहों और तथ्यों पर विचार करने के बाद ही यह रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट में 44 खंड थे, जिनमें से 14 खंडों में संशोधन प्रस्तावित किए गए थे। हमने बहुमत के आधार पर मतदान कराया और इन संशोधनों को स्वीकार किया गया।”

हालांकि, समिति में मौजूद विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक का विरोध किया। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्हें 655 पन्नों की रिपोर्ट एक रात पहले दी गई थी, जिसे एक ही रात में पढ़ना असंभव था। उन्होंने रिपोर्ट पर असहमति जताई और कहा कि वह संसद में इस विधेयक का पुरजोर विरोध करेंगे।

संविधान और अंबेडकर के अनादर पर चर्चा की मांग

कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने संविधान और डॉ. भीमराव अंबेडकर के खिलाफ बढ़ते कथित अनादर के मामलों पर चर्चा के लिए राज्यसभा महासचिव को प्रस्ताव भेजा। उन्होंने अनुरोध किया कि आज के लिए सूचीबद्ध अन्य निर्धारित कार्यों को स्थगित कर इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की जाए।

संसद में जारी इन मुद्दों पर हंगामे के चलते कार्यवाही में कई बार रुकावट आई और स्पीकर को सदन स्थगित करने की चेतावनी भी देनी पड़ी। आगे देखने वाली बात होगी कि सरकार इन संवेदनशील मुद्दों पर विपक्ष को किस तरह जवाब देती है।


Share on facebook
Share on twitter
Share on linkedin
Share on whatsapp
Share on telegram
Share on pocket