बिहार मतदाता सूची पर विवाद गहराया, मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने बढ़ा
पांचवें दिन भी संसद स्थगित, बिहार मतदाता सूची और मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष का हंगामा
नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र लगातार विपक्षी विरोध और हंगामे की भेंट चढ़ता जा रहा है। शनिवार को भी संसद की कार्यवाही शुरू होते ही भारी हंगामे के कारण इसे दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। यह लगातार पांचवां दिन है जब विपक्ष के विरोध प्रदर्शन के कारण सदन का कामकाज बाधित हुआ है

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— SansadTV (@sansad_tv) July 25, 2025
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बिहार मतदाता सूची सत्यापन बना टकराव का केंद्र
विपक्षी दलों का विरोध मुख्य रूप से बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन के मुद्दे पर केंद्रित है। विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार इस प्रक्रिया के जरिए गरीब और वंचित तबके के मताधिकार को कमजोर करने की साजिश कर रही है।
शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा से लेकर नए संसद भवन के ‘मकर द्वार’ तक विरोध मार्च निकाला। वहां पहुंचकर नेताओं ने “स्पेशल इंसेंटिव रिवीजन” (SIR) लिखे पोस्टरों को फाड़ा और प्रतीकात्मक रूप से डस्टबिन में डाल दिया। इस दौरान ‘मोदी सरकार हाय-हाय’ के नारे भी लगे।
खड़गे बोले- संविधान का पालन नहीं कर रही केंद्र सरकार
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “केंद्र गरीबों को वोट देने से रोकना चाहती है और केवल एलीट वर्ग को ही मताधिकार देना चाहती है। यह संविधान के खिलाफ है। हमारी लड़ाई जारी रहेगी।” खड़गे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार लोकतंत्र के मूलभूत सिद्धांतों से खिलवाड़ कर रही है।

कमल हासन ने राज्यसभा में ली शपथ
इसी बीच शनिवार को प्रसिद्ध अभिनेता और मक्कल नीधि मैयम पार्टी के प्रमुख कमल हासन ने तमिल भाषा में राज्यसभा सदस्य के रूप में शपथ ली। शपथ ग्रहण के दौरान उन्हें सभी पक्षों से बधाई मिली।

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि छह महीने और बढ़ी
संसद के उच्च सदन राज्यसभा में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की अवधि को छह महीने और बढ़ाने का प्रस्ताव पारित कर दिया गया है। यह विस्तार 31 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को यह प्रस्ताव सदन में रखा था, जिसे मंजूरी मिल गई।
गौरतलब है कि मणिपुर में 13 फरवरी 2025 को तब राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था, जब मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस्तीफा दे दिया था। तब से राज्य में स्थायी राजनीतिक समाधान नहीं निकल पाया है, और कानून-व्यवस्था की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है।
मानसून सत्र में 15 से अधिक विधेयक होंगे पेश
इस बार का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 18 बैठकें होनी हैं। केंद्र सरकार इस सत्र में 8 नए विधेयक पेश करने जा रही है, जबकि 7 लंबित विधेयकों पर चर्चा और पारित किए जाने की संभावना है। स्वतंत्रता दिवस समारोह को ध्यान में रखते हुए 13 और 14 अगस्त को संसद की कार्यवाही स्थगित रहेगी।
विपक्ष के आक्रामक तेवर, सरकार पर दबाव
विपक्ष की आक्रामक रणनीति और सड़कों से संसद तक विरोध प्रदर्शनों ने केंद्र सरकार को दबाव में ला दिया है। विशेषकर बिहार मतदाता सूची सत्यापन और मणिपुर की स्थिति को लेकर सरकार से जवाबदेही की मांग लगातार तेज होती जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि विपक्ष की यह एकजुटता बनी रही तो मानसून सत्र का शेष भाग भी विवाद और टकराव की भेंट चढ़ सकता है।
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