पांढुर्णा गोटमार मेला 2025: पत्थरबाजी में 42 लोग घायल, प्रशासन ने धारा 144 लागू की
छिंदवाड़ा जिले के पांढुर्णा में शनिवार को परंपरा के नाम पर एक बार फिर खूनी खेल “गोटमार मेला” का आयोजन हुआ। सुबह 10 बजे से शुरू हुए इस मेले में जाम नदी के दोनों किनारों पर मौजूद पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों ने एक-दूसरे पर पत्थर बरसाना शुरू किया। दोपहर 12 बजे तक 42 लोग घायल हो चुके थे। प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए 6 अस्थाई स्वास्थ्य केंद्र बनाए हैं और मौके पर 600 पुलिस जवानों के साथ 58 डॉक्टर और 200 मेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है।
प्रशासन की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था
कलेक्टर अजय देव शर्मा ने एहतियातन धारा 144 लागू की है। गोटमार मेले में भारी सुरक्षा बल की तैनाती के बावजूद लोग एक-दूसरे पर लगातार पत्थरबाजी करते रहे। घायलों को प्राथमिकता के साथ नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया गया। बीएमओ डॉ. दीपेंद्र सलामे ने बताया कि लगातार घायल पहुंच रहे हैं और उनका इलाज तुरंत किया जा रहा है।

धार्मिक अनुष्ठान के बाद शुरू हुई पत्थरबाजी
मेले की शुरुआत से पहले दोनों गांवों के लोगों ने नदी में लगे झंडे और चंडी माता का पूजन किया। इसके बाद ही गोटमार की परंपरा के तहत पत्थर फेंकना शुरू हुआ।
बीच में अर्थी के कारण रुकी पत्थरबाजी
गोटमार के दौरान एक बुजुर्ग महिला की अर्थी निकल रही थी। इसे देखते हुए दोनों गांवों ने कुछ देर के लिए पत्थर फेंकना बंद कर दिया। जैसे ही अर्थी निकल गई, पत्थरबाजी दोबारा शुरू हो गई।
खौफनाक इतिहास: अब तक 13 लोगों की जान जा चुकी
1955 से 2023 तक गोटमार मेले में पत्थरबाजी की वजह से 13 लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग इस परंपरा में हाथ-पांव और आंखें खो चुके हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि अब तक किसी ने भी पुलिस थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं कराई, जिससे किसी तरह का केस दर्ज नहीं हुआ।

सवालों के घेरे में परंपरा
गोटमार मेले को लोग उत्साह से खेलते हैं, लेकिन जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके लिए यह दिन हमेशा शोक का दिन होता है। प्रशासन की मौजूदगी और सुरक्षा इंतजामों के बावजूद हर साल खून-खराबा और गंभीर चोटें इस परंपरा पर सवाल खड़े करते हैं।
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