पानीपत/कैराना। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार नोमान इलाही को लेकर हरियाणा पुलिस शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के शामली जिले के कैराना पहुंची। पुलिस को उसके पैतृक घर से बड़ी संख्या में संदिग्ध दस्तावेज और पासपोर्ट मिले हैं। इसके साथ ही नोमान के श्रीनगर भेजे जाने की योजना और स्लीपर सेल नेटवर्क की पुष्टि होने से राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसाओं की चिंता बढ़ गई है।
कड़ी सुरक्षा में पुलिस पहुंची कैराना, दस्तावेज जब्त
पानीपत पुलिस शुक्रवार सुबह दो गाड़ियों के काफिले में नोमान इलाही को लेकर बेगमपुरा बाजार स्थित उसके घर पहुंची। उसके चेहरे पर काला नकाब और हाथों में हथकड़ी थी। पुलिस की मौजूदगी से इलाके में संकट और सनसनी का माहौल बन गया।
पुलिस ने घर के अंदर करीब दो घंटे तलाशी अभियान चलाया और कई संदिग्ध पासपोर्ट, दस्तावेज व कागजात जब्त किए। सभी दस्तावेजों को जांच के लिए कब्जे में ले लिया गया है।
श्रीनगर से सेना की जानकारी भेजने का था निर्देश
अब तक की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। पुलिस के अनुसार नोमान इलाही को भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान श्रीनगर भेजे जाने की योजना थी।
उसके मोबाइल से मिली वॉट्सएप चैट से पता चला कि उसे श्रीनगर से सेना की गतिविधियों की जासूसी कर पाकिस्तान भेजने को कहा गया था। बदले में उसे हर सूचना के लिए मोटी रकम और आर्थिक सहयोग का वादा किया गया था। नोमान के खाते में हवाले के जरिए पाकिस्तान से पैसा आने की पुष्टि भी हुई है।
आईएसआई बना रही है यमुना खादर में स्लीपर सेल
नोमान की गिरफ्तारी के बाद यमुना खादर का इलाका एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सूत्रों के अनुसार आईएसआई द्वारा इस इलाके में सक्रिय स्लीपर सेल को मजबूत किया जा रहा है।
हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के युवा इनका सॉफ्ट टारगेट हैं। नोमान की पूछताछ में सामने आया है कि कैराना निवासी इकबाल काना को इस नेटवर्क को संभालने की जिम्मेदारी दी गई थी।
सूत्रों का दावा है कि इकबाल और उसके साथियों का कई अन्य युवकों से संपर्क था, जिन्हें अलग-अलग इलाकों में स्लीपर एजेंट के रूप में तैयार किया जा रहा था।
बढ़ सकती है जांच एजेंसियों की कार्रवाई
नोमान इलाही से पूछताछ जारी है और एनआईए, आईबी व मिलिट्री इंटेलिजेंस जैसे कई सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क की परतें खंगालने में जुट गई हैं। आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
यह मामला केवल एक व्यक्ति की जासूसी नहीं, बल्कि भारत में पाकिस्तानी खुफिया तंत्र के गहराते षड्यंत्र का संकेत देता है।
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