पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ट्रंप का दावा खारिज किया, कहा- भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता ठुकराई
भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर पाक विदेश मंत्री का बड़ा खुलासा, ट्रंप का दावा झूठा बताया, बोले- भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से किया इनकार
नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में हुए संघर्ष और उसके बाद लागू हुए संघर्ष विराम (सीजफायर) को लेकर पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार का बड़ा बयान सामने आया है। डार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि संघर्ष विराम उनके हस्तक्षेप से संभव हुआ। डार ने साफ कहा कि भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और यह हमेशा से एक द्विपक्षीय मुद्दा रहा है।
अल-जजीरा को दिया बड़ा बयान
अल-जजीरा चैनल को दिए एक विशेष इंटरव्यू में इशाक डार ने पहली बार माना कि भारत का रुख बेहद स्पष्ट रहा है—वह किसी तीसरे पक्ष की दखलअंदाजी को स्वीकार नहीं करता। जब उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान संघर्ष के दौरान तीसरे पक्ष की मध्यस्थता चाहता था, तो डार ने कहा, “हमें कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन भारत ने साफ तौर पर कह दिया कि यह एक द्विपक्षीय मामला है।”
BIG STATEMENT by PAK FM AGAINST ISRAEL
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce)
Pakistan wants to intervene militarily in Gaza against Israel- Pak FM Ishaq Dar to Al Jazeera 😳
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— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) September 16, 2025
Pakistan wants to intervene militarily in Gaza against Israel- Pak FM Ishaq Dar to Al Jazeera 😳
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ट्रंप के दावे पर सवाल
दरअसल, 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया था कि यह उनकी मध्यस्थता का नतीजा है। ट्रंप ने तब से लेकर अब तक 30 से ज्यादा बार यह बयान दोहराया है। हालांकि, भारत सरकार लगातार कहती रही है कि संघर्ष विराम दोनों देशों के सैन्य अभियान महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत से हुआ और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।
भारत का साफ रुख: द्विपक्षीय मुद्दा
इशाक डार ने बताया कि मई में जब उन्होंने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो से बातचीत की, तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भारत इस मुद्दे को केवल द्विपक्षीय मानता है और किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को मंजूर नहीं करेगा। 25 जुलाई को वॉशिंगटन में हुई अगली बैठक में भी यही बात दोहराई गई कि भारत इस मामले में बाहरी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं करता।
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पाकिस्तान की पेशकश: बातचीत को तैयार
इशाक डार ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान किसी से भी बातचीत करने के लिए तैयार है और उसका मानना है कि शांति की राह संवाद से ही निकलती है। उन्होंने कहा, “हम किसी से भी बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन बातचीत के लिए दो पक्षों की जरूरत होती है। हम किसी चीज की भीख नहीं मांग रहे हैं। अगर भारत बातचीत का जवाब देता है, तो हम आज भी बातचीत के लिए तैयार हैं।”
बीजेपी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
इशाक डार के बयान के बाद भारतीय राजनीति में भी हलचल मच गई। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि पाकिस्तान के अपने विदेश मंत्री ने साफ कर दिया है कि भारत ने कभी भी किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। उन्होंने लिखा, “राहुल गांधी ध्यान से सुनिए, पाकिस्तान का भी यही कहना है। झूठ फैलाना और पाकिस्तान का दुष्प्रचार दोहराना बंद करो।”
संघर्ष की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसके जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इस दौरान दोनों देशों के बीच चार दिनों तक संघर्ष चला और 10 मई को संघर्ष विराम लागू हुआ।
पाकिस्तान का संदेश
डार ने कहा कि पाकिस्तान एक शांतिप्रिय देश है और वह हमेशा बातचीत के जरिए विवाद सुलझाना चाहता है। लेकिन उन्होंने यह भी दोहराया कि बातचीत के लिए भारत की सहमति जरूरी है। पाकिस्तान किसी भी मंच पर वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन जब तक भारत तैयार नहीं होता, तब तक कोई ठोस परिणाम निकलना संभव नहीं है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री के इस बयान से स्पष्ट हो गया है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम पूरी तरह दोनों देशों के बीच सीधे संवाद से हुआ था और ट्रंप का दावा केवल राजनीतिक प्रचार था। यह बयान न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका के दावे को कमजोर करता है बल्कि भारत की उस स्थिति को भी मजबूत करता है कि वह अपने पड़ोसी के साथ किसी तीसरे पक्ष के बिना ही विवाद सुलझाना चाहता है।
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