श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में जांच एजेंसियों को बड़ी सफलता मिली है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा रविवार को गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों ने पूछताछ में हमले में शामिल तीन आतंकियों में से एक की पहचान 'सुलेमान शाह' के रूप में की है। यह पहला मौका है जब इस हमले में शामिल किसी आतंकी की पहचान औपचारिक रूप से सामने आई है।
सुलेमान शाह—पहचान और कनेक्शन
गिरफ्तार आरोपियों परवेज अहमद जोठर और बशीर अहमद जोठर ने बताया कि सुलेमान शाह उन्हीं तीन आतंकियों में से एक है जिन्होंने इस साल पहलगाम में पर्यटकों पर हमला किया था। यह हमला घाटी में आतंकवाद की वापसी का संकेत माना जा रहा था।
जानकारी के मुताबिक, सुलेमान शाह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नेटवर्क का हिस्सा है। पहले से ही इस नेटवर्क के कुछ नामों जैसे हाशिम मूसा, तल्हा भाई और जुनैद की पहचान हो चुकी है। जुनैद पिछले साल एक मुठभेड़ में मारा गया था। उसके मोबाइल फोन से जो तस्वीरें बरामद हुई थीं, उनमें सुलेमान शाह की भी एक फोटो थी। हमले के पीड़ित परिवारों ने इस फोटो की पुष्टि की है।
फोटो की पहचान, लेकिन स्केच जारी नहीं
कश्मीर पुलिस ने अब तक सुलेमान शाह का आधिकारिक स्केच जारी नहीं किया है, लेकिन एनआईए और पीड़ित परिवारों की ओर से उसकी तस्वीर की पहचान पक्की मानी जा रही है। सुलेमान का नाम सामने आने से सुरक्षा एजेंसियों के लिए उसकी तलाश और नेटवर्क की पहचान में अहम मदद मिलेगी।
दो स्थानीय मददगार गिरफ्तार, पांच दिन की रिमांड मंजूर
एनआईए ने रविवार को पहलगाम के बटकोट और हिलपार्क इलाकों से परवेज और बशीर अहमद जोठर को गिरफ्तार किया था। दोनों पर आतंकियों को पनाह देने और हमले की साजिश में मदद करने का आरोप है। सोमवार को दोनों को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रितेश कुमार दुबे की अदालत में पेश किया गया, जहां एनआईए ने पांच दिन की रिमांड की मांग की। कोर्ट ने इसे मंजूर कर लिया है।
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लश्कर-ए-तैयबा से संबंध की पुष्टि
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में स्पष्ट किया कि हमले को अंजाम देने वाले तीनों आतंकी पाकिस्तानी नागरिक थे और वे प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। एनआईए अब इन बयानों के आधार पर आतंकियों की आवाजाही, ठिकानों और नेटवर्क की पड़ताल कर रही है।
राजनीतिक और सुरक्षा महत्व
पहलगाम आतंकी हमला देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरा था। हमले के बाद केंद्रीय एजेंसियों और स्थानीय पुलिस पर तेजी से जांच का दबाव था। अब जबकि एक आतंकी की पहचान हो गई है और स्थानीय मददगारों की गिरफ्तारी से पुख्ता सुराग मिले हैं, जांच एक निर्णायक दिशा में बढ़ती नजर आ रही है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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