ऑपरेशन सिंदूर: आत्मनिर्भर भारत की रणनीतिक शक्ति — राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधन

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए आतंकवाद विरोधी ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की हत्या के कायरतापूर्ण कृत्य का भारत ने निर्णायक और सटीक जवाब दिया, जिससे यह साबित हुआ कि सशस्त्र बल हर

परिस्थिति में सक्षम हैं।

एकता और कूटनीतिक समर्थन

राष्ट्रपति ने आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में देश की एकता को सबसे बड़ी ताकत बताया और कहा कि यह उन शक्तियों को करारा उत्तर है जो भारत को विभाजित करना चाहती हैं। विदेश नीति में भी यह एकता झलकी, जब बहुदलीय सांसद प्रतिनिधिमंडलों ने विभिन्न देशों में भारत का पक्ष मजबूती से रखा।

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रक्षा क्षेत्र में नया युग

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर स्वदेशी रक्षा उपकरणों और तकनीक से पूरा किया गया, जो आत्मनिर्भर भारत के रक्षा इतिहास में एक नया अध्याय है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आक्रमणकारी नहीं है, लेकिन नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी सीमा तक जाएगा।

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण

उन्होंने जलवायु परिवर्तन को गंभीर चुनौती बताते हुए जीवनशैली और दृष्टिकोण में बदलाव की अपील की। राष्ट्रपति ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और प्राकृतिक धरती छोड़नी चाहिए।

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संविधान, लोकतंत्र और अर्थव्यवस्था

राष्ट्रपति ने संविधान और लोकतंत्र को सर्वोपरि बताते हुए न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता के मूल्यों को भारत की मजबूत नींव बताया। उन्होंने कहा कि 6.5% वृद्धि दर के साथ भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और गरीबी उन्मूलन में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

बुनियादी सुविधाएं और डिजिटल प्रगति

उन्होंने भारतमाला परियोजना, रेलवे आधुनिकीकरण, जल जीवन मिशन, मेट्रो विस्तार और आयुष्मान भारत योजना को उल्लेखनीय उपलब्धियां बताया। डिजिटल भारत और एआई मिशन को शासन सुधार व वैश्विक नेतृत्व की दिशा में अहम कदम बताया।

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युवा, महिलाएं और हाशिये के वर्ग — विकास के स्तंभ

राष्ट्रपति ने युवाओं, महिलाओं और वंचित वर्गों को प्रगति के तीन स्तंभ बताया। नारी शक्ति वंदन अधिनियम, अंतरिक्ष में गगनयान मिशन, शतरंज में अंतरराष्ट्रीय सफलता और खेल नीति 2025 को भविष्य के लिए प्रेरणास्रोत बताया।

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स्वदेशी और भ्रष्टाचार विरोध

उन्होंने सभी देशवासियों से स्वदेशी उत्पाद अपनाने और भ्रष्टाचार के खिलाफ संकल्प लेने का आह्वान किया। संबोधन का समापन उन्होंने राष्ट्र निर्माण में सभी की भागीदारी और स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं के साथ किया।


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