भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का माकूल जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंक के अड्डों को निशाना बनाया। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना के अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों और SCALP मिसाइलों की भूमिका निर्णायक रही। इन हथियारों की मारक क्षमता ने आतंकियों के मजबूत बंकरों और जमीन के नीचे छिपे ठिकानों को भी राख कर दिया।
🔥 SCALP मिसाइल: भारत की ‘अंडरग्राउंड स्ट्राइक’ क्षमता का प्रतीक
SCALP (Système de Croisière Autonome à Longue Portée) मिसाइल को विशेष रूप से दुश्मन के गहरे बंकरों और फोर्टिफाइड स्ट्रक्चर्स को तबाह करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी सबसे बड़ी ताकत इसकी लॉन्ग-रेंज स्टैंड-ऑफ क्षमता है, जिससे यह दुश्मन की सीमा में प्रवेश किए बिना ही सटीक हमला कर सकती है।
🔹 SCALP मिसाइल की खासियतें:
- रेंज: लगभग 500 किलोमीटर
- गाइडेंस: GPS और TERCOM सिस्टम से लैस
- वारहेड: 450 किलोग्राम का BROACH पेनिट्रेटर वॉरहेड
- सटीकता: मीटर लेवल पर टारगेट हिट करने की क्षमता
- मिशन प्रोफाइल: जमीन के बहुत करीब उड़ते हुए रडार से बचाव और अंतिम समय में तेज़ गोता मारकर टारगेट पर वार
SCALP की यही खासियतें इसे भूमिगत आतंकी ठिकानों को नष्ट करने में सबसे प्रभावी बनाती हैं।

🛫 राफेल की भूमिका: आसमान से मौत बनकर बरसे
भारतीय वायुसेना के राफेल जेट्स ने इस ऑपरेशन को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाई। इन फाइटर जेट्स में लगे SCALP मिसाइल सिस्टम ने आतंकियों के मजबूत बंकरों को पलभर में ध्वस्त कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, हमले की टाइमिंग रात डेढ़ बजे की थी, जब दुश्मन की सतर्कता सबसे कम होती है।
राफेल के जरिए SCALP को लॉन्च करने से पहले आतंकियों की गतिविधियों की विस्तृत निगरानी की गई थी। इसके बाद हमले को अंजाम दिया गया।
🎯 कैसे काम किया ऑपरेशन सिंदूर ने?
- इंटेलिजेंस इनपुट: जैश, लश्कर और हिज्बुल के आतंकी ठिकानों की पहचान की गई।
- राफेल तैयार: हथियारबंद राफेल विमानों को ऑपरेशन के लिए रात में उड़ान भरने का आदेश दिया गया।
- SCALP लॉन्च: राफेल जेट्स ने सीमा से काफी दूरी पर रहते हुए SCALP मिसाइलें लॉन्च कीं।
- सटीक हमले: बंकरों, सुरंगों और भूमिगत ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई।
सेना का संदेश साफ: आतंक की जड़ पर वार
भारतीय सेना ने साफ कहा है कि इस हमले का उद्देश्य सिर्फ आतंकी ठिकानों को खत्म करना था, किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को टारगेट नहीं किया गया। ऑपरेशन की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारत आतंक के खिलाफ अब सख्त, स्मार्ट और सटीक रणनीति अपना चुका है।