राज्यसभा में दो दिन, 16 घंटे तक चलेगी विस्तृत बहस– खेल विधेयकों को लेकर लोकसभा में सरकार की बड़ी पहल
ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा तय, खेल सुधार के दो विधेयक लोकसभा में पेश
नई दिल्ली।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले और उसके जवाब में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद के दोनों सदनों में अगले सप्ताह चर्चा होगी। इस बाबत बुधवार को राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में निर्णय लिया गया। बीएसी की बैठक में तय किया गया कि राज्यसभा में 16 घंटे यानी दो दिन तक इस अत्यंत महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की जाएगी।
राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने बैठक के बाद बताया कि बैठक उपसभापति हरिवंश की अध्यक्षता में हुई। तिवारी ने कहा, “यह एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। इसलिए विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री की मौजूदगी की मांग की गई, जिसे सत्तापक्ष ने खारिज नहीं किया है।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल 23 से 26 जुलाई तक ब्रिटेन और मालदीव के दौरे पर हैं। विपक्ष चाहता है कि चर्चा उन्हीं की उपस्थिति में हो। इसीलिए चर्चा को अगले सप्ताह के लिए स्थगित किया गया है। पहले लोकसभा में और फिर राज्यसभा में यह बहस कराई जाएगी।
राज्यसभा में हंगामे से बाधित रही कार्यवाही
दूसरी ओर बुधवार को राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन हंगामे की भेंट चढ़ गई। जैसे ही दोपहर 2:00 बजे कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इसके चलते सदन की कार्यवाही गुरुवार सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। गुरुवार को सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों को विदाई दी जाएगी।

खेल क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल: लोकसभा में दो बड़े विधेयक पेश
राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 लोकसभा में प्रस्तुत
सरकार ने खेल संघों में पारदर्शिता, जवाबदेही और खिलाड़ियों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 को बुधवार को लोकसभा में पेश किया। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने शोर-शराबे के बीच विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया।

विधेयक के प्रमुख प्रावधान:
- खेल विवादों के शीघ्र समाधान हेतु कानूनी ढांचा
- निष्पक्ष चुनावों के लिए राष्ट्रीय खेल चुनाव पैनल की स्थापना
- एक राष्ट्रीय खेल बोर्ड का गठन
- मान्यता प्राप्त संघों का पंजीकरण और निगरानी
- खिलाड़ियों के लिए ‘सेफ स्पोर्ट्स पॉलिसी’, विशेषकर महिलाओं और बाल खिलाड़ियों की सुरक्षा
- खेल संघों को सूचना के अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सार्वजनिक संस्था घोषित करना
- केवल मान्यता प्राप्त संस्थानों को ही सरकार से वित्तीय सहायता
इस विधेयक का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि खेल संघ सुशासन के उच्च मानकों का पालन करें और उत्कृष्ट खिलाड़ियों को प्रतिनिधित्व मिले।
राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक भी पेश
इसके साथ ही सरकार ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी (संशोधन) विधेयक, 2025 भी लोकसभा में पेश किया। यह विधेयक 2022 के अधिनियम में संशोधन के रूप में लाया गया है और इसका मकसद विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (WADA) के मानकों के अनुरूप भारतीय व्यवस्था को मजबूत बनाना है।
प्रमुख बिंदु:
- राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) और राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल) के संचालन की संरचना में सुधार
- डोपिंग रोधी राष्ट्रीय बोर्ड की स्थापना
- सुनवाई और अपील की प्रक्रिया को कानूनी ढांचे में शामिल करना
- डोपिंग परीक्षण और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए नाडा के नियमों को मान्यता देना
- अधिक पारदर्शी, उत्तरदायी और विश्वसनीय प्रणाली विकसित करने पर जोर
इन दोनों विधेयकों को लेकर संसद के आगामी सत्रों में गहन चर्चा की संभावना है, और खेल क्षेत्र में यह एक ऐतिहासिक संरचनात्मक बदलाव माना जा रहा है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा | और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!