भारत के जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मच गया है, और दुनिया भर से इस कार्रवाई पर प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। आइए जानते हैं कि अन्य देशों और नेताओं ने क्या कहा:
1. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बयान:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने पहलगाम हमले को शर्मनाक बताया और कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह संघर्ष जल्दी खत्म हो जाएगा।” ट्रंप ने यह भी कहा कि यह क्षेत्र दशकों से संघर्ष में लिप्त रहा है, और स्थिति में कोई भी बदलाव होने से पहले यह तनाव घटने की संभावना नहीं है।
2. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का बयान:
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान दोनों से संयम बरतने की अपील की। उनके प्रवक्ता ने कहा, “दुनिया किसी भी सैन्य टकराव को बर्दाश्त नहीं कर सकती और दोनों देशों से अधिकतम सैन्य संयम बरतने का आह्वान किया गया है।” गुटेरेस ने चिंता जताई कि यह तनाव पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है और इसे बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जाने चाहिए।
3. अमेरिकी कांग्रेसी श्री थानेदार का बयान:
अमेरिकी कांग्रेसी श्री थानेदार ने कहा कि युद्ध कभी समाधान नहीं होता, लेकिन जब आतंकवाद का सामना करना होता है, तो यह जरूरी है कि आतंकवादियों को दंडित किया जाए। उन्होंने भारत और अमेरिका के बीच सहयोग की बात करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “इस तरह की आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ कदम उठाने के परिणाम होने चाहिए, और यह कार्रवाई सभी देशों के लिए एक उदाहरण होनी चाहिए।”
4. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत की कार्रवाई को न केवल सैन्य कार्रवाई बताया, बल्कि इसे युद्ध के कदम के रूप में पेश किया। शहबाज ने पाकिस्तान के मीडिया के जरिए यह भी कहा कि पाकिस्तान को इस हमले का जवाब देने का पूरा अधिकार है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “पाकिस्तान को इस युद्ध के कृत्य का जवाब देने का अधिकार है और हम इसे पूरे देश की ताकत के साथ करेंगे।”
5. चीन की प्रतिक्रिया:
चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की है। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरे की स्थिति उत्पन्न कर सकता है। चीनी सरकार ने दोनों देशों से बातचीत के जरिए समस्या हल करने की सलाह दी। चीन ने यह भी कहा कि भारतीय सेना की कार्रवाई से दोनों देशों के बीच युद्ध की संभावना बढ़ सकती है, और इसे नियंत्रित करने के लिए राजनीतिक समाधान की आवश्यकता है।
6. रूस का बयान:
रूस ने भारतीय कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह भारत के इस कदम को आतंकवाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण प्रयास मानता है। रूस के विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संयम बनाए रखने का आह्वान करते हुए दोनों देशों से स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने की अपील की है। रूस ने यह भी कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी टकराव की स्थिति से बचने के लिए प्रयासरत रहेगा।
7. ब्रिटेन का बयान:
ब्रिटेन के विदेश सचिव ने भारतीय कार्रवाई पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि यह स्थिति दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव को और बढ़ा सकती है। ब्रिटिश सरकार ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने और बातचीत के माध्यम से समस्या हल करने का आग्रह किया। ब्रिटेन ने यह भी कहा कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सभी पक्षों को संयम बरतने की आवश्यकता है।
8. फ्रांस का बयान:
फ्रांस ने भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई भी कार्रवाई अत्यंत महत्वपूर्ण है। फ्रांसीसी सरकार ने इस ऑपरेशन को सही ठहराते हुए आतंकवाद को वैश्विक खतरे के रूप में परिभाषित किया और कहा कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। हालांकि, फ्रांस ने दोनों देशों से सैन्य टकराव से बचने की अपील की और शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत को माना।
9. नेपाल का बयान:
नेपाल ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता व्यक्त की और दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की। नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा, “हम आशा करते हैं कि भारत और पाकिस्तान शांति से इस मुद्दे को हल करेंगे और सैन्य कार्रवाई से बचने का प्रयास करेंगे।” नेपाल ने क्षेत्रीय शांति बनाए रखने का महत्व बताया और इस संघर्ष से नेपाल को कोई भी प्रतिकूल प्रभाव न पड़ने की उम्मीद जताई।
निष्कर्ष:
भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर की गई सटीक कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अलग-अलग प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कुछ देशों ने भारत के इस कदम को आतंकवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण माना, जबकि कुछ ने सैन्य टकराव से बचने की अपील की। इस बीच, पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को युद्ध के रूप में स्वीकार किया और इसका विरोध किया। यह स्थिति आगे चलकर किस दिशा में जाती है, यह समय बताएगा, लेकिन फिलहाल यह मुद्दा वैश्विक मंच पर चर्चा का प्रमुख विषय बना हुआ है।