लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा नहीं हो सकी, विपक्ष के हंगामे से कार्यवाही तीन बार स्थगित

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के छठे दिन सोमवार को लोकसभा में बहुप्रतीक्षित ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा शुरू नहीं हो सकी। सरकार की ओर से 16 घंटे की बहस के लिए समय निर्धारित किया गया था, लेकिन विपक्ष द्वारा बिहार में वोटर वेरिफिकेशन से जुड़े "स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR)" मुद्दे को लेकर किए गए विरोध और शोर-शराबे के चलते सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी।

विपक्ष ने वादे से पलटी: रिजिजू

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के रवैये पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि जब सभी दलों ने पहले ही सहमति दी थी कि सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की जाएगी, तो चर्चा शुरू होने से महज 10 मिनट पहले नई शर्तें थोपना अस्वीकार्य है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष अब कह रहा है कि पहले सरकार यह वादा करे कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद SIR मुद्दे पर भी चर्चा होगी, तभी वे इस पर बहस में शामिल होंगे। इसे उन्होंने एक राजनीतिक धोखा करार दिया और कहा कि विपक्ष अपने ही वादे से मुकर गया है।

रिजिजू ने सदन में दो टूक कहा, "संसद इस तरह नहीं चल सकती। जब सर्वसम्मति बन चुकी हो, तो अंतिम क्षण में अड़चनें पैदा करना लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है।"

विपक्ष का आरोप: SIR पर चर्चा पहले हो

वहीं विपक्ष का कहना है कि बिहार में चल रही वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया में व्यापक अनियमितताएं हो रही हैं, जिन पर सरकार को जवाब देना चाहिए। विपक्ष चाहता है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर पहले चर्चा हो, उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर। इसी मांग को लेकर विपक्षी सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान भी हंगामा किया।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने विपक्ष से नाराज़गी जताते हुए कहा, "क्या आप लोग संसद चलने नहीं देना चाहते? प्रश्नकाल जनता के सवालों का सबसे ज़रूरी मंच होता है, लेकिन आप बार-बार उसे बाधित कर रहे हैं।"

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कार्यवाही बार-बार स्थगित

हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही पहले 12 बजे तक स्थगित हुई, फिर दोबारा जब दोपहर में कार्यवाही शुरू हुई तो हंगामा जारी रहने के कारण तीसरी बार दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई।

सरकार की योजना के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को ऑपरेशन सिंदूर पर बहस की शुरुआत करनी थी। गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी इस विषय पर सरकार का पक्ष रखने के लिए तैयार रखा गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे, लेकिन चर्चा शुरू ही नहीं हो सकी।

राज्यसभा में भी हंगामा, कांग्रेस को सिर्फ 2 घंटे

राज्यसभा में भी हालात कुछ अलग नहीं रहे। यहां भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया, जिससे राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। हालांकि, यहां चर्चा के लिए निर्धारित 16 घंटे में से कांग्रेस को मात्र 2 घंटे का समय मिला है। नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बहस की शुरुआत करनी है।

इस बीच, कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के बयान ने नई बहस को जन्म दे दिया है। उन्होंने अपने वक्तव्य में पाकिस्तान को लेकर नरमी दिखाई, जिस पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। जोशी ने कहा कि, "जब ये लोग सत्ता में थे, तब भी पाकिस्तान को क्लीन चिट देते थे। इस तरह के बयान पाकिस्तान को प्रोत्साहित करते हैं।"

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शशि थरूर का 'मौन व्रत'

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर बोलने से इनकार कर दिया और मीडिया से बातचीत में बताया कि "आज मैं मौन व्रत पर हूँ, इसलिए कोई बयान नहीं दूंगा।"

संसद का मानसून सत्र लगातार टकराव और गतिरोध का शिकार होता जा रहा है। एक तरफ सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत बहस के लिए तैयार है, तो दूसरी तरफ विपक्ष बिहार में हो रहे मतदाता सत्यापन अभियान पर चर्चा की मांग को प्राथमिकता दे रहा है। इस खींचतान का खामियाजा देश की जनता को उठाना पड़ रहा है, जो संसद से जवाब और समाधान की उम्मीद करती है।



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