पाकिस्तान को लेकर स्पष्ट नीति, आतंकवाद पर भारत का ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ संदेश दुनिया तक पहुंचाया
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेशों से लौटे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल (ऑल पार्टी डेलिगेशन) के सभी सदस्यों से मुलाकात की। यह मुलाकात औपचारिक नहीं बल्कि सौहार्दपूर्ण माहौल में एक ‘हाई-टी’ डिनर के रूप में हुई, जिसमें सांसदों ने अपनी यात्राओं के अनुभव साझा किए और आतंकवाद पर भारत के दृष्टिकोण को लेकर दुनिया में बनी सकारात्मक छवि के बारे में जानकारी दी।
🌍 33 देशों में भेजे गए थे 59 प्रतिनिधि
केंद्र सरकार की पहल पर 59 सदस्यों का यह डेलिगेशन 33 देशों के दौरे पर गया था। इनमें 51 सांसद और 8 राजदूत शामिल थे। उद्देश्य था – भारत की आतंकवाद-विरोधी नीति और ऑपरेशन सिंदूर के पीछे की रणनीतिक सोच को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट करना।

इस डेलिगेशन का नेतृत्व सात वरिष्ठ सांसदों ने किया, जिनमें शामिल थे:
- रविशंकर प्रसाद (भाजपा)
- बैजयंत पांडा (भाजपा)
- संजय कुमार झा (जदयू)
- कनिमोझी करुणानिधि (DMK)
- सुप्रिया सुले (NCP – शरद पवार गुट)
- श्रीकांत एकनाथ शिंदे (शिवसेना – शिंदे गुट)
- शशि थरूर (कांग्रेस)
🔎 विश्व को दिए गए पांच अहम संदेश
सांसदों ने अलग-अलग देशों में उच्च स्तरीय बैठकों में पांच प्रमुख बिंदुओं पर ज़ोर दिया, जिससे भारत का बदला हुआ दृष्टिकोण स्पष्ट हो सके:
- आतंकवाद पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ नीति:
ऑपरेशन सिंदूर की बारीकी से जानकारी दी गई कि यह केवल आतंकियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाने वाला एक मापा-तौला अभियान था। - पाकिस्तान की भूमिका को उजागर किया:
सांसदों ने पहलगाम हमले में TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) जैसे पाक समर्थित आतंकी संगठनों की भूमिका के पुख्ता प्रमाण पेश किए। - भारत का संयमपूर्ण सैन्य दृष्टिकोण:
बताया गया कि भारत ने सख्ती के साथ ज़िम्मेदारी भी निभाई — पाकिस्तानी नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, इसका पूरा ध्यान रखा गया। - दुनिया को एकजुट होने की अपील:
सांसदों ने देशों से आग्रह किया कि आतंकवाद को भारत-पाक द्वंद्व के रूप में नहीं, बल्कि मानवता के खिलाफ जंग के तौर पर देखा जाए। - पाक को लेकर भारत की नई नीति:
यह स्पष्ट किया कि भारत अब आतंकवाद को लेकर कोई उदासीनता नहीं बरतेगा। सीमा पार की साजिशों को proactively नष्ट किया जाएगा।


🗣️ शशि थरूर बोले – हमने एकजुट भारत का संदेश दिया
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में जो दल अमेरिका, ब्राज़ील, कोलंबिया, पनामा और गुयाना गया था, वह मंगलवार को भारत लौटा। दिल्ली एयरपोर्ट पर थरूर ने मीडिया से कहा—
“हम जिन पांच देशों में गए, वहां हमारा स्वागत बहुत गरमजोशी से हुआ। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और अन्य शीर्ष नेताओं से हमारी मीटिंग हुई। उन्होंने पहलगाम हमले के बाद भारत के ऑपरेशन सिंदूर को समझा और सराहा।”
थरूर ने यह भी कहा कि, “यह पहल केंद्र सरकार की थी, जो भारत की एकता का प्रतीक है। हमें राजनीतिक मतभेद भुलाकर एक स्वर में देश की बात रखने के लिए भेजा गया था — और हमने वही किया।”

🤝 पीएम मोदी से अनौपचारिक संवाद
शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने सभी प्रतिनिधियों से अनौपचारिक रूप से बातचीत की और उनके अनुभवों को जाना। डिनर के इस मिलन समारोह में औपचारिक एजेंडा नहीं था, लेकिन पीएम ने डेलिगेशन की मेहनत और संदेशों की सफलता पर संतोष व्यक्त किया।