लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर गरम बहस: जयशंकर का जवाब, शाह की चेतावनी, विपक्ष के तीखे सवाल
नई दिल्ली। सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान देश की सुरक्षा, विदेश नीति और पाकिस्तान की आतंकी साजिशों पर जबरदस्त बहस देखने को मिली। दोपहर 2:05 बजे शुरू हुई इस चर्चा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर, गृह मंत्री अमित शाह सहित कई दलों के सांसदों ने अपनी बात रखी। बहस के दौरान सत्ता पक्ष ने जहां सेना के पराक्रम और सरकार की दृढ़ नीति को सराहा, वहीं विपक्ष ने कई तीखे सवाल खड़े किए, जिन पर सदन में कई बार हंगामे की स्थिति भी बनी रही।
रक्षा मंत्री ने कहा- सेना ने सिंदूर का बदला लिया, पाकिस्तान को बख्शा नहीं जाएगा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना ने आतंकियों को उनके घर में घुसकर मारा। उन्होंने कहा, “हमारी माताओं और बहनों के सिंदूर का बदला लिया गया है। भारत ने किसी भी दबाव में पाकिस्तान से संघर्षविराम नहीं किया।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर महज एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की बदली हुई नीति का प्रतीक है। “हम बुद्ध की धरती के वासी हैं, पर जब बात मातृभूमि की हो, तो हम युद्ध की भाषा भी समझते हैं। जरूरत पड़ी तो घर में घुसकर मारेंगे।”

जयशंकर ने विपक्ष को घेरा, बोले- पाकिस्तान को नंगा किया है, दुनिया भारत के साथ
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद भारत ने दुनिया को पाकिस्तान का असली चेहरा दिखाया। उन्होंने बताया कि जर्मनी, फ्रांस, यूरोपीय संघ, क्वाड और ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन किया और हमले की कड़ी निंदा की।
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के संघर्षविराम के दावे झूठे हैं। उन्होंने कहा, “22 अप्रैल से 17 जून के बीच प्रधानमंत्री मोदी और ट्रम्प के बीच कोई बात नहीं हुई। न व्यापार की चर्चा हुई, न कोई सीजफायर दबाव। अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने 9 मई को फोन कर हमले की सूचना दी थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने साफ कहा कि यदि हमला हुआ तो भारत चुप नहीं बैठेगा।”

Watch: Speaking at the Lok Sabha, Union Home Minister Amit Shah says, "…When such a serious issue is being discussed, is it appropriate for the opposition to interrupt a minister from a key department of the government while he is speaking?…"
— IANS (@ians_india) July 28, 2025
(Video Courtesy: Sansad TV) pic.twitter.com/fLv6KlOcMS
अमित शाह का विपक्ष पर हमला- विदेश मंत्री पर भरोसा नहीं, विदेशी बयानों पर भरोसा?
विपक्ष द्वारा जयशंकर के बयानों पर आपत्ति जताने पर गृह मंत्री अमित शाह ने सख्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “भारत का विदेश मंत्री यहां संसद में बयान दे रहा है, लेकिन विपक्ष को उन पर भरोसा नहीं। उन्हें किसी और देश की बात पर ज्यादा भरोसा है। इसलिए आप विपक्ष में बैठे हैं, और अगले 20 साल वहीं बैठेंगे।”

विपक्ष के सवाल: PoK कब लेंगे? आतंकवादी कैसे घुसे? अमेरिका क्यों बोला?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार से सवाल किया कि पांच आतंकवादी पहलगाम तक कैसे पहुंचे? उन्होंने कहा कि अगर सरकार युद्ध नहीं चाहती थी, तो क्यों नहीं चाहती थी? क्या हम PoK को आज नहीं लेंगे तो कब लेंगे?

कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा ने भी सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान घुटनों पर था तो फिर संघर्षविराम की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने ट्रम्प के ट्वीट का हवाला देते हुए पूछा कि अमेरिका ने सीजफायर की घोषणा कैसे कर दी, क्या यह भारत की कमजोरी नहीं थी?
टीएमसी ने कसा तंज, ललन सिंह और बैजयंत पांडा ने कांग्रेस को घेरा
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी पर व्यंग्य करते हुए कहा कि “ट्रम्प के सामने आपका सीना 56 से घटकर 36 इंच हो जाता है। आप उनका खंडन तक नहीं कर पाए।”

वहीं जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि “कांग्रेस में आतंक के खिलाफ लड़ने का साहस नहीं था। 2004 से 2014 के बीच सैकड़ों लोग आतंकी हमलों में मारे गए, लेकिन सरकार ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया।”

भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर से पहले भारत को 61 देशों से समर्थन के संदेश मिले। उन्होंने बताया कि भारत ने सात अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भेजे और हर देश ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को स्वीकार किया।

जयशंकर का स्पष्ट संदेश: ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ शुरुआत, आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अपने उद्देश्यों में सफल रहा, लेकिन यह सीमा नहीं है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानियों के लिए भारत में वीज़ा प्रतिबंध आगे भी जारी रहेगा। भारत अब किसी समझौते या नरमी की राह पर नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि बहावलपुर और मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों को जिस प्रकार से नष्ट किया गया, वैसा पहले किसी ने सोचा तक नहीं था।
जयशंकर ने बताया कि UNSC में भारत ने TRF पर आतंकवाद का आरोप लगाया था, और हमारी कूटनीतिक मुहिम के कारण अमेरिका ने TRF को आतंकी संगठन घोषित किया।
राजनाथ सिंह का दो टूक बयान: पाकिस्तान से हमारा संघर्ष सभ्यता का नहीं, बर्बरता का है
रक्षा मंत्री ने अंत में कहा कि पाकिस्तान आतंकवादियों को ट्रेनिंग देता है और खुद को निर्दोष बताता है। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। “हमने लक्ष्मण रेखा खींच दी है, और अगर किसी ने उसे पार किया, तो जवाब बहुत कठोर होगा।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के साथ हमारा संघर्ष सांस्कृतिक नहीं, बल्कि बर्बरता के विरुद्ध है। “अब वक्त आ गया है कि दुनिया जाने कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा।”

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