तीनों सेनाओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस, सेना ने बताया- किस तरह किया आतंक के अड्डों का सफाया, एयर डिफेंस से लेकर किराना हिल्स तक हर पहलू पर खुलकर बोले सैन्य अधिकारी
भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर की गई जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सोमवार को लगातार दूसरे दिन तीनों सेनाओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने मीडिया को 32 मिनट तक विस्तार से जानकारी दी। एयर मार्शल भारती ने दो टूक कहा—”भय बिनु होय न प्रीति। लड़ाई आतंकवादियों से है, पाकिस्तानी सेना ने दखल दी तो जवाब मिला।”
पहली पंक्ति से सामने आए तीनों सेनाओं के योद्धा
एयर मार्शल भारती ने सबसे पहले स्पष्ट किया कि भारत का लक्ष्य सिर्फ आतंकवाद था, न कि पाकिस्तान की सेना। लेकिन जब पाक सेना आतंकियों के साथ खड़ी हुई, तो जवाब भी उसी स्तर पर दिया गया। उन्होंने कहा—”7 मई को हमने सिर्फ आतंकियों को निशाना बनाया। लेकिन जब पाक सेना उनके साथ आई, तो हमें मजबूरन कार्रवाई करनी पड़ी।”
उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से हमले में चीनी टेक्नोलॉजी के मिसाइल, UAV, रॉकेट और ड्रोन शामिल थे। भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने इन्हें मार गिराया। भारती ने साफ किया कि भारत ने हरसंभव कोशिश की कि सिविलियन और मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान न हो।
आकाश से बरसा कहर, Air Defence बना ढाल
भारतीय सेना ने आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह के एयर डिफेंस सिस्टम का समन्वय कर अद्भुत सुरक्षा दीवार खड़ी की। लो लेवल फायरिंग, शॉर्ट व लॉन्ग रेंज मिसाइलें, सतह से हवा में मार करने वाली तकनीकें एकसाथ सक्रिय हुईं। एयर मार्शल भारती ने बताया—”हमारी एयर डिफेंस ग्रिड इतनी सशक्त थी कि दुश्मन एक लेयर पार करता तो अगली उसे ढेर कर देती।”

DGMO घई का रणनीतिक बयान: “अब युद्ध आतंक की नई शक्ल से है”
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि आतंकवाद अब सिविलियंस को भी निशाना बना रहा है। उन्होंने पहलगाम, अमरनाथ यात्रा और तीर्थयात्रियों पर हमलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि “पाप का घड़ा भर चुका था।” एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार किए बिना किए गए हमलों की रणनीति बताते हुए उन्होंने ‘आशेज सीरीज’ के क्रिकेट उदाहरण से तुलना की—”जैसे 1974 में लिली और थॉमसन ने इंग्लैंड को ध्वस्त किया था, वैसे ही ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं ने आतंकवाद का सफाया किया।”

नौसेना की सटीक निगरानी, दुश्मन को नहीं मिली घुसपैठ की जगह
वाइस एडमिरल एएन प्रमोद ने बताया कि भारतीय नौसेना लगातार निगरानी और ट्रैकिंग में जुटी रही। एडवांस राडार, मल्टीपल सेंसर और एयरक्राफ्ट कैरियर के जरिए मिग-29 जैसे फाइटर जेट्स को अलर्ट पर रखा गया था। उन्होंने कहा—“हमने दुश्मन को कई सौ किलोमीटर दूर से पहचान कर न्यूट्रलाइज़ किया। हमारा उद्देश्य साफ था—पहले पहचानो, फिर निष्प्रभावी करो।”

‘किराना हिल्स’ पर जवाब: “आपने बताया, हमें तो पता भी नहीं था!”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में जब सवाल-जवाब का दौर शुरू हुआ, तो ‘किराना हिल्स’ पर हमले को लेकर पाकिस्तान के आरोपों पर एयर मार्शल भारती ने तीखा जवाब दिया—“हमें शुक्रिया कहना चाहिए कि आपने बता दिया वहां कुछ था, वरना हमें तो खबर भी नहीं थी! हमने किराना हिल्स पर कोई हमला नहीं किया। हमने ऐसी कोई जानकारी नहीं दी थी।”
‘तुर्किये के ड्रोन’ पर दो टूक: “कोई भी तकनीक हमारे हौसले के सामने नहीं टिकती”जब पूछा गया कि क्या तुर्किये के ड्रोन गिराए गए, तो एयर मार्शल भारती ने रामचरितमानस की पंक्तियों के साथ जवाब दिया—
“बिनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीती बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय न प्रीति”
इस दोहे के जरिए उन्होंने साफ कर दिया कि भारत अब किसी भी प्रकार की तकनीकी चुनौती से पीछे हटने वाला नहीं है।

पाकिस्तानी झूठ की परतें उधेड़ीं
भारती ने लश्कर और जैश के आतंकी कमांडरों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर अपनी जनता को भ्रम में रख रहा है। उन्होंने कहा—”हमारा मिशन स्पष्ट था, हमने उसे पूरा किया। अगली लड़ाई और अलग होगी।”
“हम तैयार हैं, हर लड़ाई एक जैसी नहीं होती”
एक और सवाल में जब पूछा गया कि क्या यह अब तक की सबसे बड़ी आसमानी जंग थी, तो एयर मार्शल ने कहा—”हर लड़ाई एक जैसी नहीं होती। हमें बस उनसे एक कदम आगे रहना है। यह एक नई किस्म की लड़ाई थी। आगे और नए स्वरूपों में युद्ध सामने आएंगे, और हम पूरी तरह तैयार हैं।”
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