- ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सैन्य इतिहास का एक अभूतपूर्व और निर्णायक अभियान बताया
- ऑपरेशन न केवल वायुसेना की सामरिक दक्षता का प्रतीक है
हैदराबाद। भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सैन्य इतिहास का एक अभूतपूर्व और निर्णायक अभियान बताया है। उन्होंने हैदराबाद स्थित डुंडीगल एयरफोर्स एकेडमी में संयुक्त स्नातक परेड (CGP) को संबोधित करते हुए कहा कि यह ऑपरेशन न केवल वायुसेना की सामरिक दक्षता का प्रतीक है, बल्कि सशस्त्र बलों के बीच अभूतपूर्व तालमेल और एकीकरण का भी प्रमाण है।
ऑपरेशन सिंदूर: ताकत, तालमेल और तेज़ कार्रवाई का प्रतीक
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर वायुसेना की सटीक और समयबद्ध प्रतिक्रिया की क्षमता को दर्शाता है। यह दिखाता है कि जब भी राष्ट्र की सुरक्षा की बात होती है, वायुसेना सबसे पहले और सबसे तेज़ प्रतिक्रिया देती है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह ऑपरेशन तीनों सेनाओं की संयुक्त शक्ति और “राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान की भावना” का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने नवनियुक्त फ्लाइंग अधिकारियों से कहा कि वे सेवा में आगे बढ़ते हुए एकजुटता और समर्पण की भावना को बनाए रखें और हर हाल में नागरिकों के विश्वास पर खरे उतरें।
ऑपरेशन सिंदूर की पृष्ठभूमि: आतंकियों को करारा जवाब
यह ऑपरेशन ऐसे समय में हुआ जब 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को झकझोर दिया था। इस हमले में कई निर्दोष लोग मारे गए थे। इसके बाद 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में स्थित 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया, जिनमें कई कुख्यात आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के शहरों को निशाना बनाने की नापाक कोशिश की, लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने समय पर कार्रवाई कर उसे पूरी तरह विफल कर दिया। जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के 14 सैन्य ठिकानों को भी ध्वस्त किया, जिससे पड़ोसी देश बौखला उठा।
भारत का रुख अडिग, पाकिस्तान ने मांगा सीजफायर
इस सैन्य दबाव के बीच पाकिस्तान ने भारत से युद्धविराम (सीजफायर) की अपील की। 10 मई को दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम करने के उद्देश्य से बातचीत हुई और सीमित क्षेत्र में सीजफायर लागू किया गया।
भारतीय वायुसेना: देश का गौरव
एयर चीफ मार्शल सिंह के वक्तव्य से स्पष्ट है कि भारतीय वायुसेना न केवल रणनीतिक जवाब देने में सबसे आगे है, बल्कि नए अधिकारियों को राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति समर्पित और सजग बनाए रखने का भी कार्य करती है।