ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले के तीनों आतंकी मारे गए, अमित शाह का लोकसभा में बयान
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में चले ‘ऑपरेशन महादेव’ पर विस्तार से जानकारी दी। शाह ने बताया कि इस ऑपरेशन में बैसरन घाटी में हमारे 26 पर्यटकों की जान लेने वाले तीनों आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। इन आतंकियों की पहचान सुलेमान, फैजल अफगान और जिब्रान के रूप में हुई है। गृह मंत्री ने बताया कि इन तीनों का संबंध पाकिस्तान से है और इनमें से सुलेमान लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर था।

ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों को भेजने वालों को मार गिराया और ऑपरेशन महादेव ने हमला करने वालों को मार गिराया… मैंने सोचा था कि यह खबर सुनकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खुशी की लहर दौड़ जाएगी, 'मगर स्याही पड़ गई इनके चेहरे पर'… यह कैसी राजनीति है?: HM @AmitShah @HMOIndia pic.twitter.com/UTYxkSwhMf
— SansadTV (@sansad_tv) July 29, 2025
आतंकियों के खात्मे की रणनीति अप्रैल से ही तैयार
गृह मंत्री शाह ने बताया कि इस ऑपरेशन की योजना 23 अप्रैल को ही बना ली गई थी। उसी दिन एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक में यह फैसला लिया गया कि पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को पाकिस्तान भागने से पहले ही मार गिराना है। इसके लिए कड़ा खुफिया जाल बिछाया गया और पूरे इलाके की घेराबंदी की गई।
शाह ने कहा कि मई से जुलाई तक लगातार खुफिया सूचनाएं इकट्ठा की जाती रहीं और दाचीगाम क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों के संकेत मिलने के बाद ऑपरेशन को अंजाम देने की तैयारी पूरी हुई। 28 जुलाई को सेना और पुलिस ने साझा कार्रवाई करते हुए तीनों आतंकियों को मार गिराया।
22 मई को IB को मानव स्रोतों से इनपुट मिला कि दाची गांव क्षेत्र में आतंकी मौजूद हैं। इस सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने सतर्कता बढ़ाई और ऑपरेशन की योजना बनाई गई : Home Minister @AmitShah on #LokSabha.@HMOIndia @LokSabhaSectt @loksabhaspeaker #OperationSindoor pic.twitter.com/hPuiiwuvqS
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पाकिस्तानी संबंधों के पुख्ता सबूत
गृह मंत्री ने बताया कि मारे गए आतंकियों के पास से विदेशी हथियार, पाकिस्तान की चॉकलेट, दो वोटर नंबर और अन्य अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो उनके पाकिस्तानी आतंकी होने की पुष्टि करते हैं। इसके साथ ही आतंकियों की मदद करने वाले दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
संघर्ष विराम पर दी सफाई
लोकसभा में चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि 10 मई को पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ से संपर्क किया, और उसी दिन शाम 5 बजे संघर्ष को विराम दिया गया। विपक्ष के इस सवाल पर कि भारत ने बेहतर स्थिति में होने के बावजूद ऑपरेशन क्यों रोका, गृह मंत्री ने कहा, “युद्ध के कई परिणाम होते हैं, हमें सोच-समझकर फैसले लेने होते हैं।”

कांग्रेस पर कड़ा हमला
अपने संबोधन के दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा—
- 1948 में पंडित नेहरू ने युद्धविराम किया, जिससे पीओके आज भी पाकिस्तान के कब्जे में है।
- 1960 में सिंधु जल संधि के तहत भारत ने अपनी भौगोलिक और रणनीतिक मजबूती के बावजूद पाकिस्तान को 80 प्रतिशत पानी दे दिया।
- 1965 की लड़ाई में जीती हुई हाजी पीर जैसी रणनीतिक जगह 1966 में लौटा दी गई।
- 1971 के युद्ध में भारत ने 93,000 युद्धबंदियों और 15,000 वर्ग किमी क्षेत्र को बिना पीओके मांगे वापस कर दिया।
- युद्ध अपराध न्यायाधिकरण और पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा चलाने का निर्णय भी कांग्रेस सरकार में ठंडे बस्ते में चला गया।
सुरक्षा व्यवस्था में मजबूती
शाह ने दावा किया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है और खुफिया तंत्र और सीमा सुरक्षा में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि देश की जनता को भरोसा दिलाया जा सकता है कि भारत अब आतंक के सामने झुकने वाला नहीं है।
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