July 4, 2025 9:43 PM

सिर्फ नाम बदला है आदर्श और विचार नहीं: राजेन्द्र शर्मा

  • ‘स्वदेश’ की तरह ही पाठकों का विश्वास अर्जित करेगा ‘स्वदेश ज्योति’

भोपाल । समन्वय भवन में ‘स्वदेश ज्योति’ पत्र के लोकार्पण अवसर पर ‘स्वदेश ज्योति’ समूह के अध्यक्ष एवं प्रधान संपादक राजेन्द्र शर्मा ने अपनी 58 सालों की पत्रकारीय जीवन यात्रा को साझा किया। उन्होंने बड़े ही भावुक शब्दों में कहा कि विपरीत परिस्थतियों में तमाम चुनौतियों के बाद भी ‘स्वदेश’ ने पाठकों के मन में जगह बनाई, उसी तरह ‘स्वदेश ज्योति’ भी पाठकों का विश्वास अर्जित करेगा। उन्होंने कहा कि मात्र 21 वर्ष की आयु में राजमाता सिंधिया ने मुझे ग्वालियर से निकलने वाले पत्र ‘हमारी आवाज’ की जिम्मेदारी दी थी। इसके बाद इसी पत्र को ‘स्वदेश’ के रूप में स्थापित किया। अब ‘स्वदेश ज्योति’ के नाम से प्रकाशित हो रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘स्वदेश’ का केवल नाम बदला है लेकिन इसकी राष्ट्रवादी विचारधारा,आदर्श और भाव न बदले हैं और न बदलेंगे। नई चुनौतियों के बीच भी स्वदेश ज्योति भी स्वदेश के भावों को प्रज्जवलित करता रहेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि जिस तरह स्वदेश की स्थापना में पहले भी आपका सहयोग मिला है मिलता ही रहेगा।

इन विभूतियों का रहा साथ

श्री शर्मा ने कहा कि मेरी जीवन यात्रा में कुशाभाऊ ठाकरे, स्व. सुरेन्द्र पटवा, वीरेन्द्र सखलेचा, कैलाश सारंग जैसी विभूतियों का साथ रहा है। उन्होंने बताया कि उस दौर में स्वदेश के अंश हम बेचते थे, तब सुंदरलाल पटवा जी ने अपने पिताजी के नाम से पांच हजार राशि के सबसे ज्यादा अंश खरीदे थे। कुछ समय बाद वे कहते थे कि हमारे पिताजी उसका प्रतिफल मांगते हैं। मैं, आज कहता हूं कि स्वदेश ने आज जो ख्याति अर्जित की है वही उस अंश का प्रतिफल है।

राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाएगा स्वदेश ज्योति: काश्यप

इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि स्वदेश ज्योति का संघर्ष राष्ट्रवादी संघर्ष के तौर पर देखता हूं। राष्ट्रवादी विचारों के जितने भी अखबार रहे उनमें भी संघर्ष किया है। पूर्व में एक विशेष विचारधारा के अखबार हुआ करते थे लेकिन ऐसे में स्वदेश ने राष्ट्रवादी विचारधारा की ज्योति जलाई और मेरा सौभाग्य है कि मेरे परिवार ने भी उस समय 100 शेयर इस अखबार के लिए थे जिसे में अपने लिए सौभाग्य की बात मानता हूं। रेवा प्रकाशन के नाम से हमारे पास आज भी यह शेयर है। काश्यप ने कहा कि जब मैंने चेतना प्रारंभ की तो उस समय मुझे राजेंद्र शर्मा जी का भरपूर समर्थन और सहयोग मिला। मैं बरसों से स्वदेश भोपाल की संपादकीय पढ़ता आया हूं। काश्यप ने कहा कि मेरा विश्वास है कि स्वदेश ज्योति की अगली पीढ़ी भी इसी विचारधारा को आगे बढ़ाएगी। जब मैंने स्वदेश का सम्पादक अपने अखबार चेतना के लिए लिया और संघ पदाधिकारियों से मिला तो उन्होंने कहा कि केवल हमारा संपादक लेने से कुछ नही होगा, वितारधारा के प्रति समर्पण भी चाहिए। मैं राजेंद्र जी को 30 साल से जानता हूं और उनका मुझे पूरा सहयोग मिला।

राजेंद्रजी की पत्रकारिता स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ी: सुरेश पचौरी

विशेष अतिथि पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी ने कहा कि प्रधान संपादक राजेंद्र शर्मा की पत्रकारिता की यात्रा स्वाभिमान के साथ आगे बढ़ी है जो आज स्वदेश ज्योति के तौर पर पहुंची गई है। पचौरी ने कहा कि मैं 1981 का जिक्र करता हूं जब मैं छात्र राजनीति में सक्रिय था तब मैं ब्योहार जी, सत्यनारायण शर्मा जी और राजेंद्र शर्मा जी की संपादकीय पढ़ता था। राजेंद्र जी के बाद अब अक्षय शर्मा जी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन स्वदेश ज्योति को आगे संघर्ष और कठिनाइयां आएंगी। पत्रकारिता जगत में स्वदेश ज्योति को संघर्ष न करना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को देखना होगा। स्वदेश के संपादक राजेन्द्र शर्मा की यात्रा स्वाभिमान की रही है स्वदेश ज्योति में भी यही झलक मिलेगी।

ये भी रहे उपस्थित

स्वदेश ज्योति के लोकार्पण अवसर पर भाजपा संगठन महामंत्री हितानंद, भोपाल के सांसद आलोक शर्मा, पूर्व सांसद रघुनंदन शर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल, भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रवीन्द्र यति, सांची दुग्ध संघ के सीईओ प्रतीक जोशी, पूर्व निगम अध्यक्ष, कैलाश मिश्रा, माखनलाल चतुर्वेदी विवि के कुलगुरू विजय मनोहर तिवारी, कांगे्रेस नेता जेपी धनोपिया, पूर्व पार्षद महेश मालवीय, आवास संघ के पूर्व अध्यक्ष सुशील वासवानी, रीगल होम्स के डायरेक्टर केएल शर्मा, पूर्व पार्षद गिरीश शर्मा, खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अस्टिेंट डायरेक्टर विकास खराडक़र, भेल के पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक विजय जोशी, आरएमजे मोटर्स के डायरेक्टर अभिषेक जैन, ख्यालदास विल्डर्स के डायरेक्टर चंदनलाल चंदानी, मध्या एड एंजेसी के संचालक सुशील अग्रवाल, दीपक एड एंजेसी के निदेशक प्रकाश जेठा, शैल एड एंजेसी के डायरेक्टर शैलेन्द्र खरे, सप्रे संग्रहालय के संस्थापक निदेशक विजयदत्त श्रीधर, समाजसेवी विजय अग्रवाल, मानस मर्मज्ञ डॉ. प्रभुदयाल मिश्रा, जनसंपर्क विभाग के पूर्व अपर संचालक लाजपत आहुजा, प्रकाश साकल्ले, राष्ट्रीय हिन्दी मेल के प्रधान संपादक विजय दास, वरिष्ठ पत्रकार पंकज मुकाती, रघुवीर तिवारी, ब्रजेश राजपूत, शैफाली शर्मा, पूर्व पार्षद संजय वर्मा, साहित्यकार विनय राजाराम, निराला पीठ के निदेशक डॉ. शारदा वलवटे आिद उपस्थित थे।

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