- विचार के लिए भेजे गए दो विधेयक
नई दिल्ली। लोकसभा ने मंगलवार को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ से जुड़ी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का कार्यकाल मानसून सत्र तक के लिए बढ़ा दिया है। समिति को इस संबंध में लोकसभा में पेश दो विधेयक विचार के लिए भेजे गए हैं।
- 129वां संविधान संशोधन विधेयक 2024: यह विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान में संशोधन करने का प्रस्ताव करता है।
- केंद्र शासित प्रदेश संशोधन विधेयक 2024: यह विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रावधान करता है।
संयुक्त संसदीय समिति का कार्यकाल क्यों बढ़ा?
लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने बताया कि राज्यसभा से एक सदस्य को समिति में शामिल किया गया है। देशभर में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जाने से जुड़े विधेयकों पर विचार करने के लिए शीतकालीन सत्र में समिति का गठन किया गया था, जिसका कार्यकाल बजट सत्र तक ही था।
संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने लोकसभा में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
हितधारकों से व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत
समिति के सदस्यों का मानना है कि ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ जैसे व्यापक बदलाव से जुड़े कानून को लागू करने से पहले हितधारकों, राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से विस्तृत विचार-विमर्श किया जाना आवश्यक है।
- समिति इस मुद्दे पर चुनाव आयोग, राज्य सरकारों, संविधान विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों से राय लेगी।
- इस पर अंतिम रिपोर्ट तैयार करने में और समय लग सकता है, इसलिए समिति का कार्यकाल मानसून सत्र तक बढ़ा दिया गया है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने से सरकारी खर्च में कटौती होगी और चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और सुगम हो सकेगी। हालांकि, संवैधानिक चुनौतियों और राज्यों की सहमति इस प्रक्रिया को जटिल बना सकती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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