मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले- ओबीसी को पूरा हक देंगे, कांग्रेस सिर्फ भ्रम फैलाने का काम करती है
मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27% आरक्षण देने सरकार प्रतिबद्ध, विधानसभा में लाया जाएगा विधेयक
भोपाल। मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने का मुद्दा एक बार फिर सियासी गर्मी का कारण बन गया है। जहां एक ओर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट कहा है कि राज्य सरकार ओबीसी को 27% आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए जल्द ही विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरक्षण रोकने की साजिश रचने का आरोप लगाया है।
🏛️ सरकार की मंशा साफ, जल्द लाएंगे विधेयक
मुख्यमंत्री ने कहा, “ओबीसी आरक्षण को लेकर हमारी सरकार पूरी तरह गंभीर है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे तथ्यों के आधार पर विधेयक का प्रारूप तैयार करें और उसे विधानसभा में प्रस्तुत करें।” उन्होंने बताया कि जिन अभ्यर्थियों की जॉइनिंग कोर्ट केस के कारण रुकी हुई है, उन्हें नियुक्ति दिलाने की दिशा में भी सरकार प्रयासरत है।
हमारी सरकार OBC को 27% आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। कांग्रेस ने बगैर सर्वे, बगैर तैयारी, आरक्षण देने की बात करके भ्रम फैलाया था। उस भ्रम के कारण यह मामला कोर्ट में लंबित रहा। कांग्रेस हमेशा उलझाने, भ्रमित करने का कार्य करती है। कांग्रेस अब जातिगत जनगणना के मामले में श्रेय… pic.twitter.com/UA8wmKWcL9
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) July 5, 2025
⚖️ कांग्रेस पर निशाना – सिर्फ भ्रम फैलाया गया
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा,
“कांग्रेस ने कभी भी ओबीसी वर्ग के लिए ईमानदारी से काम नहीं किया। बिना किसी सर्वे के आरक्षण की बात करके सिर्फ राजनीतिक भ्रम फैलाया गया, जिसके चलते मामला कोर्ट में उलझ गया।“
उन्होंने यह भी कहा कि जातिगत जनगणना का श्रेय लेने की कांग्रेस की कोशिश भी भ्रामक और झूठी है। “अगर कांग्रेस को इतनी चिंता थी, तो 70 साल सत्ता में रहते हुए जातिगत जनगणना क्यों नहीं कराई?”

🔍 क्या है कोर्ट में मामला?
- 27% ओबीसी आरक्षण की अधिसूचना 2019 में जारी की गई थी।
- लेकिन अभी तक केवल 14% आरक्षण दिया जा रहा है।
- सर्वोच्च न्यायालय ने मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है और स्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
- कोर्ट ने पूछा है कि बाकी बचे 13% पदों पर नियुक्तियों में क्या बाधा है और क्या इन पदों पर आरक्षण के तहत नियुक्ति की जा सकती है?
- नई याचिका पर सुनवाई से पहले लंबित याचिकाओं के साथ क्लब करने की बात कोर्ट ने कही है।
🗣️ कांग्रेस का पलटवार – भाजपा ने चोरी किया आरक्षण
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर बड़ा हमला बोला।
“2019 में कमलनाथ सरकार ने 27% आरक्षण लागू किया था। भाजपा ने सरकार गिराकर ओबीसी के हक को छीना।“
कांग्रेस ने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट में भाजपा सरकार ने आरक्षण का विरोध किया और अब सियासी मजबूरी में वादे कर रही है। पटवारी ने कहा कि जुलाई के अंत में राहुल गांधी मध्यप्रदेश का दौरा करेंगे और ओबीसी समाज से सीधा संवाद करेंगे।
📊 सरकार का पक्ष – 14% से शेष लोगों को भी मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि शेष बचे 13% लाभार्थियों को भी आरक्षण दिलाने की रणनीति तैयार की जा रही है। साथ ही सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए 10% आरक्षण लागू किया गया है। उन्होंने बताया कि पदोन्नति के लंबित प्रकरणों का भी निराकरण किया गया है और जातिगत जनगणना की प्रक्रिया प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर शुरू की जा रही है।
🔎 आरक्षण विवाद की पृष्ठभूमि
- 2019 में कमलनाथ सरकार ने ओबीसी को 27% आरक्षण देने की घोषणा की थी।
- हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश के चलते मामला कोर्ट में चला गया।
- फिलहाल राज्य में 14% आरक्षण लागू है, जबकि 13% अभी लंबित है।
- सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से स्थिति स्पष्ट करने के लिए एफिडेविट मांगा है।
📢 मुख्यमंत्री का तंज – राहुल गांधी आएं तो क्या करेंगे?
डॉ. मोहन यादव ने राहुल गांधी के संभावित दौरे पर कहा,
“राहुल गांधी कई बार आ चुके हैं, पर यहां आकर करेंगे भी क्या? उनकी पार्टी लगातार लोकसभा चुनाव में खारिज हो रही है।”
उन्होंने कांग्रेस पर झूठ का पहाड़ खड़ा करने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
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