मध्यप्रदेश में ओबीसी को मिलेगा 27% आरक्षण: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, कांग्रेस का भैंस के सामने बीन बजाकर प्रदर्शन

भोपाल। जातिगत जनगणना के मुद्दे पर देशभर में बढ़ रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए बड़ा ऐलान किया है। विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस मसले पर सरकार किसी प्रकार का संशय नहीं रखती और पूरे विश्वास के साथ इस निर्णय को लागू करेगी।

"डंके की चोट पर कह रहे हैं— देंगे 27 प्रतिशत आरक्षण"

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विपक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारें लंबे समय तक सत्ता में रहीं, लेकिन उन्होंने कभी जातिगत जनगणना कराने की मंशा नहीं दिखाई। उन्होंने कहा—

“हम डंके की चोट पर कह रहे हैं कि ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातिगत जनगणना की घोषणा करके ऐतिहासिक कदम उठाया है। कांग्रेस समाज को भड़काने का काम करती है, जबकि वास्तव में हर स्तर पर उनकी भागीदारी ही रही है।”

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कांग्रेस का 'भैंस के सामने बीन बजाओ' प्रदर्शन

दूसरी ओर, विपक्ष ने विधानसभा परिसर में सरकार के खिलाफ अनूठा प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने भैंस के सामने बीन बजाई। उनका तर्क था कि सरकार उनके सवालों और विरोध को अनसुना कर रही है, जैसे भैंस के सामने बीन बजाने से कोई असर नहीं होता।

कांग्रेस विधायकों ने कहा—

“भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दों पर जवाब देने से बचती है। हमने यह प्रतीकात्मक प्रदर्शन करके सरकार को जगाने का प्रयास किया है।”

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मुख्यमंत्री का पलटवार: “मनुष्य योनि को किया बदनाम”

विपक्ष के इस प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि—

“आज मैंने सदन में विपक्ष से कहा कि आप मतदाताओं द्वारा चुनकर आते हैं। गांधी जी के सामने प्रदर्शन करें, लेकिन ऐसा करके आप मनुष्य योनि को बदनाम कर रहे हैं। कांग्रेस का रंग बदलने का चरित्र अब जगजाहिर हो गया है। दुनिया ने देख लिया कि कांग्रेस किस तरह के स्तर पर उतर आती है।”

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आज पेश होगा 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन राज्य के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा वर्ष 2025-26 के लिए पहला अनुपूरक बजट पेश करेंगे। कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल से होगी और इसके बाद बजट पर चर्चा होगी। विपक्ष ने पहले ही संकेत दे दिए हैं कि सत्र के दौरान वे सरकार को भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई और आरक्षण जैसे मुद्दों पर घेरने की पूरी कोशिश करेंगे।

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आरक्षण और राजनीति: आने वाले चुनाव की बुनियाद?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ओबीसी आरक्षण पर मुख्यमंत्री की यह घोषणा सीधे-सीधे आगामी पंचायत और नगरीय निकाय चुनावों से जुड़ी है। राज्य में ओबीसी मतदाता बड़ी संख्या में हैं और उनका समर्थन किसी भी पार्टी के लिए निर्णायक हो सकता है।



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