उत्तर भारत में आफत की बारिश: जम्मू, पंजाब और हिमाचल में तबाही, नदियाँ उफान पर

उत्तर भारत इन दिनों भीषण बारिश की मार झेल रहा है। पहाड़ी इलाकों से लेकर मैदानी राज्यों तक मूसलाधार वर्षा ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि आने वाले सात दिनों तक कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश के साथ आंधी-तूफान की स्थिति बन सकती है।

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जम्मू की तवी नदी ने मचाई तबाही

जम्मू में तवी नदी उफान पर है। नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से राजीव कॉलोनी और जम्मू विश्वविद्यालय परिसर सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। कई मकानों के निचले हिस्से पानी में डूब गए और लोगों का घरेलू सामान बह गया। हालात को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत अलर्ट जारी कर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू किया। विश्वविद्यालय के हॉस्टलों को खाली कराया गया और छात्रों को सुरक्षित इमारतों में स्थानांतरित किया गया।

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चिनाब नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

जम्मू में ही चिनाब नदी का जलस्तर भी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। निचले इलाकों में पानी भर गया है और लगातार बारिश से स्थिति और गंभीर हो गई है। रामबन जिले के केला मोड़, बैटरी चश्मा और चंदरकोट में भूस्खलन की घटनाओं ने हालात को और बिगाड़ दिया। इसके चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद करना पड़ा, जिससे हजारों यात्रियों को घंटों तक फंसे रहना पड़ा।

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पंजाब में डूबे गांव, बर्बाद हुई फसलें

पंजाब में हालात बेहद खराब हैं। बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के कारण निचले इलाकों के कई गांव डूब गए हैं। पौंग, भाखड़ा और रणजीत सागर बांध से छोड़े गए पानी ने गुरदासपुर जिले के दर्जनों गांवों को जलमग्न कर दिया। बुगना, गहलारी, नौशेरा, बऊपुर और मानसूरा गांवों में पानी छह फीट तक भर गया। कई परिवार छतों पर फंसे हुए हैं और प्रशासन नावों के सहारे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटा है। सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और हजारों एकड़ फसलें पानी में डूबकर नष्ट हो गई हैं।

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हिमाचल प्रदेश: भूस्खलन और टूटे रास्ते

हिमाचल प्रदेश में बारिश का असर सबसे ज्यादा सड़क और यातायात व्यवस्था पर पड़ा है। ब्यास नदी उफान पर है, जिससे आसपास के गांव डूब गए हैं। बिलासपुर जिले के मंजेर गांव में एक मकान ढह गया और धोलरा सेक्टर में शौचालय गिर गया। सैकड़ों सड़कें बंद पड़ी हैं और कई इलाकों में बिजली-पानी की आपूर्ति बाधित है। धार्मिक आस्था से जुड़ी मणि महेश यात्रा को भी प्रशासन ने सुरक्षा कारणों से रोक दिया है।

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दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत के अन्य हिस्से भी प्रभावित

दिल्ली-एनसीआर में भी बादल जमकर बरस रहे हैं। कई जगह जलभराव की स्थिति बन गई है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले दिनों में उत्तराखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी भारी बारिश जारी रहेगी।

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प्रशासन की तैयारियां और राहत कार्य

भारी बारिश और बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रभावित राज्यों में राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए गए हैं। एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार गांवों में पहुंचकर फंसे हुए लोगों को बाहर निकाल रही हैं। लोगों से अपील की गई है कि वे नदी और नालों के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

आने वाले दिनों की स्थिति

मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले पांच दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा, हालांकि धीरे-धीरे इसकी तीव्रता कम हो सकती है। लेकिन सात दिनों तक उत्तराखंड, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर और पंजाब में भारी बारिश का खतरा बना रहेगा।

उत्तर भारत के इन इलाकों में बारिश से एक ओर जहां किसानों की मेहनत पानी में बह रही है, वहीं आम लोग अपने घरों और परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। यह आपदा केवल प्राकृतिक नहीं बल्कि प्रशासनिक तैयारी की भी परीक्षा है, क्योंकि राहत कार्य की गति और समन्वय से ही हजारों लोगों की जिंदगी सुरक्षित हो पाएगी।