नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने मंगलवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की, जिसमें भारत में श्वास संबंधी बीमारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक में विशेष रूप से चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के मामलों में उछाल के मद्देनजर भारत में इसके प्रभाव का आकलन किया गया। स्वास्थ्य सचिव ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर उठे चिंताओं को शांत करते हुए स्पष्ट किया कि भारत में एचएमपीवी के मामलों में कोई खास उछाल नहीं आया है और जनता के लिए चिंता का कोई कारण नहीं है।
इस बैठक में डॉ. राजीव बहल (सचिव, डीएचआर), डॉ. (प्रो) अतुल गोयल (डीजीएचएस), राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और संबंधित विशेषज्ञों ने भाग लिया। बैठक में यह भी बताया गया कि चीन में एचएमपीवी के मामलों में वृद्धि के बाद इस वायरस की स्थिति और उसे नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा की गई।
स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने बताया कि एचएमपीवी एक ऐसा वायरस है, जो 2001 से वैश्विक स्तर पर मौजूद है और श्वसन संबंधी संक्रमणों का कारण बनता है, विशेष रूप से सर्दियों और शुरुआती वसंत के महीनों में। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस वायरस के मामलों के कारण भारत में श्वास संबंधी बीमारियों में कोई बड़ा उछाल नहीं हुआ है।
श्रीवास्तव ने कहा कि सर्दियों में सामान्य रूप से श्वसन संबंधी बीमारियों में वृद्धि होती है, और इस समय भारत श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में किसी भी संभावित वृद्धि के लिए पूरी तरह से तैयार है। साथ ही, उन्होंने राज्यों को आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) और एसएआरआई (सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन) की निगरानी मजबूत करने और समीक्षा करने की सलाह दी।
नागपुर में मिले एचएमपीवी के दो संक्रमित बच्चे
स्वास्थ्य सचिव के बयान के बाद, महाराष्ट्र के नागपुर में एचएमपीवी के दो मामलों की पुष्टि हुई है। नागपुर में मिले दोनों बच्चे एचएमपीवी से संक्रमित पाए गए हैं। दोनों बच्चों के रक्त नमूने पुणे के एम्स और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) में जांच के लिए भेजे गए हैं। नागपुर के जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर, एम्स के निदेशक डॉ. प्रशांत जोशी, जिला सर्जन डॉ. निवृत्ति राठौड़ और नगर चिकित्सा अधिकारी दीपक सेलोकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस विषय पर जानकारी दी।
आगे का रास्ता और सावधानियां
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वे श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों की निगरानी करें और कोई भी असामान्य स्थिति उत्पन्न होने पर तत्काल रिपोर्ट करें। इस प्रकार की स्थिति को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों को सतर्क रहने और स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने की सलाह दी है।