नई दिल्ली — 2008 मुंबई आतंकी हमले में आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) रविवार को तीसरे दिन पूछताछ कर रही है। एजेंसी हमलों के दौरान उसकी भूमिका और संभावित फोन पर दिए गए निर्देशों (इंस्ट्रक्शन) को लेकर गहराई से जांच कर रही है।
🎙️ वॉयस सैंपल से जुड़े सवाल
एनआईए अब तहव्वुर राणा का वॉयस सैंपल लेने की योजना बना रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या हमलों के दौरान जिन कॉल्स में निर्देश दिए गए थे, उनमें उसकी आवाज है या नहीं। हालांकि, कानूनन वॉयस सैंपल लेने के लिए आरोपी की सहमति आवश्यक होती है।
अगर राणा मना करता है, तो NIA कोर्ट का रुख कर सकती है और कानूनी अनुमति के आधार पर सैंपल लेने की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
🧾 पूछताछ में नया खुलासा: ‘कर्मचारी बी’
शनिवार को हुई पूछताछ में एक नया नाम ‘कर्मचारी बी’ सामने आया, जो कथित रूप से राणा के लिए काम करता था और डेविड कोलमैन हेडली को ऑपरेशनल और लॉजिस्टिक मदद उपलब्ध कराता था।
सूत्रों के मुताबिक, कर्मचारी बी ने राणा के कहने पर हेडली की गतिविधियों के लिए संपर्क, ठहरने की व्यवस्था और अन्य समर्थन उपलब्ध कराया।
अब NIA दोनों — तहव्वुर राणा और कर्मचारी बी — को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करेगी ताकि इन बिंदुओं की पुष्टि की जा सके और आतंकी साजिश की परतें खोली जा सकें।
🌐 कौन है तहव्वुर राणा?
तहव्वुर हुसैन राणा, पाकिस्तान मूल का कनाडाई नागरिक है, जो अमेरिका में रह रहा था। वह डेविड हेडली का करीबी दोस्त था और उस पर आरोप है कि उसने हेडली को भारत में संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम देने के लिए लॉजिस्टिक मदद दी।
NIA ने राणा के भारत प्रत्यर्पण की मांग पहले ही की थी और अब उसे भारत में कानूनी प्रक्रिया के तहत पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
🇮🇳 जांच का बढ़ता दायरा
26/11 मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं की पहचान और उनकी पूरी नेटवर्किंग को उजागर करने में यह पूछताछ बेहद अहम मानी जा रही है। जांच एजेंसी की नजर अब सिर्फ राणा पर नहीं बल्कि उससे जुड़े हर लिंक पर है जो भारत में आतंकी नेटवर्क को मजबूत करने में शामिल हो सकते हैं।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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