हरियाणा-गोवा को नए राज्यपाल, लद्दाख को मिला नया उपराज्यपाल
नई दिल्ली।
देश के संवैधानिक पदों पर एक बार फिर बड़ा फेरबदल हुआ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को तीन प्रमुख नियुक्तियों को मंजूरी दी, जिनमें हरियाणा और गोवा को नए राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को नया उपराज्यपाल मिला है। यह बदलाव न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से अहम हैं, बल्कि इनसे आने वाले समय में राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों की रणनीतिक दिशा पर भी असर पड़ सकता है।
📌 हरियाणा के नए राज्यपाल बने प्रोफेसर असीम कुमार घोष
प्रोफेसर असीम कुमार घोष को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे एक वरिष्ठ शिक्षाविद् और प्रशासनिक अनुभव रखने वाले व्यक्ति माने जाते हैं। उन्हें शिक्षा क्षेत्र में उनकी सेवाओं और अनुशासित कार्यशैली के लिए जाना जाता है। यह माना जा रहा है कि उनकी नियुक्ति राज्य के शैक्षिक और सामाजिक क्षेत्रों में सुधार और जागरूकता लाने की दिशा में एक प्रभावी कदम हो सकती है।

📌 गोवा को मिला नया राज्यपाल – पी. अशोक गजपति राजू
पूर्व केंद्रीय मंत्री और अनुभवी राजनीतिज्ञ पी. अशोक गजपति राजू को गोवा का नया राज्यपाल बनाया गया है। वे नागरिक उड्डयन मंत्री रह चुके हैं और लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहे हैं। आंध्र प्रदेश की राजनीति में भी उनकी अहम भूमिका रही है। गोवा जैसे संवेदनशील और राजनीतिक रूप से सक्रिय राज्य में उनकी नियुक्ति को रणनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

📌 लद्दाख को मिला नया उपराज्यपाल – कविन्द्र गुप्ता
जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता कविन्द्र गुप्ता को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब लद्दाख में संवेदनशीलता, पर्यावरणीय चिंता और राजनीतिक सहभागिता से जुड़े कई अहम मुद्दे सामने हैं।
उनकी नियुक्ति के साथ ही राष्ट्रपति ने वर्तमान उपराज्यपाल ब्रिगेडियर (सेनि.) बी.डी. मिश्रा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। बी.डी. मिश्रा को जनवरी 2023 में लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था, और उन्होंने पूर्वोत्तर तथा सैन्य सेवा पृष्ठभूमि से प्रशासनिक अनुभव लाकर लद्दाख में स्थिरता कायम रखने का प्रयास किया।

👉 इन नियुक्तियों के पीछे का संदेश
इन सभी नियुक्तियों में यह बात स्पष्ट दिखाई देती है कि केंद्र सरकार अब राज्यपाल और उपराज्यपाल जैसे पदों पर राजनीतिक, प्रशासनिक और शैक्षिक अनुभव वाले व्यक्तियों को प्राथमिकता दे रही है। इसका उद्देश्य इन संवैधानिक पदों के माध्यम से नीतियों के बेहतर कार्यान्वयन और राज्य केंद्र समन्वय को मज़बूत करना है।

⏳ कब से लागू होंगी नियुक्तियां?
राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ये सभी नियुक्तियां नवनियुक्त पदाधिकारियों के कार्यभार संभालने की तिथि से प्रभाव में आएंगी। इसके लिए संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
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