नई दिल्ली, 16 फरवरी (आईएएनएस)। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार देर रात हुए भगदड़ में 18 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इस घटना के बाद स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हादसे के पीछे ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
कुलियों ने बताया—’इतनी भीड़ पहले कभी नहीं देखी’
स्टेशन पर काम करने वाले कुलियों ने इस भगदड़ को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कुली विकास, जो सात वर्षों से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम कर रहे हैं, ने कहा, “मैंने कभी इतनी ज्यादा भीड़ नहीं देखी थी। दो ट्रेनों के रद्द होने की खबर के कारण प्लेटफॉर्म 16 और 13 के बीच जबरदस्त भीड़ थी। 13 नंबर प्लेटफॉर्म पर प्रयागराज स्पेशल ट्रेन आने वाली थी, जिसे पकड़ने के लिए यात्री जल्दी मचा रहे थे। इसी दौरान कुछ यात्री गिर गए, जिसके बाद भगदड़ मच गई।”
एक अन्य कुली लखनलाल, जो 1990 से स्टेशन पर काम कर रहे हैं, ने बताया, “35 साल में इतनी ज्यादा भीड़ नहीं देखी थी। छठ पूजा के समय भी भीड़ होती है, लेकिन शनिवार को हालात बेकाबू थे। प्रशासन ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और घायल यात्रियों को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था की।”
कैसे हुई भगदड़?
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, शनिवार देर रात प्लेटफार्म नंबर 13 और 14 पर भारी भीड़ जमा थी। इसी बीच प्रयागराज जाने वाली दो ट्रेनों के रद्द होने की अफवाह फैल गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और भगदड़ की स्थिति बन गई।
रेलवे ने की उच्च स्तरीय जांच के आदेश, मुआवजे की घोषणा
रेलवे ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये, और मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है।
रेलवे प्रशासन का कहना है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया जाएगा।