आज से बदल गए बैंकिंग और आम जीवन से जुड़े कई नियम, पेंशनर्स और ग्राहकों को मिले नए फायदे

नई दिल्ली।
नवंबर की पहली तारीख यानी आज से देशभर में बैंकिंग, पेंशन और डिजिटल लेनदेन से जुड़े कई अहम नियम बदल गए हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), वित्त मंत्रालय और विभिन्न वित्तीय संस्थानों द्वारा जारी किए गए इन नए प्रावधानों का सीधा असर करोड़ों नागरिकों पर पड़ेगा। इनमें यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की नई समयसीमा, पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण पत्र की प्रक्रिया, बैंक खातों में चार नॉमिनी जोड़ने की सुविधा, एसबीआई कार्ड के नए चार्ज और आधार कार्ड अपडेट से जुड़ी राहत जैसी कई बातें शामिल हैं।

पेंशनर्स के लिए जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की प्रक्रिया शुरू

केंद्र और राज्य सरकार के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए आज से जीवन प्रमाण पत्र (Life Certificate) जमा करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पेंशन पाने के लिए यह एक अनिवार्य शर्त है। पेंशनर्स अपने जीवन प्रमाण पत्र को डिजिटल रूप से ‘जीवन प्रमाण पोर्टल’ के माध्यम से जमा कर सकते हैं या अपने नजदीकी बैंक या डाकघर जाकर भी इसे प्रस्तुत कर सकते हैं। इस प्रक्रिया की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2025 तय की गई है। यदि कोई पेंशनर इस समयसीमा के भीतर अपना प्रमाण पत्र जमा नहीं करता, तो उसकी पेंशन अस्थायी रूप से रोक दी जाएगी।

सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल और तकनीकी रूप से सुलभ बनाने के लिए ‘फेस ऑथेंटिकेशन सिस्टम’ और मोबाइल ऐप आधारित सुविधा भी शुरू की है, जिससे बुजुर्गों को बैंक जाने की आवश्यकता न पड़े।

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यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की नई डेडलाइन

केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) में शामिल होने की अंतिम तारीख दो महीने के लिए बढ़ा दी है। पहले यह अंतिम तारीख 30 सितंबर 2025 थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 कर दिया गया है। सरकारी कर्मचारियों और विभागों की मांग पर यह राहत दी गई है। इस योजना का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों के पेंशन प्रबंधन को एकीकृत और पारदर्शी बनाना है, ताकि उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर वित्तीय सुरक्षा मिल सके।

अब एक बैंक खाते में जोड़ सकेंगे चार नॉमिनी

बैंकिंग व्यवस्था में आज से एक बड़ा बदलाव लागू हो गया है। अब ग्राहक अपने बैंक खाते में अधिकतम चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं। पहले यह सुविधा केवल एक नॉमिनी तक सीमित थी। नई व्यवस्था में ग्राहक चाहें तो सभी नॉमिनियों को एक साथ जोड़ सकते हैं या प्राथमिकता के आधार पर क्रमवार नामांकन कर सकते हैं।

हालांकि, बैंक लॉकर के लिए केवल क्रमवार नॉमिनेशन की सुविधा ही जारी रहेगी। यानी अगर पहला नॉमिनी उपलब्ध नहीं रहेगा, तभी दूसरे नॉमिनी को उसका अधिकार प्राप्त होगा। इस बदलाव से परिवारों को आपातकालीन परिस्थितियों में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

एसबीआई कार्ड धारकों के लिए नए शुल्क नियम लागू

देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने क्रेडिट कार्ड शुल्क ढांचे में भी संशोधन किया है। अब से यदि ग्राहक किसी थर्ड पार्टी ऐप (जैसे कि फिनटेक प्लेटफॉर्म या ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल) के माध्यम से किसी स्कूल या कॉलेज की फीस जमा करेगा, तो उसे एक प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क देना होगा।

हालांकि, यदि फीस सीधे स्कूल या कॉलेज के पोर्टल पर एसबीआई कार्ड से भरी जाती है, तो यह शुल्क नहीं लगेगा। इसके अलावा, आज से 1,000 रुपये से अधिक राशि का वॉलेट टॉप-अप (जैसे कि पेटीएम या फोनपे) करने पर भी एक प्रतिशत अतिरिक्त चार्ज देना होगा। यह नया नियम सभी प्रकार के एसबीआई कार्ड पर लागू है।

बच्चों के आधार कार्ड अपडेट पर अब कोई शुल्क नहीं

यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने बच्चों के आधार कार्ड से जुड़ी एक बड़ी राहत दी है। आज से बच्चों के आधार कार्ड में बायोमेट्रिक अपडेट कराने पर 125 रुपये की फीस पूरी तरह माफ कर दी गई है। यह सुविधा एक वर्ष तक निःशुल्क रहेगी।

इससे पहले बच्चों के बायोमेट्रिक विवरण में संशोधन कराने के लिए अभिभावकों को शुल्क देना पड़ता था। वहीं, वयस्क नागरिकों के लिए नाम, पता, जन्मतिथि या मोबाइल नंबर में बदलाव हेतु 75 रुपये तथा फिंगरप्रिंट या बायोमेट्रिक अपडेट के लिए 125 रुपये का शुल्क यथावत रहेगा।

जनजीवन पर पड़ेगा सीधा असर

इन सभी बदलावों का प्रभाव आम नागरिकों के जीवन पर सीधा पड़ेगा। पेंशनर्स को डिजिटल सुविधाओं के माध्यम से राहत मिलेगी, कर्मचारियों को नई पेंशन योजना में शामिल होने का समय मिलेगा, वहीं बैंक ग्राहकों को नॉमिनेशन के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाने का मौका मिलेगा। एसबीआई कार्ड के उपयोगकर्ता अब अपने खर्चों की योजना सावधानी से बनाएंगे और अभिभावकों को बच्चों के आधार अपडेट में राहत का लाभ मिलेगा।

सरकार का दावा है कि ये बदलाव डिजिटल सुविधा, पारदर्शिता और नागरिक सुविधा को बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए हैं, ताकि बैंकिंग और प्रशासनिक प्रणाली और भी सुगम और भरोसेमंद बन सके।