• मुक्तिनाथ और आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में दर्शनार्थी फंसे

काठमांडू । नेपाल के उत्तरी हिमालयी क्षेत्रों में मौसम ने अचानक करवट ले ली है। बीती रात से जारी तेज़ बारिश मंगलवार सुबह भारी बर्फबारी में बदल गई, जिससे देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मुक्तिनाथ में अफरातफरी का माहौल बन गया है। प्रशासन के अनुसार, मुक्तिनाथ और आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में दर्शनार्थी फंसे हुए हैं, जिनमें अधिकांश भारतीय श्रद्धालु हैं।


मौसम विभाग ने दी हिमपात की चेतावनी, ट्रैकिंग पर रोक

मुस्तांग जिले के प्रमुख जिला अधिकारी विष्णु प्रसाद भुसाल ने बताया कि बर्फबारी का यह सिलसिला बुधवार तक जारी रह सकता है। मौसम विभाग ने गंडकी, कर्णाली और लुम्बिनी प्रदेशों के उत्तरी इलाकों में लगातार हिमपात की चेतावनी दी है। प्रशासन ने एहतियातन मुक्तिनाथ और आस-पास के ट्रैकिंग मार्गों पर यात्रा पूरी तरह से रोक दी है।


15 हजार श्रद्धालु मुक्तिनाथ पहुंचे थे, अब सभी फंसे

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को करीब 15 हजार श्रद्धालु मुक्तिनाथ पहुंचे थे, जिनमें बड़ी संख्या भारतीय तीर्थयात्रियों की थी। अब भारी बर्फबारी के चलते सभी को वहीं ठहरना पड़ा है। सड़कों पर बर्फ की मोटी परत जम जाने से वाहनों की आवाजाही बंद है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की पदयात्रा या सड़क यात्रा करने की कोशिश न करें।


गोरखा जिले में भी बर्फ का कहर, जनजीवन ठप

गोरखा जिले के उत्तरी हिस्से में भी तड़के से ही लगातार हिमपात हो रहा है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, सीमावर्ती इलाकों में 5 से 6 फीट तक बर्फ जम गई है। चीन सीमा से सटे चुम्नुब्री गांव के निवासी पासांग फुञ्जो लामा ने बताया कि बर्फबारी इतनी तेज़ है कि जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया है। सड़कों पर जमी बर्फ के कारण वाहनों की आवाजाही रुक गई है और लोगों को खाद्य सामग्री तथा अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने में कठिनाई हो रही है।


राहत दलों को किया गया सतर्क, यात्रियों की सुरक्षा पर नजर

स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि हालात पर लगातार नज़र रखी जा रही है। मुक्तिनाथ क्षेत्र में राहत दलों को अलर्ट पर रखा गया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर पर्यटकों की मदद की जा सके। वहीं, स्थानीय होटल मालिकों ने फंसे यात्रियों के लिए अस्थायी व्यवस्था की है, ताकि ठंड से बचाव किया जा सके।


अरब सागर में विकसित निम्न दबाव प्रणाली से बदला मौसम

नेपाल के मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि यह परिवर्तन अरब सागर में विकसित हुए निम्न दबाव क्षेत्र के कारण हुआ है, जिसके चलते देशभर में तापमान में गिरावट और वर्षा का दौर शुरू हो गया है। विभाग ने अनुमान जताया है कि यह खराब मौसम गुरुवार तक जारी रहेगा। देश के अधिकांश हिस्सों में लगातार तीन दिनों तक बारिश और पहाड़ी इलाकों में हिमपात की संभावना जताई गई है।


प्रशासन ने लोगों से की अपील – घरों में रहें, यात्रा न करें

विभाग की ओर से कहा गया है कि सोमवार देर रात से जो बारिश शुरू हुई थी, वह अब पूरे देश में फैल गई है और इससे उत्तरी नेपाल के कई जिलों में ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और यात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से यात्रा न करें और मौसम में सुधार होने तक अपने स्थान पर ही ठहरें।


भारतीय दूतावास सक्रिय, फंसे यात्रियों के संपर्क में प्रशासन

फंसे हुए भारतीय पर्यटकों के परिजनों में भी चिंता का माहौल है। नेपाल में भारतीय दूतावास ने स्थानीय प्रशासन के साथ संपर्क बनाए रखा है और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वय कर रहा है। अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल सभी श्रद्धालु सुरक्षित हैं और उन्हें आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।


धार्मिक स्थल मुक्तिनाथ में ठप हुआ जनजीवन, हर साल आते हैं हजारों श्रद्धालु

मुक्तिनाथ क्षेत्र, जो समुद्र तल से लगभग 3,800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है, हिंदू और बौद्ध श्रद्धालुओं के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। हर साल भारत, श्रीलंका, भूटान और नेपाल के हजारों भक्त यहाँ दर्शन के लिए पहुँचते हैं। लेकिन इस बार की अचानक आई भारी बर्फबारी ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं।


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Meta Description (in Hindi): नेपाल के मुक्तिनाथ क्षेत्र में भारी बर्फबारी के कारण हजारों भारतीय पर्यटक फंसे। प्रशासन ने यात्रा पर रोक लगाई, मौसम विभाग ने बुधवार तक हिमपात की चेतावनी दी।
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