नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच पीएम ओली ने इस्तीफा दिया, सरकार पर संकट गहरा

काठमांडू। नेपाल में पिछले दो दिनों से जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। यह कदम बड़े राजनीतिक और सामाजिक दबाव के चलते आया है। प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ विरोध कर रहे थे, जिसमें अब तक 19 लोग मारे गए और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप

आज प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन में घुसकर आगजनी और तोड़फोड़ की। इसके साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, शेर बहादुर देउबा, पूर्व गृहमंत्री रमेश लेखक और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग के घरों पर भी आगजनी की। इस हिंसक माहौल ने सरकार पर इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा दिया।

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गठबंधन सरकार पर संकट

नेपाल में वर्तमान गठबंधन सरकार CPN (UML) के केपी शर्मा ओली और नेपाली कांग्रेस के शेर बहादुर देउबा के बीच बनी थी। जुलाई 2024 से दोनों दल मिलकर देश चला रहे थे। ओली के इस्तीफे के बाद सरकार टूटने का खतरा बढ़ गया है। फिलहाल इस्तीफे मुख्य रूप से नेपाली कांग्रेस के नेताओं द्वारा दिए गए हैं।

पीएम ओली का निजी आवास
पीएम ओली का निजी आवास

अंतरिम सरकार का प्रस्ताव

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. बाबूराम भट्टाराई ने आंदोलनकारी युवाओं को शामिल करते हुए अंतरिम सरकार बनाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा, "आइए, नेपाल के युवाओं के साथ मिलकर एक अंतरिम सरकार बनाएं ताकि देश में स्थिरता लौट सके।"

सर्वोच्च न्यायालय और अटॉर्नी जनरल कार्यालय में तोड़फोड़

प्रदर्शनकारियों ने नेपाल के सुप्रीम कोर्ट और अटॉर्नी जनरल ऑफिस में भी तोड़फोड़ की। यह हिंसा लगातार बढ़ते सामाजिक और राजनीतिक संकट का संकेत है।

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भारत ने सीमा पर बढ़ाई सतर्कता

नेपाल में जारी हिंसा को देखते हुए भारत सरकार ने भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। पश्चिम बंगाल के पनिटांकी बॉर्डर पोस्ट पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एसपी प्रवीण प्रकाश ने कहा कि सीमा पर पुलिस पोस्ट तैनात की गई है और सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारी सीमा पार चल रही गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।

पीएम ओली का इस्तीफा और कार्यकाल

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पीएम ओली ने हिंसक प्रदर्शन और विपक्षी दबाव के बीच इस्तीफा दिया। वे 15 जुलाई 2024 को तीसरी बार प्रधानमंत्री बने थे और सिर्फ 1 साल और 2 महीने ही पद पर रह सके

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पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की प्रतिक्रिया

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह ने युवाओं की हिंसा और प्रदर्शनकारियों के कारण हुई जनहानि पर गहरी निराशा जताई। उन्होंने कहा कि युवाओं की जायज मांगों को नजरअंदाज कर उनकी जान लेना बेहद दुखद है।

राष्ट्रपति आवास पर गोलीबारी

विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल के निजी आवास के पास गोलीबारी की घटना भी सामने आई। दोपहर करीब 12 बजे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति के बालाजू बोहोरातार स्थित आवास में आग लगाने की कोशिश की, जिसके कारण सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मी वहां से भागने को मजबूर हुए।

नेपाल में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। प्रधानमंत्री ओली का इस्तीफा, विपक्षी नेताओं और युवाओं की हिंसा, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति आवास में आगजनी ने देश में अस्थिरता की नई लहर पैदा कर दी है। अब नेपाल की स्थिरता के लिए अंतरिम सरकार बनाने और राजनीतिक संवाद की आवश्यकता है।