इंदौर में नीट-यूजी परीक्षा के दौरान बिजली जाने से उत्पन्न हुए विवाद पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में सोमवार को सुनवाई हुई। इस मामले में छात्रों की ओर से दायर 60 से अधिक याचिकाओं पर बहस होनी थी, लेकिन भारत के सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने वर्चुअल माध्यम से कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा, जिसे अदालत ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तारीख 29 मई निर्धारित कर दी है।
क्या है मामला?
5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा के दौरान इंदौर और उज्जैन के कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल हो जाने की वजह से हजारों छात्रों को गहरी परेशानी का सामना करना पड़ा था। आरोप है कि इस कारण परीक्षार्थियों को निर्धारित समय पर प्रश्नपत्र नहीं मिल पाए, जिससे उनका बहुमूल्य समय नष्ट हुआ।
इस मामले को लेकर इंदौर और उज्जैन से अब तक 60 से अधिक छात्र याचिकाएं दाखिल कर चुके हैं। इंदौर में इस साल नीट-यूजी के लिए 49 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे और करीब 27,000 छात्र शामिल हुए थे।
कोर्ट में अब तक की स्थिति
छात्रों के अधिवक्ता मृदुल भटनागर ने बताया कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने 26 मई को अपना जवाब दाखिल कर दिया था, और उन्होंने उसका रिजॉइंडर (जवाबी हलफनामा) भी प्रस्तुत कर दिया। उम्मीद थी कि सोमवार को मामले में अंतिम बहस होगी, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हस्तक्षेप करते हुए कोर्ट से अतिरिक्त समय मांगा।
केंद्र सरकार की ओर से नया प्रस्ताव
तुषार मेहता ने कोर्ट को सुझाव दिया कि इंदौर के प्रभावित 24 परीक्षा केंद्रों के छात्रों के लिए एक विशेष समिति गठित की जाए, जो उनके मामलों की समीक्षा कर सके। इस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए अगली सुनवाई के लिए 29 मई की तारीख तय की है।
NTA के बदले हुए आंकड़े
इससे पहले NTA ने जवाब में कहा था कि इंदौर के 24 केंद्र प्रभावित हुए हैं, लेकिन सोमवार को दाखिल किए गए नए जवाब में कहा गया कि इंदौर के 18 और उज्जैन के 6 केंद्रों पर परीक्षा में व्यवधान आया था। इन केंद्रों पर कुल मिलाकर 2,000 से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं।

कब आएगा रिजल्ट?
नीट-यूजी 2025 का परिणाम 14 जून को आने की संभावना है। ऐसे में कोर्ट की अगली सुनवाई का असर छात्रों के रिजल्ट और काउंसलिंग प्रक्रिया पर पड़ सकता है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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