नई दिल्ली।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के 33वें स्थापना दिवस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। इस समारोह में उपराष्ट्रपति धनखड़ और एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर द्वारा चार असाधारण महिला पैरालंपियन को उनके अद्वितीय योगदान और समर्पण के लिए सम्मानित किया जाएगा। इन सम्मानित महिलाओं में मध्यप्रदेश की प्रसिद्ध पिस्टल शूटर रूबीना फ्रांसिस का नाम भी शामिल है। यह समारोह शुक्रवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां उपराष्ट्रपति और एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष महिलाओं के सम्मान में विचार व्यक्त करेंगे और उनकी उपलब्धियों की सराहना करेंगे।
समारोह का उद्देश्य और विशेषताएँ
विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर चार महिला पैरालंपियन को उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए सम्मानित करेंगे। इस मौके पर, महिलाओं को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को भी उजागर किया जाएगा। एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने गुरुवार को बताया कि इस वर्ष के 33वें स्थापना दिवस समारोह में चार महिला पैरालंपियन को उनके साहस, समर्पण और खेलों में उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया जाएगा।
सम्मानित महिलाएँ:
इस समारोह में सम्मानित होने वाली प्रमुख महिला पैरालंपियनों में मध्यप्रदेश की पिस्टल शूटर रूबीना फ्रांसिस, पैरालंपिक खिलाड़ी मोनो अग्रवाल, पैरा एथलीट प्रीथी पाल, और सिमरन शर्मा शामिल हैं। इन खिलाड़ियों ने अपने कठिन संघर्षों और शानदार प्रदर्शन के माध्यम से देश का नाम रोशन किया है। यह सम्मान उनके उत्कृष्ट योगदान और खेलों में समर्पण को मान्यता देने का प्रतीक है।
रूबीना फ्रांसिस की सफलता
रूबीना फ्रांसिस मध्यप्रदेश की एक प्रमुख पिस्टल शूटर हैं जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में अपनी सफलता से न केवल राज्य बल्कि देश का भी नाम रोशन किया है। उनका योगदान और मेहनत खेलों की दुनिया में एक प्रेरणा बन चुकी है। यह पुरस्कार उनके कठिन परिश्रम और खेलों के प्रति उनके समर्पण की सराहना है।
पुस्तक ‘कर्मयोगिनी वीरांगना’ का विमोचन
समारोह के दौरान महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर ने भी एक महत्वपूर्ण घोषणा की। वह इस अवसर पर अपनी लिखित पुस्तक ‘कर्मयोगिनी वीरांगना’ की पहली प्रति उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को भेंट करेंगी। यह पुस्तक पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर की अदम्य भावना को श्रद्धांजलि है। अहिल्यादेवी होल्कर ने इतिहास के माध्यम से साहस और नेतृत्व को फिर से परिभाषित किया, और उनकी अद्वितीय उपलब्धियों को यह पुस्तक समर्पित है।
महिला सशक्तिकरण के प्रयास
एनसीडब्ल्यू के 33वें स्थापना दिवस समारोह में महिला सशक्तिकरण की दिशा में किए गए प्रयासों को भी प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। रहाटकर ने कहा कि आयोग महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ उन्हें सशक्त बनाने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है। इस आयोजन के माध्यम से, वह महिलाओं की आवाज़ को बुलंद करने और उन्हें समाज में उनका उचित स्थान दिलाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
यह समारोह न केवल सम्मानित महिला खिलाड़ियों की मेहनत और उपलब्धियों की सराहना करता है, बल्कि यह भारत में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को बढ़ावा देने के प्रयासों का भी प्रतीक है। उपराष्ट्रपति और महिला आयोग का यह कदम महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
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