गंगा के रास्ते 60 नौसैनिक एनसीसी कैडेटों की 400 किमी की प्रेरक यात्रा, वंदे मातरम के 150 वर्ष को समर्पित अभियान

कोलकाता/फरक्का।
राष्ट्रभक्ति, साहस और अनुशासन की मिसाल पेश करते हुए राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के 60 नौसैनिक कैडेटों ने बुधवार को गंगा नदी के मार्ग से फरक्का से कोलकाता तक की रोमांचक सेलिंग यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा 20 दिनों तक चलेगी और इस दौरान कैडेट 400 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेंगे। यह अभियान ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राष्ट्र की एकता, सामूहिकता और देशभक्ति की भावना को समर्पित है।

गंगा की लहरों पर रोमांच और राष्ट्रप्रेम का संगम

रक्षा मंत्रालय के पूर्वी कमान मुख्यालय द्वारा जारी एक बयान में बताया गया कि इस प्रेरक अभियान को बुधवार को फरक्का बैराज से उत्साहपूर्ण माहौल में फ्लैग-ऑफ किया गया। नौसेना एनसीसी विंग से जुड़े कैडेटों की यह यात्रा न केवल साहसिकता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की युवा पीढ़ी में अनुशासन, टीमवर्क और नेतृत्व के मूल मूल्यों को सशक्त रूप से प्रस्तुत करती है।

एनसीसी कैडेट गंगा की जलधारा में पारंपरिक नौकाओं के माध्यम से आगे बढ़ेंगे, जहां वे दिन-रात प्रकृति की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने शारीरिक और मानसिक सामर्थ्य की परीक्षा देंगे। इस दौरान वे नदी तट के गाँवों और कस्बों में स्थानीय लोगों से संवाद कर उनके जीवन और संस्कृति को भी करीब से जानेंगे।

सामुदायिक सेवा से जुड़ेगा राष्ट्रप्रेम

यात्रा केवल साहसिक नहीं, बल्कि सामाजिक दायित्व का प्रतीक भी है। कैडेट विभिन्न पड़ावों पर स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण, पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम और स्थानीय युवाओं के साथ संवाद जैसे सामाजिक कार्यों में हिस्सा लेंगे। उनका उद्देश्य नागरिक जिम्मेदारी और राष्ट्रीय एकता की भावना को मजबूत करना है।

अभियान में शामिल एक कैडेट ने कहा, “यह यात्रा केवल हमारे शारीरिक प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक और प्रेरणादायक अनुभव है। जब हम गंगा की लहरों में आगे बढ़ते हैं, तो हमें अपने देश की आत्मा महसूस होती है।”

अनुशासन और नेतृत्व का प्रतीक बनेगा यह अभियान

पूर्वी कमान के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य एनसीसी के मूल सिद्धांत—एकता, अनुशासन और सेवा—को व्यवहार में उतारना है। यह यात्रा युवा कैडेटों में न केवल आत्मविश्वास जगाएगी, बल्कि उन्हें सामुदायिक नेतृत्व और राष्ट्र निर्माण की दिशा में प्रेरित करेगी।

इस यात्रा में नौकाओं पर एनसीसी के ध्वज के साथ-साथ ‘वंदे मातरम’ के प्रतीक चिह्न भी लगाए गए हैं, जो इस वर्षगांठ के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हैं।

“वंदे मातरम” के 150 वर्ष—एक राष्ट्रीय उत्सव

यह यात्रा “वंदे मातरम” के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में विशेष रूप से आयोजित की गई है। इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशवासियों में जोश और एकता का संचार किया था, उसी भावना को जीवित रखने के लिए एनसीसी ने इस अभियान को राष्ट्र को समर्पित किया है।

एनसीसी अधिकारियों के अनुसार, यह यात्रा यह संदेश देगी कि देश के युवा केवल अनुशासन और राष्ट्रप्रेम से नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना और सामूहिक जिम्मेदारी से भी परिपूर्ण हैं।

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राष्ट्र निर्माण में एनसीसी की भूमिका

राष्ट्रीय कैडेट कोर लंबे समय से युवाओं में देशभक्ति, सेवा और अनुशासन की भावना जगाने का माध्यम रहा है। इस तरह के साहसिक अभियानों से न केवल युवाओं की क्षमताओं का विकास होता है, बल्कि वे सामाजिक बदलाव के वाहक भी बनते हैं।

गंगा के किनारे बसे समुदायों के बीच यह यात्रा न केवल पर्यावरण और स्वच्छता का संदेश देगी, बल्कि यह यह भी दिखाएगी कि युवाओं की शक्ति राष्ट्र निर्माण की सबसे बड़ी पूंजी है।

फरक्का से कोलकाता तक की यह ऐतिहासिक यात्रा एनसीसी के गौरवशाली इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ने जा रही है।