- असम, सिक्किम, मणिपुर और मिजोरम में मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलनों ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया
- प्रधानमंत्री ने स्वयं निगरानी रखते हुए प्रभावित राज्यों के प्रमुखों से बात कर केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया
- पूर्वोत्तर में प्रकृति का कहर: असम, सिक्किम, मणिपुर और मिजोरम में भारी बारिश-बाढ़ से हालात नाज़ुक
नई दिल्ली । पूर्वोत्तर भारत एक बार फिर प्राकृतिक आपदा के संकट से जूझ रहा है। असम, सिक्किम, मणिपुर और मिजोरम में मूसलाधार बारिश, बाढ़ और भूस्खलनों ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस गंभीर स्थिति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं निगरानी रखते हुए प्रभावित राज्यों के प्रमुखों से बात कर केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है।
असम: 20 जिलों में बाढ़ का संकट, 5.35 लाख लोग प्रभावित
असम की हालत सबसे अधिक गंभीर बनी हुई है, जहां 20 से अधिक जिलों में 5.35 लाख से ज़्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं। अब तक 11 लोगों की मौत और दो के लापता होने की पुष्टि हो चुकी है। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बताया कि लगातार बारिश ने नदियों को उफान पर ला दिया है, जिससे गांवों, कस्बों और शहरी क्षेत्रों में जलभराव हो गया है। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी कि पीएम मोदी ने स्वयं उन्हें फोन कर स्थिति की जानकारी ली और राहत कार्यों के लिए हर तरह के सहयोग का भरोसा दिया। गुवाहाटी स्थित मौसम केंद्र ने धुबरी, दक्षिण सलमारा-मनकाचर, गोलपारा और कोकराझार में ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिससे आने वाले दिनों में और कठिनाई की आशंका है।

सिक्किम: सेना का शिविर भूस्खलन की चपेट में, लापता हैं 6 सैनिक
उत्तर सिक्किम के चट्टेन क्षेत्र में भारी बारिश से भूस्खलन हुआ, जिसमें सेना का एक शिविर पूरी तरह दब गया। तीन जवानों की मौत हो गई, जबकि छह जवान लापता हैं। मंगलवार को एनडीआरएफ की 23 सदस्यीय टीम राहत और बचाव के लिए क्षेत्र में पहुंची है। यह टीम उपग्रह फोन और आपातकालीन उपकरणों से लैस है। लगातार बारिश के कारण बचाव कार्य में भारी दिक्कतें आ रही हैं।
मिजोरम: स्कूल चौथे दिन भी बंद, प्रशासन ने जारी की चेतावनी
मिजोरम की राजधानी आइजोल और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन और चट्टानें गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। इसी के चलते जिले के सभी स्कूलों को तीन जून तक बंद कर दिया गया है। डिप्टी कमिश्नर लालहरियातपुइया की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि छात्रों की सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। बारिश अभी भी जारी है, जिससे जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है।

मणिपुर में प्रशासन अलर्ट पर, पीएम ने राज्यपाल से की बात
मणिपुर में भी भारी बारिश के कारण जलभराव और पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री ने राज्यपाल अजय भल्ला से बात कर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव सहायता का भरोसा दिलाया।
केंद्र-राज्य एकजुट, लेकिन चुनौती बड़ी
यह संकट न सिर्फ मौसम की मार है, बल्कि पूर्वोत्तर भारत में बुनियादी ढांचे की कमजोरी को भी उजागर करता है। एनडीआरएफ और राज्य आपदा बल की टीमें मुस्तैद हैं, पर सड़कों के टूटने, संचार व्यवस्था के बाधित होने और सीमित संसाधनों के चलते राहत कार्यों में रुकावटें आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का त्वरित हस्तक्षेप, राज्य सरकारों की तत्परता और सुरक्षा बलों की मुस्तैदी इस आपदा में एक उम्मीद का संचार कर रही है। आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण होंगे, लेकिन संयुक्त प्रयासों से हालात पर काबू पाने की उम्मीद बनी हुई है।
