मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपनल कर्मियों, आपदा राहत, कर्मचारियों के नियमितीकरण समेत कई प्रस्तावों को मंजूरी
देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशवासियों के हित में एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधार से जुड़े 12 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इस बैठक में सबसे अहम फैसला ‘देवभूमि परिवार योजना’ को लागू करने का रहा, जिसके तहत राज्य में रह रहे प्रत्येक परिवार की एक यूनिक आईडी बनाई जाएगी। यह योजना राज्य में परिवारों से जुड़ी नीतियों, कल्याण योजनाओं और सरकारी सुविधाओं के सटीक आंकलन और पारदर्शी वितरण में बड़ी भूमिका निभाएगी।
देवभूमि परिवार योजना: हर परिवार को मिलेगी यूनिक पहचान
‘देवभूमि परिवार योजना’ के तहत उत्तराखंड में रहने वाले हर परिवार की पहचान और पारिवारिक संरचना का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा। इस आईडी के माध्यम से सरकार को यह पता चल सकेगा कि कौन-सा परिवार किन योजनाओं का लाभ पहले से ले रहा है और किसे नई सुविधा की जरूरत है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इस योजना से डुप्लीकेट लाभार्थियों की पहचान रोकने और कल्याणकारी योजनाओं की पारदर्शिता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
उपनल कर्मचारियों के हित में बड़ा निर्णय
बैठक में उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम (उपनल) के कर्मचारियों के हित में भी महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। अब उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण और वेतनमान से संबंधित मामलों की समीक्षा के लिए मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित की जाएगी, जो दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके अलावा यह भी निर्णय लिया गया कि उपनल के माध्यम से अब विदेशों में भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। यह कदम पूर्व सैनिकों और युवाओं दोनों के लिए रोजगार का नया मार्ग खोलेगा।
आपदा पीड़ितों को बढ़ी राहत राशि
कैबिनेट ने राज्य में आपदाओं से प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए मुआवजा राशि बढ़ाने का फैसला किया। अब आपदा में मृतक आश्रितों को चार लाख के बजाय पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही जिन परिवारों के पक्के मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं, उन्हें भी पांच लाख रुपये का मुआवजा मिलेगा।
दैनिक और संविदा कर्मचारियों के लिए समिति गठित
राज्य के दैनिक वेतनभोगी, संविदा और तदर्थ कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए भी मंत्रिमंडल ने एक उप समिति गठित करने का निर्णय लिया है। यह समिति कट-ऑफ डेट तय करेगी और नियमितीकरण की प्रक्रिया को स्पष्ट दिशा प्रदान करेगी। इस कदम से प्रदेश के हजारों अस्थायी कर्मचारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।
शासन-प्रशासन में पारदर्शिता की दिशा में कदम
कैबिनेट के निर्णयों से यह स्पष्ट है कि धामी सरकार प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर गंभीर है। देवभूमि परिवार योजना राज्य के सामाजिक ढांचे को डिजिटल रूप से मजबूत करेगी, वहीं उपनल और कर्मचारियों से जुड़े फैसले आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा “सरकार जनता के हर वर्ग के साथ”
बैठक के बाद मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार जनता की हर जरूरत को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा “देवभूमि परिवार योजना” से राज्य के हर परिवार तक योजनाओं का लाभ बिना भेदभाव पहुंचेगा। उपनल कर्मचारियों और आपदा पीड़ितों के लिए फैसले राज्य सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाते हैं।”
जनता ने फैसलों का स्वागत किया
सरकार के इन फैसलों का समाज के विभिन्न वर्गों ने स्वागत किया है। विशेष रूप से उपनल कर्मचारी और आपदा प्रभावित परिवारों ने सरकार का आभार जताते हुए कहा कि यह कदम उनके जीवन में स्थिरता लाएगा।
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