हनुक्का त्योहार के दौरान बोंडी बीच पर हुआ था हमला

नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर हनुक्का त्योहार के दौरान हुए हमले को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। तेलंगाना पुलिस ने जांच के बाद बताया है कि इस हमले का मास्टरमाइंड साजिद अकरम मूल रूप से भारत का रहने वाला था और हैदराबाद से छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया था। साजिद अकरम वर्ष 1998 में ऑस्ट्रेलिया पहुंचा था और लंबे समय से वहीं रह रहा था।

ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता की कोशिशें रहीं नाकाम

पुलिस जांच में सामने आया है कि ऑस्ट्रेलिया पहुंचने के बाद साजिद अकरम ने कई वर्षों तक ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता हासिल करने का प्रयास किया, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो सका। इसके बावजूद वह लगातार ऑस्ट्रेलिया में रह रहा था। तेलंगाना पुलिस के अनुसार, साजिद ने आखिरी बार वर्ष 2022 में अपना भारतीय पासपोर्ट नवीनीकरण कराया था।

पाकिस्तान यात्रा या भारत में चरमपंथी गतिविधियों के सबूत नहीं

जांच एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि साजिद अकरम ने कभी पाकिस्तान की यात्रा नहीं की थी। इसके अलावा भारत में उसके किसी भी प्रकार की चरमपंथी गतिविधियों से जुड़े होने के सबूत नहीं मिले हैं। पुलिस के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया जाने के बाद साजिद जब भी भारत आया, उसकी यात्राएं पूरी तरह निजी थीं, जिनका संबंध परिवार और संपत्ति से जुड़ा हुआ था।

नवीद अकरम से 2019 में हुई थी पूछताछ

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन ने वर्ष 2019 में साजिद के 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम से पूछताछ की थी। यह पूछताछ सिडनी में एक स्थानीय इस्लामिक स्टेट सेल से कथित संबंधों को लेकर की गई थी। हालांकि, जांच के बाद नवीद को तत्काल खतरा नहीं मानते हुए क्लीन चिट दे दी गई थी। इसी नवीद को बाद में बोंडी बीच हत्याकांड में अन्य आरोपियों के साथ जोड़ा गया।

खुफिया एजेंसियों की निगरानी में नहीं था साजिद

तेलंगाना पुलिस के अनुसार, साजिद अकरम ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसियों की सक्रिय निगरानी में नहीं था। जांच में यह भी सामने आया कि साजिद और उसका बेटा नवीद भारत से संचालित किसी भी चरमपंथी संगठन से जुड़े नहीं थे। दोनों के किसी अंतरराष्ट्रीय आतंकी नेटवर्क से संबंध के प्रमाण भी नहीं मिले हैं।

हैदराबाद यात्राओं की गहन जांच

तेलंगाना पुलिस के खुफिया अधिकारियों ने साजिद और नवीद की हैदराबाद यात्राओं की विस्तार से जांच की। इस दौरान यह पता लगाने की कोशिश की गई कि वे किन लोगों से मिले और उनकी यात्राओं का उद्देश्य क्या था। जांच के बाद पुलिस ने बताया कि ये यात्राएं पूरी तरह निजी थीं और साजिद अधिकतर अपने करीबी पारिवारिक सदस्यों के संपर्क में ही रहा।

1998 में छात्र वीजा पर गया था ऑस्ट्रेलिया

पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, साजिद अकरम वर्ष 1998 में हैदराबाद से छात्र वीजा पर ऑस्ट्रेलिया गया था। हालांकि, वहां पहुंचने के बाद उसने कोई औपचारिक शिक्षा पूरी नहीं की। इसके बजाय उसने अलग-अलग तरह की नौकरियां कीं और बाद में फल विक्रेता के रूप में बस गया।

ऑस्ट्रेलियाई महिला से शादी और पारिवारिक रिश्ते

वर्ष 2000-2001 के दौरान साजिद ने एक ऑस्ट्रेलियाई महिला वेनेरा ग्रॉसो से शादी की। वर्ष 2001 में वह अपनी पत्नी को अपने माता-पिता से मिलवाने के लिए हैदराबाद लेकर आया था। इसके बाद 2004 में वह अपने बेटे नवीद को परिवार से मिलवाने भारत आया। हालांकि, वर्ष 2009 में पिता की मृत्यु के समय साजिद भारत नहीं आया, जिसे लेकर भी जांच एजेंसियों ने जानकारी जुटाई।

जांच में नहीं मिला भारत से साजिश का कोई लिंक

तेलंगाना पुलिस ने स्पष्ट किया है कि अब तक की जांच में इस हमले की साजिश भारत से रची गई हो, ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। एजेंसियों का कहना है कि जांच का दायरा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी है और ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के साथ लगातार समन्वय किया जा रहा है।