घने जंगल में चल रही थी ऑर्डिनेंस फैक्टरी, भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और उपकरण बरामद
सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षाबलों ने नक्सल नेटवर्क को बड़ा झटका देते हुए एक अवैध हथियार निर्माण फैक्टरी का पर्दाफाश कर उसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है। इस कार्रवाई में भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक सामग्री और हथियार बनाने के उपकरण बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि नक्सली इस फैक्टरी के जरिए सुरक्षाबलों पर हमलों की क्षमता बढ़ाने की तैयारी कर रहे थे।
खुफिया सूचना पर चला सर्च ऑपरेशन
सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि 21 दिसंबर को पुख्ता खुफिया जानकारी के आधार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की सीआरपीएफ की 185वीं बटालियन की जी-एफ कंपनी और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। यह अभियान सुकमा जिले के मीनागट्टा क्षेत्र के घने जंगल और पहाड़ी इलाके में चलाया गया, जहां नक्सलियों की गतिविधियों की लगातार सूचना मिल रही थी।
जंगल के भीतर चल रही थी हथियार निर्माण यूनिट
सर्च ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों को जंगल के भीतर एक छिपी हुई अवैध हथियार निर्माण फैक्टरी का पता चला। मौके पर पहुंचते ही सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके को घेर लिया और फैक्टरी को निष्क्रिय कर दिया। जांच में सामने आया कि यह फैक्टरी लंबे समय से संचालित की जा रही थी और यहां देसी हथियारों के साथ-साथ विस्फोटक सामग्री भी तैयार की जा रही थी।
भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद
कार्रवाई के दौरान मौके से आठ सिंगल शॉट राइफल, हथियार निर्माण में इस्तेमाल होने वाली मशीनें, गन पार्ट्स और बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री बरामद की गई। इसके अलावा इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज, कॉर्डेक्स वायर, अमोनियम नाइट्रेट और एएनएफओ जैसे घातक विस्फोटक पदार्थ भी मिले हैं। यह सामग्री नक्सलियों द्वारा आईईडी और अन्य विस्फोटक उपकरण बनाने के लिए इस्तेमाल की जा रही थी।
बरामद सामग्री से खुला नक्सली मंसूबों का राज
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार बरामद हथियार और विस्फोटक इस बात का संकेत हैं कि नक्सली क्षेत्र में सशस्त्र गतिविधियों को तेज करने की तैयारी में थे। फैक्टरी में वेल्डिंग मशीन, कटर मशीन, मल्टीमीटर और वायरलेस वीएचएफ सेट जैसे उपकरण भी मिले हैं, जो संगठित और तकनीकी रूप से सक्षम नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। इसके साथ ही नक्सली वर्दी, वर्दी बनाने की सामग्री और नक्सली साहित्य भी बरामद हुआ है।
नक्सली सप्लाई नेटवर्क को लगा बड़ा झटका
पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि इस कार्रवाई से नक्सलियों के हथियार और विस्फोटक सप्लाई नेटवर्क को गंभीर नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि सुकमा पुलिस की नई रणनीति और सुरक्षाबलों के बीच बेहतर समन्वय के चलते नक्सलियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है।
आत्मसमर्पण और गिरफ्तारियों में बढ़ोतरी
एसपी चव्हाण के अनुसार वर्ष 2024 से अब तक सुकमा जिले में नक्सल विरोधी अभियानों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इस अवधि में 599 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की है, जबकि 460 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा विभिन्न मुठभेड़ों में 71 नक्सली मारे गए हैं। शेष बचे नक्सलियों पर भी लगातार दबाव बढ़ाया जा रहा है, ताकि वे या तो आत्मसमर्पण करें या कानून के शिकंजे में आएं।
बस्तर में शांति बहाली की दिशा में कदम
सुकमा पुलिस का कहना है कि बस्तर क्षेत्र में स्थायी शांति और सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करना उनकी प्राथमिकता है। नक्सलियों की हिंसक विचारधारा, अवैध हथियार निर्माण और सप्लाई नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए ऐसे अभियान आगे भी निरंतर जारी रहेंगे। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई को नक्सल विरोधी अभियान में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।
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