सीडीएस बोले- युद्ध में कोई उपविजेता नहीं, लापरवाही की कीमत बेहद भारी होती है
हैदराबाद। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि संघर्ष और युद्ध की स्थिति में गलतियों के लिए कोई स्थान नहीं होता। उन्होंने कहा कि युद्ध में कोई उपविजेता नहीं होता और छोटी-सी चूक भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है। जनरल चौहान ने यह बात हैदराबाद के दुंडीगल स्थित वायुसेना अकादमी में भारतीय वायुसेना के फ्लाइट कैडेट्स के संयुक्त दीक्षांत परेड को संबोधित करते हुए कही। इस अवसर पर वे समीक्षा अधिकारी के रूप में उपस्थित थे।
नए सामान्य के दौर में प्रवेश कर रही वायुसेना
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने कहा कि नए अधिकारी ऐसे समय में भारतीय वायुसेना में शामिल हो रहे हैं, जब एक नया सामान्य स्वरूप पूरी तरह स्थापित हो चुका है। यह दौर उच्च स्तर की परिचालन तत्परता से परिभाषित है, जिसमें हर समय तैयार रहना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आज का सुरक्षा परिदृश्य तेजी से बदल रहा है और ऐसे में सेना को हर परिस्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम रहना होगा।
ऑपरेशन सिंदूर जारी, सतर्कता सर्वोपरि
जनरल चौहान ने कहा कि भले ही अभियानों की तीव्रता में कभी-कभी कमी दिखाई दे, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह जारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की असली ताकत सतर्कता, चुस्ती और हर समय तैयार रहने की क्षमता में निहित है। उन्होंने कहा कि विजय को आदत बनाना इस नए सामान्य का अहम हिस्सा होना चाहिए और यह मानसिकता हर सैनिक और अधिकारी में होनी चाहिए।
युद्ध भाषणों से नहीं, उद्देश्यपूर्ण कार्रवाई से जीते जाते हैं
सीडीएस ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि युद्ध केवल भाषणों या घोषणाओं से नहीं जीते जाते, बल्कि इसके लिए ठोस रणनीति, स्पष्ट उद्देश्य और प्रभावी कार्रवाई जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि सेना को हमेशा अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए और किसी भी स्थिति में ढिलाई नहीं बरतनी चाहिए।
बदलते माहौल के अनुरूप ढल रही भारतीय रक्षा व्यवस्था
जनरल अनिल चौहान ने कहा कि भारतीय रक्षा बल लगातार बदलते सुरक्षा माहौल के अनुरूप खुद को ढाल रहे हैं। सुधारों को अपनाना और नई तकनीकों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना सेना की प्राथमिकता है, ताकि वह हर समय तैयार और प्रासंगिक बनी रहे। उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य शक्ति मजबूत संस्थाओं, लोकतांत्रिक स्थिरता और सशस्त्र बलों के अडिग पेशेवर दृष्टिकोण पर आधारित है।
एकीकृत संरचना और आत्मनिर्भरता भविष्य की दिशा तय कर रही
सीडीएस ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल इस समय बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। एकीकृत सैन्य संरचना, संयुक्त अभियानों की अवधारणा और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता भारत की सैन्य ताकत का भविष्य तय कर रही है। उन्होंने कहा कि नए प्रशिक्षित अधिकारी इस परिवर्तन के साक्षी ही नहीं, बल्कि इसके सक्रिय भागीदार भी होंगे।
दीक्षांत परेड में भविष्य के योद्धाओं को संदेश
संयुक्त दीक्षांत परेड के अवसर पर जनरल चौहान का संदेश साफ था कि आने वाले समय में चुनौतियां और अधिक जटिल होंगी, लेकिन अनुशासन, प्रशिक्षण और प्रतिबद्धता के बल पर भारतीय सशस्त्र बल हर चुनौती का सामना करने में सक्षम रहेंगे। उन्होंने नव-प्रशिक्षित अधिकारियों से राष्ट्र की सुरक्षा के प्रति पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ कार्य करने का आह्वान किया।
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