पुराने नोटों से भरे बैग और दो गाड़ियां भी ज़ब्त, आरबीआई में बदलवाने का झांसा देकर ठगी का जाल बिछाया गया था
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में पुलिस ने एक बार फिर नोटबंदी के बाद भी जारी पुराने नोटों के अवैध कारोबार का बड़ा खुलासा किया है। उत्तरी दिल्ली के वजीरपुर इलाके में छापा मारकर पुलिस ने 500 और 1000 रुपये के बंद हो चुके नोटों से भरे कई बैग बरामद किए, जिनकी कुल फेस वैल्यू 3.5 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। गुप्त सूचना के आधार पर पीपी डब्ल्यूपीआईए की टीम ने बुधवार देर रात कार्रवाई की। छापे के दौरान नोटों से भरे बैग ले जा रहे कई लोगों को मौके से हिरासत में लिया गया। पुलिस ने दो वाहनों को भी जब्त किया, जिनका इस्तेमाल अवैध रूप से पुराने नोटों की आवाजाही के लिए किया जा रहा था। एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से यह पता लगाया जा रहा है कि ये नोट कहां से आए और पूरा नेटवर्क किन-किन लोगों से जुड़ा हुआ है।
कहां से आए पुराने नोट? ठगी और साजिश का बड़ा नेटवर्क बेनकाब
प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि ये नोट बाजार में बेहद कम दाम पर खरीदे गए थे। वे लोगों को यह झांसा देते थे कि आरबीआई में किसी माध्यम से यह नोट बदलवाए जा सकते हैं। इसी लालच में बंद नोटों की खरीद-फरोख्त का अवैध कारोबार चल रहा था। पुलिस के अनुसार, यह मामला धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और स्पेसिफाइड बैंक नोट्स एक्ट के उल्लंघन के तहत पूरी तरह आपराधिक गतिविधि की श्रेणी में आता है। चारों आरोपी यह जानते थे कि ऐसे नोटों को रखना और उनके जरिए कारोबार करना गैर-कानूनी है और उनके पास किसी प्रकार का वैध दस्तावेज या अनुमति भी नहीं थी। जल्दी पैसा कमाने के लालच में वे इस घोटाले का हिस्सा बने।
चार आरोपी गिरफ्तार, एक हिमाचल का, तीन दिल्ली के निवासी
पुलिस ने इस मामले में जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया है, वे इस प्रकार हैं—
हर्ष (22 वर्ष), निवासी रोहिणी सेक्टर-25
टेक चंद (39 वर्ष), निवासी रोहिणी सेक्टर-25
लक्ष्य (28 वर्ष), निवासी बृजपुरी, दिल्ली
विपिन कुमार (38 वर्ष), मूल निवासी जोगिंदर नगर, हिमाचल प्रदेश; फिलहाल शालीमार बाग मेट्रो स्टेशन के पास सर्वेंट क्वार्टर में रह रहा था पुलिस सभी आरोपियों के मोबाइल फोन, संपर्कों और वित्तीय लेन-देन की जांच कर रही है, ताकि यह मालूम किया जा सके कि क्या यह कोई बड़ा संगठित नेटवर्क है और इसमें कितने लोग शामिल हैं।
धीरे-धीरे खुल रहा है अवैध नोट कारोबार का जाल
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला संभवतः किसी बड़े रैकेट की कड़ी है, जो नोटबंदी के वर्षों बाद भी बंद नोटों को अवैध तरीके से चलाने की कोशिश में लगा है। छापेमारी में बरामद दोनों वाहन, बरामद बैग, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच जारी है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इन पुराने नोटों का इस्तेमाल किसी अन्य अवैध गतिविधि—जैसे हवाला, सट्टा कारोबार या मनी लॉन्ड्रिंग—में किया जा रहा था। आगे की जांच में पुलिस इस नेटवर्क के मास्टरमाइंड, पुराने नोटों के स्रोत और अन्य राज्यों से इसके संभावित संबंधों का पता लगाने की कोशिश करेगी।
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