बलांगीर के तुरेकला इलाके में हाथियों की आवाजाही, व्यस्त रेलखंड पर मंडरा रहा बड़े हादसे का खतरा

नई दिल्ली। देश में वन्यजीवों और रेलवे ट्रैक के टकराव की घटनाओं को लेकर चिंता एक बार फिर गहरा गई है। ओडिशा के बलांगीर जिले में रविवार शाम उस समय हड़कंप मच गया, जब करीब 30 हाथियों का एक बड़ा झुंड तुरेकला रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पार करता देखा गया। हाथियों की इस गतिविधि ने रेलवे और वन विभाग दोनों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह इलाका एक व्यस्त रेलखंड के रूप में जाना जाता है और यहां से कई एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं।

जंगल और रेलवे लाइन के बीच आवाजाही

जानकारी के मुताबिक, यह हाथियों का झुंड आसपास के जंगलों के बीच लगातार आवाजाही कर रहा है। इसी दौरान झुंड को रेलवे ट्रैक पार करते हुए देखा गया। पिछले कुछ दिनों से तुरेकला ब्लॉक क्षेत्र में हाथियों की गतिविधियां लगातार सामने आ रही हैं। खास बात यह है कि हाथी अधिकतर शाम और रात के समय ही जंगल से बाहर निकलते हैं, जबकि दिन में घने जंगलों के भीतर रहते हैं। इससे वन विभाग और रेलवे अधिकारियों के लिए उनकी निगरानी करना और समय रहते कदम उठाना चुनौतीपूर्ण हो गया है।

कांटाबांजी रेल रूट पर बढ़ा खतरा

तुरेकला इलाका कांटाबांजी रेलवे रूट के अंतर्गत आता है, जिसे ओडिशा के व्यस्त रेल मार्गों में गिना जाता है। इस रूट से रोजाना कई लंबी दूरी की ट्रेनें गुजरती हैं। ऐसे में यदि हाथी रात के समय ट्रैक पर आ जाएं, तो किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी खतरे को देखते हुए रेलवे और वन विभाग दोनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

रेलवे और वन विभाग की संयुक्त निगरानी

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन विभाग की टीमें हाथियों की हर गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं। वहीं भारतीय रेलवे ने भी इस क्षेत्र में सतर्कता बढ़ा दी है। जरूरत पड़ने पर ट्रेनों की गति कम करने, लोको पायलटों को विशेष सतर्कता बरतने और कंट्रोल रूम से लगातार निगरानी जैसे कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इस अभियान में सबसे पहली प्राथमिकता हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि किसी भी तरह की जनहानि या वन्यजीव क्षति को रोका जा सके।

असम हादसे की वजह से बढ़ी चिंता

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर चिंता इसलिए भी अधिक है, क्योंकि हाल ही में असम में एक दर्दनाक रेल हादसा सामने आया था। उस हादसे में राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से आठ हाथियों की मौत हो गई थी और ट्रेन के पांच डिब्बे तथा इंजन पटरी से उतर गए थे। हालांकि उस घटना में यात्रियों को कोई चोट नहीं आई थी, लेकिन वन्यजीवों की भारी क्षति ने पूरे देश को झकझोर दिया था। उसी हादसे के बाद से देशभर में रेलवे ट्रैक के पास हाथियों की गतिविधियों को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी गई है।

बलांगीर में हर पल बदल सकती है स्थिति

वन अधिकारियों का कहना है कि बलांगीर में इतने बड़े झुंड का रेलवे लाइन पार करना किसी भी वक्त गंभीर हादसे में बदल सकता है। फिलहाल हालात पर कड़ी नजर रखी जा रही है और हर संभव कोशिश की जा रही है कि हाथियों और ट्रेनों के बीच टकराव न हो। रेलवे और वन विभाग आपसी समन्वय के साथ इस संवेदनशील स्थिति से निपटने की तैयारी में जुटे हुए हैं, ताकि असम जैसी त्रासदी दोबारा न दोहराई जाए।