अयोध्या से बड़ी खबर:
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 673 दिनों बाद आज अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण बनने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराने के लिए पहुंच चुके हैं। इससे पहले उन्होंने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ रामदरबार में पूजा-अर्चना की, आरती उतारी और सप्त ऋषियों के दर्शन किए। सुबह से ही मंदिर परिसर में विशेष पूजा और दिव्य अनुष्ठान चल रहे हैं, जिनमें हजारों श्रद्धालु शामिल हैं।
- Nov 25, 2025 12:54 IST
"मोदी बोले—हर युग में राम के विचार हमारी प्रेरणा, राष्ट्रहित सबसे ऊपर"
अपने संबोधन के अंतिम हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत की यात्रा, चाहे कोई भी कालखंड हो, हमेशा राम के आदर्शों से ही दिशा पाती रही है और आगे भी राम के विचार ही हमारी प्रेरणा रहेंगे। उन्होंने विकसित भारत की परिकल्पना को एक रथ से जोड़ते हुए कहा कि ऐसे राष्ट्रनिर्माण के रथ को आगे बढ़ाने के लिए उसके पहिए शौर्य और धैर्य होने चाहिए—वे गुण जो देश को चुनौतियों से निकालकर सफलता की ओर ले जाते हैं।
मोदी ने कहा कि इस रथ की ध्वजा ऐसी होनी चाहिए जो नीति और नीयत से कभी समझौता न करे। इसके घोड़े बल, विवेक, संयम और परोपकार के प्रतीक हों—ऐसी शक्तियाँ जो समाज और राष्ट्र दोनों को संतुलन और ऊंचाई प्रदान करें।
“क्षमा और करुणा से चलने वाली लगाम”
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रथ तभी सही दिशा में अग्रसर रहेगा जब इसकी लगाम क्षमा, करुणा और संवेदना के हाथों में होगी। सफलता आने पर अहंकार न हो और असफलता के समय भी दूसरों के प्रति सम्मान बना रहे—यही राम के आदर्श हैं और यही नए भारत की जरूरत है।“यह क्षण—कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ने का”
उन्होंने कहा कि यह समय सामूहिक प्रयासों को मजबूत करने का है। यह पल गति बढ़ाने का है, ऊर्जा जुटाने का है और एक-दूसरे का हाथ थामकर आगे बढ़ने का है।मोदी ने कहा कि हमें वह भारत बनाना है जो रामराज्य की भावना से प्रेरित हो—जहाँ निर्णय देशहित से संचालित हों और जहां समाज का प्रत्येक व्यक्ति राष्ट्र को अपने से पहले रखे।
जय सियाराम के उद्घोष के साथ भाषण समाप्त
अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने तीन बार पूरे उत्साह के साथ “जय सियाराम” का उद्घोष किया और यह उद्घोष पूरे परिसर में गूंज उठा।प्रधानमंत्री का यह ऐतिहासिक संबोधन लगभग 32 मिनट तक चला और राम के आदर्शों, राष्ट्र निर्माण, मानसिक स्वतंत्रता और भावी भारत की दृष्टि को एक सूत्र में पिरोकर समाप्त हुआ।
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मोदी बोले—हर युग में राम के विचार हमारी प्रेरणा, राष्ट्रहित सबसे ऊपर Photograph: (X) - Nov 25, 2025 12:46 IST
"मोदी बोले—2035 तक भारत को गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्त करेंगे"
अपने संबोधन के अगले हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की मानसिक स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि आज का युग केवल धार्मिक या सांस्कृतिक पुनर्जागरण का नहीं, बल्कि मानसिक आज़ादी का भी है। उन्होंने याद दिलाया कि लगभग 190 वर्ष पहले, 1835 में लार्ड मैकाले ने भारत पर मानसिक गुलामी की नींव डाली थी। दस वर्ष बाद, यानी 2035 में, उस घटना को पूरे दो सौ वर्ष पूरे होंगे,और अगले इन दस वर्षों में भारत को उस गुलामी की छाया से पूरी तरह बाहर निकालना ही हमारा संकल्प है।
मोदी ने कहा कि हमें स्वतंत्रता तो मिली, लेकिन अपनी चीज़ों को कमतर समझने का रोग अब भी समाज में गहराई से मौजूद है। यह वह गुलामी की मानसिकता है जिसमें विदेशी अधिक श्रेष्ठ और अपनी धरोहर कमतर लगती है। उन्होंने कहा:
“भारत ने लोकतंत्र विदेशों से नहीं लिया, बल्कि भारत स्वयं लोकतंत्र की जननी है।”“गुलामी की मानसिकता ने ज्ञान को दबाया”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि तमिलनाडु के एक प्राचीन गांव के शिलालेख में विस्तार से लिखा है कि वहां शासन कैसे चलता था, चुनाव कैसे होते थे और समाज खुद को कैसे संचालित करता था। लेकिन गुलामी की मानसिकता ने ऐसे ज्ञान को छुपा दिया, पीढ़ियों को उनके गौरव से दूर रखा।मोदी ने कहा कि आज भी कई जगहों पर गुलामी के प्रतीक दिखाई देते हैं,कभी ध्वज पर, कभी भवनों पर, कभी प्रतीकों में। इन्हें बदलना केवल डिज़ाइन बदलना नहीं है, बल्कि मानसिकता बदलने का प्रयास है।
“भारत अब अपनी विरासत से परिभाषित होगा”
उन्होंने नौसेना के नए ध्वज का उल्लेख करते हुए कहा कि पुराना ध्वज उन प्रतीकों से भरा था जिनका भारत की परंपरा से कोई संबंध नहीं था। सरकार ने उसे हटाकर छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत से प्रेरित नया ध्वज अपनाया, ताकि भारत अपनी पहचान अपनी शक्ति से तय करे, न कि किसी बाहरी प्रभाव से।मोदी ने कहा
“आज अयोध्या में भी वही बदलाव दिख रहा है,एक ऐसा भारत जो अपने प्रतीकों, अपनी विरासत और अपने इतिहास को ही अपनी पहचान मानता है।”प्रधानमंत्री के इस हिस्से ने सभा में बैठे हजारों लोगों के बीच नई चेतना और राष्ट्रीय गर्व की भावना को और अधिक प्रबल कर दिया।
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अयोध्या से लाइव: श्रीराम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण महोत्सव। https://t.co/OxscUvaLOQ
— BJP (@BJP4India) November 25, 2025 - Nov 25, 2025 12:42 IST
"मोदी बोले—हम नहीं रहेंगे तब भी देश रहेगा, राम मूल्य हैं, मर्यादा हैं"
अपने संबोधन के अगले हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राम का संदेश भेदभाव से परे, समरसता और भाव की एकता पर आधारित है। उन्होंने कहा कि राम कुल या वंश नहीं देखते—उनके लिए भक्ति और सहयोग सर्वोपरि हैं। यही भावना आज भारत की विकासयात्रा की प्रेरणा भी है।
मोदी ने बताया कि पिछले 11 वर्षों में सरकार ने महिला, दलित, पिछड़े, आदिवासी, वंचित, किसान और युवा—इन सभी को विकास के केंद्र में रखा है। क्योंकि जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति सशक्त होता है, तभी किसी बड़े राष्ट्रीय संकल्प की सिद्धि संभव होती है।
“विकसित भारत 2047—आने वाली पीढ़ियों का भविष्य”
उन्होंने कहा कि 1947 की स्वतंत्रता से लेकर 2047 की विकसित भारत यात्रा तक—देश को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाना ही हमारा लक्ष्य है। प्राण प्रतिष्ठा के समय उन्होंने “राम से राष्ट्र” की चर्चा की थी, और आज उसी संकल्प को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगले हजार वर्षों के भारत की बुनियाद आज के निर्णयों पर टिकेगी।
मोदी ने कहा— “जो केवल वर्तमान के बारे में सोचता है वह आने वाली पीढ़ियों के साथ अन्याय करता है। जब हम पैदा नहीं हुए थे, तब भी देश था। जब हम दुनिया में नहीं रहेंगे, तब भी यह देश रहेगा। इसलिए हमें दीर्घदृष्टि के साथ निर्णय लेने होंगे।”
“राम—एक आदर्श, एक मर्यादा, एक मूल्य”
प्रधानमंत्री ने राम के चरित्र को मानवता की सर्वोच्च प्रेरणा बताते हुए कहा कि राम केवल इतिहास के पात्र नहीं, बल्कि जीवंत मूल्य हैं। उन्होंने कहा—
राम यानी आदर्श, मर्यादा और धर्म।
राम यानी सत्य का अडिग संकल्प।
राम यानी कोमलता और कृतज्ञता का सर्वोच्च उदाहरण।
राम यानी श्रेष्ठ संगति का आग्रह।
राम यानी जनता के सुख को सर्वोपरि मानने वाली दृष्टि।
राम यानी अनुशासन, जागरूकता और निष्कपटता।
राम यानी ज्ञान, विवेक, क्षमा और करुणा का विशाल स्वरूप।
उन्होंने कहा कि अगर समाज को सामर्थ्यवान बनाना है, तो राम के इन गुणों को अपने भीतर स्थापित करना होगा। यही नया भारत का मार्ग है।
“आज का दिन—अपनी विरासत पर गर्व की अनुभूति”
मोदी ने कहा कि धर्मध्वजा के फहराने का यह क्षण केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि एक ऐसे राष्ट्र की चेतना का उत्सव है जो अपनी विरासत पर गर्व करता है और भविष्य की सदियों के लिए मजबूत नींव रख रहा है।
उन्होंने अंत में कहा कि आज से बेहतर कोई दिन नहीं हो सकता जब हम अपने भीतर राम के मूल्य स्थापित करें और अपनी पीढ़ियों को एक दृढ़, समरस, शक्तिशाली राष्ट्र सौंपें।
📍 LIVE अपडेट जारी… - Nov 25, 2025 12:35 IST
"मोदी बोले—अयोध्या वह भूमि है जहां आदर्श जीवन में उतरते हैं, राम समाज की शक्ति से पुरुषोत्तम बने"
अपने संबोधन के अगले हिस्से में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या की आध्यात्मिक महिमा का विस्तृत वर्णन करते हुए कहा कि यह वही पवित्र भूमि है जहाँ केवल आदर्शों का उपदेश नहीं होता, बल्कि आदर्श आचरण में परिवर्तित होते हैं। उन्होंने कहा कि राम का जीवन इस धरती पर शुरू हुआ और इसी भूमि ने सिखाया कि जब कोई व्यक्ति अपने समाज की सामूहिक शक्ति और समर्थन के साथ चलता है, तो वही युवराज राम मर्यादा पुरुषोत्तम बन जाता है।
मोदी ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में भी समाज की यही सामूहिक शक्ति अत्यंत आवश्यक है। संतुलित, संवेदनशील और समर्पित समाज ही उन संकल्पों को सिद्ध कर सकता है जिन पर नया भारत आधारित है।
“राम मंदिर का प्रांगण अब भारत का चेतना-स्थल”
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम मंदिर अब केवल एक धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि भारत की चेतना का स्थल बन रहा है—एक ऐसी जगह जो जीवन, आदर्शों और मानवीय मूल्यों को नए सिरे से परिभाषित करती है।उन्होंने मंदिर परिसर में स्थापित सात महत्वपूर्ण स्मारकों और मंदिरों का विशेष उल्लेख किया—
माता शबरी, निषादराज गुहा, माता अहिल्या, महर्षि वाल्मीकि, संत तुलसीदास, जटायु और गिलहरी की मूर्तियाँ—ये सभी इस बात का प्रतीक हैं कि छोटे से छोटा प्रयास भी बड़े संकल्पों की सिद्धि में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।आस्था से आगे—सामाजिक सद्भाव का संदेश
पीएम ने कहा कि राम मंदिर में स्थापित ये सप्त मंदिर केवल श्रद्धा के केंद्र नहीं, बल्कि भारतीय समाज के उन मूल्यों के प्रतीक हैं जो मित्रता, समानता, अपनत्व और सद्भाव को शक्ति देते हैं।उन्होंने सभी भारतवासियों से आग्रह किया कि जब भी राम मंदिर आएं, इन सप्त मंदिरों के दर्शन अवश्य करें—क्योंकि यह यात्रा केवल भक्ति नहीं, बल्कि एक विशाल सामाजिक संदेश को भी आत्मसात करती है।
📍 LIVE
आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। सियावर रामचंद्र की जय! https://t.co/4PPt0rEnZy
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2025 - Nov 25, 2025 12:30 IST
"मोदी बोले—धर्मध्वजा सत्य की विजय का प्रतीक, राम के आदर्श युगों तक मार्गदर्शन करेंगे"
अपने संबोधन को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज शिखर पर फहराई गई यह धर्मध्वजा केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि सत्यमेव जयते के शाश्वत सिद्धांत का जीवंत आह्वान है। उन्होंने स्पष्ट कहा— “जीत हमेशा सत्य की होती है, असत्य की कभी नहीं।”मोदी ने कहा कि यह ध्वजा आने वाली पीढ़ियों को यह स्मरण दिलाती रहेगी कि सत्य ही ब्रह्म का स्वरूप है और धर्म का आधार भी। यह प्रेरणा देती है कि वचन का पालन सर्वोपरि है— “प्राण जाए पर वचन न जाए।”
प्रधानमंत्री ने इसे कर्म और कर्तव्य की सर्वोच्चता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि रामराज्य का यही भाव है—एक ऐसा समाज जहाँ भेदभाव न हो, परेशानी न हो, जहाँ शांति, सुख, करुणा और समानता का वास हो। एक ऐसा भारत जहाँ कोई गरीब, भूखा या लाचार न रह जाए।
ध्वजा—दूर से भी रामलला के दर्शन का प्रतीक
उन्होंने कहा कि राम मंदिर शिखर पर स्थापित यह ध्वजा उन लाखों-करोड़ों भक्तों के लिए भी आस्था का केंद्र है जो किसी कारण मंदिर नहीं आ पाते। दूर से ध्वजा को प्रणाम करने मात्र से उन्हें वह आध्यात्मिक संतोष मिलता है मानो रामलला का प्रत्यक्ष दर्शन किया हो। यह ध्वजा उसी मार्गदर्शक भावना का प्रतीक बनकर खड़ी है।राम के आदर्श—मानवता के लिए युगों-युगों तक प्रकाशपुंज
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ध्वजा आने वाले युगों तक राम के आदर्शों को मानव समाज तक पहुंचाती रहेगी और पूरी दुनिया को सत्य, सेवा और त्याग की राह दिखाती रहेगी।अपने संबोधन के अंत में उन्होंने दुनिया भर के रामभक्तों को इस ऐतिहासिक क्षण की शुभकामनाएँ दीं और मंदिर निर्माण में योगदान देने वाले सभी दानवीरों, श्रमिकों, कारीगरों और वास्तुकारों के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
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आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और उत्कर्ष-बिंदु की साक्षी बन रही है। श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर ध्वजारोहण उत्सव का यह क्षण अद्वितीय और अलौकिक है। सियावर रामचंद्र की जय! https://t.co/4PPt0rEnZy
— Narendra Modi (@narendramodi) November 25, 2025 - Nov 25, 2025 12:26 IST
"सियावर रामचंद्र की जय से गूंजा परिसर, पीएम मोदी ने शुरू किया ऐतिहासिक संबोधन"
अयोध्या के पावन परिसर में “सियावर रामचंद्र की जय” के गगनभेदी उद्घोष के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना ऐतिहासिक संबोधन आरंभ किया। पूरा वातावरण क्षणभर में आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा और जनता का उत्साह चरम पर पहुंच गया।
पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन केवल एक समारोह का दिन नहीं, बल्कि वह क्षण है जब संपूर्ण भारत और संपूर्ण विश्व राममय हो उठा है। उन्होंने भावपूर्ण शब्दों में कहा कि सदियों से चले आ रहे घाव आज भर रहे हैं, पीढ़ियों की वेदना को आज विराम मिला है और वह संकल्प, जिसके लिए अनगिनत लोग प्रतीक्षा करते रहे—आज सिद्धि को प्राप्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री के इन शब्दों के साथ मंदिर परिसर में गहरी भावनाओं और ऐतिहासिक पूर्ति की अनुभूति फैल गई। जनता के चेहरों पर गर्व, आनंद और आस्था का मिश्रित भाव साफ झलकने लगा।
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#WATCH अयोध्या, उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "... आज अयोध्या नगरी भारत की सांस्कृतिक चेतना के एक और बिंदु की साक्षी बन रही है। आज संपूर्ण भारत और विश्व राममय है... हर राम भक्त के हृदय में अपार अलौकिक आनंद है। सदियों के घाव भर रहे हैं। आज सदियों की वेदना विराम पा रही… pic.twitter.com/LEt3rNjvsw
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कर-कमलों से एवं @RSSorg के माननीय सरसंघचालक श्रद्धेय डॉ. मोहन भागवत जी की गरिमामयी उपस्थिति में श्री अयोध्या धाम स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य भगवा ध्वज के आरोहण समारोह में... https://t.co/cCXkq8IpdQ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2025 - Nov 25, 2025 12:19 IST
मोहन भागवत बोले—आज का दिन त्याग और तपस्या की सार्थकता का क्षण
धर्मध्वजा फहराने के ऐतिहासिक क्षण के बाद सरसंघचालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन केवल उत्सव का अवसर नहीं, बल्कि उन अनगिनत लोगों की तपस्या और बलिदान की सार्थकता का दिन है जिन्होंने राम मंदिर के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि जिन वीरों ने इस यात्रा के लिए प्राण न्योछावर किए, उनकी आत्माएं आज तृप्त होंगी। अयोध्या की इस पवित्र भूमि पर संघर्षों का शमन हुआ है और शांति की स्थापना महसूस की जा सकती है।
“रामराज्य का ध्वज आज फिर अयोध्या में फहराया गया”
भागवत ने कहा कि जिस भगवा ध्वज को आज मंदिर के शिखर पर स्थापित किया गया है, वह केवल एक झंडा नहीं बल्कि रामराज्य की उस प्राचीन परंपरा का पुनरुत्थान है जो कभी इसी अयोध्या की धरती पर फहराया करती थी। उन्होंने बताया कि इस ध्वज पर अंकित कोविदार वृक्ष रघुकुल की सत्ता, मर्यादा और व्यापक कल्याण का प्रतीक है। यह वही वृक्ष है जो स्वयं तप में खड़ा रहता है लेकिन अपनी छाया और फल सभी को बांट देता है,यही धर्म, त्याग और सेवा की सर्वोच्च भावना है।“सूर्य भगवान संकल्प की शक्ति का प्रतीक”
उन्होंने कहा कि ध्वजा के शीर्ष पर स्थित सूर्य का चिन्ह इस बात का प्रतीक है कि चाहे कठिनाई कैसी भी हो, संकल्प कभी डिगना नहीं चाहिए। सूर्य का एकमात्र पहिया यह संदेश देता है कि धर्म की दिशा एक ही होती है',जनकल्याण, तप और सत्य।
अपने संबोधन के दौरान मोहन भागवत ने कहा कि यह उत्सव अतीत की पीड़ा, संघर्ष और इंतजार का समाधान है। आज का दिन वह क्षण है जब अयोध्या ने फिर अपने गौरव को महसूस किया और रामराज्य के भाव को नए रूप में ग्रहण किया।
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#LIVE: श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा के पुनर्स्थापन का पावन समारोह | अयोध्या धाम https://t.co/Eg1AODUEus
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 25, 2025#WATCH अयोध्या, उत्तर प्रदेश: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "आज हम सबके लिए एक सार्थकता का दिन है। इतने लोगों ने सपना देखा, इतने लोगों ने प्रयास किए, इतने लोगों ने अपने प्राण अर्पण किए आज उनकी आत्मा को तृप्त हुई होगी। आज वास्तव में अशोक जी को वहां शांति मिली होगी....उन्होंने… pic.twitter.com/bHb2jmmiCG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025 - Nov 25, 2025 12:14 IST
"योगी बोले—पांच सौ साल बाद आस्था हुई साकार, अयोध्या आज रामराज्य की नई राजधानी"
अयोध्या में धर्मध्वजा फहराने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में आस्था, संकल्प और आधुनिक भारत की दिशा को बेहद सशक्त शब्दों में रखा। उन्होंने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए आत्मगौरव का क्षण है, क्योंकि 500 वर्षों की असंख्य चुनौतियों के बावजूद जनता की आस्था कभी डगमगाई नहीं। उन्होंने स्पष्ट कहा— “आस्था न झुकी, न रुकी… और इसी अडिग विश्वास ने आज का स्वर्णिम दृश्य संभव किया।”
आधुनिक भारत में रामराज्य की झलक
योगी ने कहा कि आज भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है। 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन मिलना और 50 करोड़ से अधिक लोगों के पास निशुल्क स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध होना आधुनिक समय के लोककल्याणकारी ‘रामराज्य’ का स्वरूप है। जनकल्याण आधारित यही दृष्टि आज देश की विकासयात्रा को दिशा दे रही है।अयोध्या का बदलाव—संघर्ष से उत्सव की राजधानी तक
उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि एक समय अयोध्या संघर्ष और अव्यवस्था में घिरी रहती थी। परंतु आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में यही अयोध्या विश्व स्तर पर उत्सवों, अध्यात्म और आस्था की राजधानी बन चुकी है। रामराज्य की दिव्य अवधारणा अब यहां वास्तविक स्वरूप ले रही है।आस्था और आधुनिकता का संगम
सीएम योगी ने अयोध्या की नई पहचान का उल्लेख करते हुए कहा कि धर्मपथ, रामपथ, भक्ति पथ, पंचकोसी, चौदह कोसी और चौरासी कोसी परिक्रमा जैसे सभी मार्गों को पुनर्जीवित कर श्रद्धा को नया सम्मान दिया गया है। उन्होंने बताया कि अयोध्या अब आस्था, अर्थव्यवस्था और आधुनिकता—तीनों का अद्वितीय संगम बन चुकी है। सोलर सिटी के तौर पर भी इसकी पहचान देश में अग्रणी हो गई है।मोदी के प्रति आभार—ध्वजारोहण के क्षण को ऐतिहासिक बताया
योगी ने कहा कि राम मंदिर के शिखर पर पीएम मोदी द्वारा केसरिया धर्मध्वजा फहराना करोड़ों भारतीयों के लिए गर्व की अनुभूति है। उन्होंने प्रधानमंत्री को इस विशेष कार्यक्रम के लिए समय निकालने पर हृदयपूर्वक धन्यवाद दिया।अपने संबोधन के अंत में योगी आदित्यनाथ ने देश-भर के रामभक्तों का स्वागत करते हुए वाणी को विराम दिया और पूरे देश में फैले उत्साह व उमंग को “रामराज्य की नई सुबह” बताया।
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- Nov 25, 2025 12:07 IST
"पीढ़ियों का इंतजार आज पूरा हुआ, रामध्वजा नए युग का प्रतीक: योगी"
अयोध्या के भव्य समारोह में आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का संबोधन भावनाओं और आस्था से भरा रहा। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत रामचरितमानस की एक पावन चौपाई से की— “आज सफल तपु तीरथ त्यागू, आजु सुफल जप जोग बिरागू…”—और इसी के साथ उन्होंने ध्वजारोहण के इस दिव्य क्षण को युगांतरकारी बताते हुए जनता का अभिनंदन किया।योगी ने कहा कि राम मंदिर के शिखर पर आज फहराई गई धर्मध्वजा केवल एक धार्मिक परंपरा की पूर्णाहुति नहीं है, बल्कि यह नए भारत के उदय का प्रतीक है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उस नेतृत्व के लिए धन्यवाद दिया जिसने वर्षों का संकल्प साकार किया, और संघ प्रमुख मोहन भागवत को रामभक्ति के इस महासमागम में उनकी उपस्थिति के लिए विशेष सम्मान दिया।
“पीढ़ियों की प्रतीक्षा आज साकार हुई”
मुख्यमंत्री ने भावुक शब्दों में कहा कि यह वह क्षण है जिसका इंतजार असंख्य पीढ़ियों ने किया। अनेक संघर्षों, बदलावों और उतार-चढ़ावों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था अडिग रही, कभी न झुकी और न ही रुकी। आज रामलला के भव्य मंदिर और उसके शिखर पर फहराते केसरिया ध्वज ने उस संकल्प को पूर्णता दी है।राम मंदिर—140 करोड़ देशवासियों के गौरव का प्रतीक
योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रभु राम का मंदिर केवल एक संरचना नहीं, बल्कि पूरे देश का सम्मान और आत्मविश्वास है। उन्होंने कहा कि यह ध्वजा शक्ति, न्याय और राष्ट्रधर्म का प्रतिनिधित्व करती है। विकसित भारत की परिकल्पना रामराज्य की ही आधुनिक अभिव्यक्ति है, जहां न्याय, समानता, सेवा और कल्याण केंद्र में होते हैं।“राशन, स्वास्थ्य, आवास—यही है आधुनिक रामराज्य का संकल्प”
सीएम योगी ने आगे कहा कि आज देश उस दिशा में आगे बढ़ चुका है जहां गरीबों को राशन की सुरक्षा, स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच और सम्मानजनक आवास का अधिकार सुनिश्चित हो रहा है। यह वही भाव है जिसे रामचरितमानस में लोककल्याण की मूल भावना के रूप में बताया गया है।पूरे समारोह में उत्साह—अयोध्या में चरम पर आस्था का ज्वार
उनके संबोधन के दौरान पूरे परिसर में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजती रही। श्रद्धालु बार-बार “जय श्री राम” के उद्घोष के साथ इस ऐतिहासिक क्षण का स्वागत कर रहे थे। योगी के भावपूर्ण संबोधन ने समारोह के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को और अधिक विराट बना दिया है।📍 LIVE अपडेट जारी…
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के कर-कमलों से एवं @RSSorg के माननीय सरसंघचालक श्रद्धेय डॉ. मोहन भागवत जी की गरिमामयी उपस्थिति में श्री अयोध्या धाम स्थित श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भव्य भगवा ध्वज के आरोहण समारोह में... https://t.co/cCXkq8IpdQ
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2025 - Nov 25, 2025 12:04 IST
अभिजीत मुहूर्त में शिखर पर फहराई धर्मध्वजा
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अभिजीत मुहूर्त में शिखर पर फहराई धर्मध्वजा Photograph: (X) सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर जैसे ही शुभ अभिजीत मुहूर्त प्रारंभ हुआ, प्रधानमंत्री मोदी ने ध्वजारोहण हेतु निर्धारित बटन दबाया। उसी क्षण दो किलो की पवित्र केसरिया धर्मध्वजा मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर की ओर उठने लगी। पूरा परिसर “जय श्री राम” के जयघोष से गूंज उठा और लोगों ने इस ऐतिहासिक दृश्य को साक्षात दिव्य घटना की तरह अनुभव किया।
धर्मध्वजा के शिखर तक पहुंचते ही मंदिर की भव्यता और भी अनुपम लगने लगी। यह ध्वजा तूफान में भी सुरक्षित रहने वाली विशेष संरचना से तैयार की गई है और दूर से ही अयोध्या की पहचान का प्रमुख प्रतीक बनने जा रही है।
#WATCH | Ayodhya Dhwajarohan | Prime Minister Narendra Modi, along with CM Yogi Adityanath and UP Governor Anandiben Patel, offers prayers at Mata Annapurna Mandir ahead of the historic flag hoisting at Shri Ram Janmabhoomi Mandir
— ANI (@ANI) November 25, 2025
(Source: DD) pic.twitter.com/cOwFQthW3jश्री राम जन्मभूमि मंदिर पर धर्म ध्वजारोहण के मंगल उत्सव का सीधा प्रसारण
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) November 25, 2025
Live from the Dharma Dhwajarohan utsav at Shri Ram Janmabhoomi Mandir https://t.co/Qy6aEBK2gb - Nov 25, 2025 11:35 IST
दोपहर 12:30 बजे ध्वजारोहण
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दोपहर 12:30 बजे ध्वजारोहण Photograph: (x)
अभिजीत मुहूर्त में दोपहर साढ़े 12 बजे प्रधानमंत्री धर्म ध्वजा फहराएंगे। उनके संकेत पर दो किलो की केसरिया ध्वजा मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर स्थापित होगी। जैसे ही ध्वजा शिखर पर पहुंचेगी, इसके साथ ही राम मंदिर को पूर्ण मान्यता मिल जाएगी। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए लगभग सात हजार आमंत्रित अतिथि परिसर में मौजूद हैं।धर्मध्वजा की विशेषता
आज फहराई जाने वाली धर्मध्वजा बेहद आधुनिक संरचना के साथ बनाई गई है। भयंकर तूफान में भी यह सुरक्षित रहेगी और हवा की दिशा बदलने पर बिना उलझे सहजता से घूम जाएगी। ध्वजा के दंड पर 21 किलो सोने का मढ़ान किया गया है। ध्वजा 4 किलोमीटर दूर से भी दिखाई देगी, जिससे यह अयोध्या का नया पहचान चिन्ह बन जाएगी।#WATCH अयोध्या ध्वजारोहण | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर के 'शिखर' पर औपचारिक रूप से भगवा झंडा फहराएंगे।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025
झंडा पारंपरिक उत्तर भारतीय नागर आर्किटेक्चरल स्टाइल में बने शिखर पर फहराया जाएगा, जबकि मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा, जो… pic.twitter.com/mMSRCGSqW4 - Nov 25, 2025 11:31 IST
मोहन भागवत के साथ पीएम मोदी ने राम दरबार में पूजा की, VIDEO देखिए
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ram mandir aarti Photograph: (x) अयोध्या में ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत ने रामदरबार में विशेष पूजा-अर्चना की। दोनों ने भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और हनुमान जी के समक्ष नमन करते हुए विधिविधान से आरती उतारी। मंदिर परिसर में सुबह से ही आध्यात्मिक माहौल बना हुआ था और इस विशेष अनुष्ठान के दौरान मंत्रोच्चार लगातार गूंजते रहे।
रामलला ने आज विशेष पीतांबर वस्त्र धारण किए हैं और पूरे गर्भगृह में दिव्य सजावट की गई है। पीएम मोदी ने पूजा के बाद मंदिर के विभिन्न हिस्सों का अवलोकन भी किया और सप्त ऋषियों के दर्शन किए।
👇 यहां पीएम मोदी और मोहन भागवत की पूजा का वीडियो देखें:
#WATCH अयोध्या ध्वजारोहण | श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले PM मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच श्री राम दरबार गर्भ गृह में दर्शन और पूजा की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025
(सोर्स: DD) pic.twitter.com/4BpaTICfdH#WATCH अयोध्या ध्वजारोहण | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और RSS प्रमुख मोहन भागवत ने ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की पूजा की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025
(सोर्स-डीडी) pic.twitter.com/J7NSmKWVn5 - Nov 25, 2025 11:28 IST
साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक भव्य रोड शो
अयोध्या का माहौल आज पूरी तरह उत्सवमय रहा। प्रधानमंत्री मोदी ने साकेत कॉलेज से रामजन्मभूमि तक लगभग डेढ़ किलोमीटर लंबा रोड शो किया। स्कूली छात्रों ने काफिले पर पुष्पवर्षा की, विभिन्न स्थानों पर महिलाओं ने पारंपरिक स्वरूप में स्वागत किया। सड़कें “जय श्री राम” के उद्घोषों से गूंजती रहीं और पूरे मार्ग पर लोग दर्शन पाने को आतुर दिखे।
#LIVE | राम मंदिर के ऐतिहासिक ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री @narendramodi अयोध्या पहुंचे, इस अवसर पर पीएम मोदी ने भव्य रोड शो किया, स्थानीय लोगों ने उनका पुष्प वर्षा कर स्वागत किया
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) November 25, 2025
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मंदिर परिसर में पूजा के विशेष क्षण
मंदिर परिसर में पूजा के विशेष क्षण
प्रधानमंत्री मोदी ने रामदरबार में विधिविधान से पूजा की और भगवान शेषावतार लक्ष्मण के समक्ष नमन किया। इसके बाद वह मंदिर के जलाशय क्षेत्र में भी पहुंचे, जहां तैयारियों की विस्तृत समीक्षा की। पूरा परिसर सुरक्षा घेरों से घिरा रहा, जबकि संघ प्रमुख मोहन भागवत लगातार साथ में उपस्थित रहे।#WATCH अयोध्या ध्वजारोहण | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर में ऐतिहासिक ध्वजारोहण से पहले शेषावतार मंदिर में पूजा-अर्चना की।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 25, 2025
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