लोकसभा में टीएमसी सांसद ने सिंधिया को ‘लेडी किलर’ कहा, भाजपा ने की सस्पेंशन की मांग
लोकसभा में बुधवार को टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ‘लेडी किलर’ कह दिया, जिससे संसद में हंगामा मच गया। इस टिप्पणी के बाद भाजपा ने बनर्जी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए उन्हें सस्पेंड करने की अपील की।
विवाद की शुरुआत
दरअसल, कल्याण बनर्जी लोकसभा में डिजास्टर मैनेजमेंट (आपदा प्रबंधन) पर अपने विचार रख रहे थे। । यह बहस कोविड के मुद्दे तक पहुंच गई, जिस पर दोनों सांसदों के बीच तीखी बहस हुई।
इस दौरान पीठासीन अधिकारी ए. राजा ने दोनों सांसदों को शांत करने की कोशिश की, लेकिन कल्याण बनर्जी ने इस बीच अपनी बात जारी रखी। सिंधिया ने जब कहा कि “किसके चेहरे पर खलबली है और किसके चेहरे पर मुस्कान है, आप खुद समझ सकते हैं,” तो कल्याण बनर्जी ने जवाब दिया, “सिंधिया जी, आप बहुत सुंदर दिखते हैं, तो यह जरूरी नहीं कि आप अच्छे आदमी भी हों। आप विलेन भी हो सकते हैं।”
सिंधिया की प्रतिक्रिया
सिंधिया ने इस टिप्पणी पर नाराजगी जताई और कहा, “आप व्यक्तिगत टिप्पणी कर रहे हैं। मेरा नाम ज्योतिरादित्य सिंधिया है। अगर आप मेरे परिवार के बारे में गलत बोलेंगे, तो मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा।” इस बयान के बाद सदन में हंगामा और भी बढ़ गया।
भा.ज.पा. की प्रतिक्रिया
भा.ज.पा. के सांसदों ने इस विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कल्याण बनर्जी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की व्यक्तिगत टिप्पणियां सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भाजपा ने मांग की कि कल्याण बनर्जी को सस्पेंड किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसे अभद्र व्यवहार से बचा जा सके।
संसद में हंगामा और कार्यवाही स्थगित
भा.ज.पा. के सांसदों के हंगामे के बाद संसदीय कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही में व्यवधान आया, और सांसदों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए।
टीएमसी का पक्ष
वहीं, टीएमसी के नेताओं ने कहा कि कल्याण बनर्जी ने कोई गलत नहीं कहा। उनका उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक संदर्भ में अपनी बात रखना था। टीएमसी ने यह भी कहा कि भाजपा ने एक सामान्य बहस को मुद्दा बना दिया है और इसे राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है।
यह घटना संसद में हुए एक तात्कालिक विवाद को उजागर करती है, जहां विपक्ष और सत्ता के बीच तेज़ विचार-विमर्श के दौरान व्यक्तिगत टिप्पणियां हो गईं। अब यह देखना होगा कि भाजपा की सस्पेंशन की मांग पर सरकार क्या कदम उठाती है और इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई होती है।